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Subject | Disaster Management आपदा प्रबन्धन (खण्ड-ख) |
Chapter | 3: प्राकृतिक आपदा एवं प्रबंधन : भूकंप एवं सुनामी |
Class | Tenth |
Category | Bihar Board Class 10 Solutions |
Bihar Board Class 10 Disaster Management Chapter 3 Solutions
प्राकृतिक आपदा एवं प्रबंधन : भूकंप एवं सुनामी
वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. महासागर के तली पर होनेवाले कंपन को किस नाम से जाना जाता है?
(क) भूकंप
(ख) चक्रवात
(ग) सुनामी
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- (ग) सुनामी
प्रश्न 2. 2 दिसम्बर, 2004 को विश्व के किस हिस्से में भयंकर सनामी आया था?
(क) पश्चिम एशिया
(ख) प्रशांत महासागर
(ग) अटलांटिक महासागर
(घ) बंगाल की खाड़ी
उत्तर- (घ) बंगाल की खाड़ी
प्रश्न 3. भूकंप से पृथ्वी की सतह पर पहुँचने वाली सबसे पहली तरंग को किस नाम से जाना जाता है?
(क) पी-तरंग
(ख) एस-तरंग
(ग) एल-तरंग
(ग) टी-तरंग
उत्तर- (क) पी-तरंग
प्रश्न 4. भूकंप केन्द्र के उर्ध्वाधर पृथ्वी पर स्थित केन्द्र को क्या कहा जाता है?
(क) भूकंप केन्द्र
(ख)- अधिकेन्द्र
(ग) अनुकेन्द्र
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- (ग) अनुकेन्द्र
प्रश्न 5. भूकंप अथवा सुनामी से बचाव का इनमें से कौन-सा तरीका सही नहीं है?
(क) भूकंप के पूर्वानुमान को गंभीरता से लेना ।
(ख) भूकंप विरोधी भवनों का निर्माण करना .
(ग) गैर-सरकारी संगठनों द्वारा राहत कार्य हेतु तैयार रहना
(घ) भगवान भरोसे बैठे रहना।
उत्तर- (घ) भगवान भरोसे बैठे रहना।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. भूकम्प के केन्द्र एवं अधिकेन्द्र के बीच अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर-
प्रश्न 2. भूकंपीय तरंगों से आप क्या समझते है? प्रमुख भूकंपीय तरंगों के नाम लिखिए।
उत्तर- भूकंप के कारण पृथ्वी के भीतर पैदा होने वाली कंपन ऊर्जा ही भूकंपीय तरंगें कहलाती हैं. ये तरंगें हर दिशा में फैलती हैं. प्रमुख भूकंपीय तरंगें तीन प्रकार की होती हैं:
- P-तरंगें ( प्राथमिक तरंगें ): ये सबसे तेज तरंगें होती हैं जो माध्यम को संपीडित और विरलित करती हुई चलती हैं.
- S-तरंगें ( द्वितीयक तरंगें ): ये P-तरंगों से धीमी होती हैं और माध्यम को क shearing करती हुई चलती हैं.
- L-तरंगें ( लंबी तरंगें ): ये सबसे धीमी तरंगें होती हैं जो पृथ्वी की सतह पर सबसे ज्यादा क्षति पहुंचाती हैं.
प्रश्न 3. भूकंप और सुनामी के बीच अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
प्रश्न 4. सुनामी से बचाव के लिए कोई तीन.उपाय बताइए।’
उत्तर-
सुनामी से बचाव के तीन उपाय:
- भूकंप के झटके महसूस होने या सुनामी की चेतावनी सुनते ही बिना रुके ऊँची जगह पर चले जाएँ.
- तट से दूर रहें और नदियों के किनारों से बचें.
- आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन करें.
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. भूकंप क्या है ? भारत को प्रमुख भूकंप क्षेत्रों में वभाजित करते हुए सभी क्षेत्रों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर- भूकंप धरती के अंदर होने वाली हलचल के कारण उत्पन्न होने वाले कंपन हैं। जब धरती की प्लेटें आपस में टकराती हैं, खिसकती हैं या टूटती हैं, तो धरती की सतह पर भूकंप आता है।
भारत को भूकंप के आधार पर पांच क्षेत्रों में बांटा गया है:
क्षेत्र 5 (अत्यधिक खतरा):
हिमालय और उससे जुड़े पहाड़ी क्षेत्र (जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम) , कच्छ का रण (गुजरात)
क्षेत्र 4 (उच्च खतरा):
दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल
क्षेत्र 3 (मध्यम खतरा):
राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गोवा
क्षेत्र 2 (कम खतरा):
पंजाब, हरियाणा
क्षेत्र 1 (बहुत कम खतरा):
पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्से
प्रत्येक क्षेत्र की विशेषताएं:
क्षेत्र 5:
सबसे अधिक भूकंप खतरा
भूकंप की तीव्रता अधिक
भारी तबाही का खतरा
क्षेत्र 4:
भूकंप का खतरा अधिक
भूकंप की तीव्रता मध्यम से उच्च
मध्यम से भारी तबाही का खतरा
क्षेत्र 3:
भूकंप का खतरा मध्यम
भूकंप की तीव्रता मध्यम
कम से मध्यम तबाही का खतरा
क्षेत्र 2:
भूकंप का खतरा कम
भूकंप की तीव्रता कम
कम तबाही का खतरा
क्षेत्र 1:
सबसे कम भूकंप खतरा
भूकंप की तीव्रता कम
बहुत कम तबाही का खतरा
नोट: भूकंप का खतरा किसी भी क्षेत्र में निश्चित नहीं होता। भूकंप कभी भी, कहीं भी आ सकता है।
यह जानना महत्वपूर्ण है कि भूकंप से बचाव कैसे करें और आपातकालीन स्थिति में क्या करें।
यह भी ध्यान रखें कि यह जानकारी सामान्य जानकारी के लिए है। भूकंप के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप भूकंप विज्ञानियों और आपदा प्रबंधन विशेषज्ञों से संपर्क कर सकते हैं।
प्रश्न 2. सुनामी से आप क्या समझते हैं ? सुनामी से बचाव के उपायों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर- सुनामी लंबी और ऊंची समुद्री लहरों की श्रृंखला होती है, जो अक्सर海底 (samudra tal) में भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट या किसी बड़े उल्कापिंड के गिरने से पैदा होती है. ये लहरें खुले समुद्र में तो कम ऊंचाई की होती हैं, लेकिन किनारे के पास पहुंचकर ऊंचाई में अचानक वृद्धि कर लेती हैं, जिससे भारी तबाही होती है.
