Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 12: विद्युत

Hello Students and Teachers. Are you searching for the Solutions of Bihar Board Class 10 Science Chapter 12? If yes then you have come to the right place. On this page, we have presented you with the Solutions of Chapter 12: विद्युत.

SubjectScience
Chapter12. विद्युत
ClassTenth
PartPhysics
CategoryBihar Board Class Solutions

Bihar Board Class 10 Science Chapter 12 Solutions

विद्युत

प्रश्न 1) विद्युत परिपथ का क्या अर्थ है?

उत्तर: किसी विधुत धारा के सतत तथा बंद पथ को विद्युत परिपथ कहते हैं।

प्रश्न 2) विद्युत धारा के मात्रक की परिभाषा लिखिए।

उत्तर: विधुत धारा का S.I. मात्रक ऐम्पियर है। 1 ऐम्पियर को निम्नवत् परिभाषित किया जा सकता है-“यदि किसी चालक में1 सेकण्ड में1 कूलॉम आवेश प्रवाहित होता है तो उत्पन्न विद्युत धारा का मान1 ऐम्पियर होगा।”

Table of Contents

प्रश्न 3) एक कूलॉम आवेश की रचना करने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या परिकलित कीजिए।

हल:
हम जानते हैं कि एक इलेक्ट्रॉन पर आवेश होता है = 1.6 x 10-19C
माना 1 कूलॉम आवेश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या = n
∴ ne = 1C ⇒ n x 1.6 x 10-19 C = 1C

n = 6.25 x 1018 इलेक्ट्रॉन

अनुच्छेद 12.2 पर आधारित

प्रश्न 1) उस युक्ति का नाम लिखिए जो किसी चालक के सिरों पर विभवांतर बनाए रखने में सहायता करती है।

उत्तर: उस युक्ति का नाम विद्युत सेल है जो किसी चालक के सिरों पर विभवांतर बनाए रखने में सहायता करती है।

प्रश्न 2) यह कहने का क्या तात्पर्य है कि दो बिंदुओं के बीच विभवांतर 1 v है?

उत्तर: दो बिंदुओं के बीच विभवांतर 17 है कथन का तात्पर्य है कि “प्रति कूलॉम आवेश के प्रवाहित होने पर कार्य करने की दर 1 जूल है।”

प्रश्न 3) 6 Vबैटरी से गुजरने वाले हर एक कूलॉम आवेश को कितनी ऊर्जा दी जाती है?

हल:
हम जानते हैं –
W = V x Q
W = 6 x 1
W = 6 जूल

अनुच्छेद 12.3से 12.5 पर आधारित

प्रश्न 1) किसी चालक का प्रतिरोध किन कारकों पर निर्भर करता है?

उत्तर:
किसी चालक का प्रतिरोध अग्रलिखित कारकों पर निर्भर करता है –

पदार्थ की प्रकृति पर
तार की लंबाई पर (R ∝ l)
तार के अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल पर
R = lA (A = πr2 or l x b)

प्रश्न 2) समान पदार्थ के दो तारों में यदि एक पतला तथा दूसरा मोटा हो तो इनमें से किसमें विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित होगी जबकि उन्हें समान विद्युत स्रोत से संयोजित किया जाता है? क्यों?

उत्तर: विद्युत धारा मोटे तार में से आसानी से प्रवाहित होगी, क्योंकि इसका प्रतिरोध पतले तार से कम होगा।

प्रश्न 3) मान लीजिए किसी वैद्युत अवयव के दो सिरों के बीच विभवांतर को उसके पर्व के विभवांतर की तुलना में घटाकर आधा कर देने पर भी उसका प्रतिरोध नियत रहता है। तब उस अवयव से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा में क्या परिवर्तन होगा?

उत्तर:
नियत ताप तथा प्रतिरोध पर
V ∝ I
अर्थात् विभवान्तर आधा हो जाने पर धारा भी आधी हो जाएगी।

प्रश्न 4) विद्युत टोस्टरों तथा विद्युत इस्तरियों के तापन अवयव शुद्ध धातु के न बनाकर किसी मिश्रातु के क्यों बनाए जाते हैं?

उत्तर: विद्युत टोस्टरों तथा विद्युत इस्तरियों के तापन अवयव शुद्ध धातु के न बनाकर किसी मिश्रातु के बनाये जाते हैं; क्योंकि मिश्रातु का प्रतिरोध शुद्ध धातु से अधिक होता है इसलिए वे सरलता से गर्म होकर ताप प्रदान करते हैं।

प्रश्न 5) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तालिका 12.2 में दिए गए आँकड़ों के आधार पर दीजिए –

(a) आयरन (Fe) तथा मरकरी (Hg) में कौन अच्छा विद्युत चालक है?
(b) कौन-सा पदार्थ सर्वश्रेष्ठ चालक है?

उत्तर:
(a) लोहा (आयरन); क्योंकि आयरन की प्रतिरोधकता मरकरी से कम है
(b) चाँदी: क्योंकि सारणी के आधार पर सिल्वर की प्रतिरोधकता सबसे कम है।

अनुच्छेद 12.6 और 12.6.1 पर आधारित

प्रश्न 1) किसी विद्युत परिपथ का व्यवस्था आरेख खींचिए जिसमें 2v के तीन सेलों की बैटरी, एक 50 प्रतिरोधक, एक 80 प्रतिरोधक, एक 120 प्रतिरोधक तथा एक प्लग कुंजी सभी श्रेणीक्रम में संयोजित हों।

उत्तर:
विद्युत परिपथ का व्यवस्था आरेख चित्र में प्रदर्शित है –

प्रश्न 2) प्रश्न 1 का परिपथ दुबारा खींचिए तथा इसमें प्रतिरोधकों से प्रवाहित विद्युत धारा को मापने के लिए ऐमीटर तथा 12Ω के प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर लगाइए। ऐमीटर तथा वोल्टमीटर के क्या पाठ्यांक होंगे?

उत्तर :

∵ तीनों प