सुनामी से बचाव के उपाय
- सतर्क रहें: समुद्री इलाकों में रहने वाले लोगों को भूकंप के झटके महसूस होने पर तुरंत समुद्र तट से दूर ऊंचाई वाले स्थानों की ओर भाग जाना चाहिए.
- सरकारी चेतावनी: सरकारी विभागों द्वारा दी जाने वाली सुनामी की चेतावनियों को गंभीरता से लें और आश्रय स्थलों पर चले जाएं.
- निशानों का पालन करें: तटीय इलाकों में आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा लगाए गए सुनामी के खतरे वाले क्षेत्रों और सुरक्षित स्थानों को दर्शाने वाले निशानों का पालन करें.
- अपनी आपदा किट तैयार रखें: अपने घर में जरूरी सामानों जैसे दवाइयां, मशाल, रेडियो आदि से युक्त आपदा किट हमेशा तैयार रखें.
इन उपायों को अपनाकर हम सुनामी के खतरे को कम कर सकते हैं.
प्रश्न 3. भूकंप एवं सुनामी के विनाशकारी प्रभाव से बचने के उपायों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
भूकंप से बचाव
भूकंप के दौरान सबसे जरूरी है कि आप शांत रहें। यदि आप घर के अंदर हैं तो मजबूत मेज या तख्त के नीचे छिप जाएं। दीवारों से दूर रहें क्योंकि ये गिर सकती हैं। खुले क्षेत्र में खड़े हों और पेड़ों व बिजली की तारों से दूर रहें।
सुनामी से बचाव
भूकंप के तुरंत बाद या समुद्र में असामान्य हलचल देखने पर तट से दूर ऊंचाई वाले स्थान पर चले जाएं। सुनामी चेतावनी का पालन करें और रेडियो पर आपातकालीन निर्देश सुनें। लहरें कम होने का इंतजार ना करें, सुरक्षित स्थान पर ही रहें।
दोनों आपदाओं के लिए सर्वव्यापी उपाय
- अपने आसपास के भवन का भूकंपरोधी डिजाइन करवाएं।
- आपदा बचाव किट तैयार रखें जिसमें प्राथमिक चिकित्सा किट, टॉर्च, पानी और सूखा भोजन शामिल हो।
- आपदा प्रबंधन के बारे में जानकारी रखें और नियमित रूप से अभ्यास करें।
इस प्रकार से सावधानी और पूर्व तैयारी द्वारा भूकंप और सुनामी जैसी आपदाओं के विनाशकारी प्रभाव से बचा जा सकता है।
प्रश्न 4. भूकम्प और सुनामी के विनाशकारी प्रभावों का वर्णन करें और इनसे बचाव के उपाय बताएँ।
उत्तर-भूकंप और सुनामी के प्रभाव और बचाव के उपाय
भूकंप और सुनामी प्राकृतिक आपदाएँ हैं जो भारी तबाही मचा सकती हैं.
- भूकंप के प्रभाव: धरती का कंपन, इमारतों का गिरना, सड़कों में दरारें, आग लगना, बाढ़, भूस्खलन. इनसे जान-माल का भारी नुकसान होता है.
- सुनामी के प्रभाव: समुद्र में अचानक उठने वाली ऊंची ज्वार की लहरें, जो तटवर्ती इलाकों में भयंकर तबाही लाती हैं. इससे जनधन की भारी क्षति होती है.
इनसे बचाव के उपाय:
- भूकंपरोधी मकान बनाना.
- भूकंप के दौरान मजबूत मेज के नीचे या किसी मजबूत कोने में पनाह लेना.
- तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सुनामी की चेतावनी के संकेतों को जानना जरूरी है.
- आपदा प्रबंधन दल में शामिल होकर प्रशिक्षण प्राप्त करना.
इन उपायों से हम भूकंप और सुनामी के प्रभाव को कम कर सकते हैं.
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Bihar Board Class 10 Disaster Management Chapter 3 Solutions बिहार बोर्ड कक्षा 10 आपदा प्रबन्धन पाठ्यपुस्तक में पूछे गए प्रश्नों के विस्तृत उत्तर प्रदान करते हैं। समाधान विशेषज्ञ आपदा प्रबन्धन शिक्षकों द्वारा तैयार किए जाते हैं और छात्रों को पाठ्यपुस्तक में शामिल अवधारणाओं को समझने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। समाधान प्रमुख अवधारणाओं के चरण-दर-चरण स्पष्टीकरण प्रदान करते हैं और सीखी गई अवधारणाओं के विभिन्न वास्तविक-विश्व अनुप्रयोगों में अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। Bihar Board Class 10 Disaster Management Solutions कक्षा 10 की परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के साथ-साथ उन लोगों के लिए एक अमूल्य संसाधन है जो कॉलेज स्तर पर Disaster Management में अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाना चाहते हैं।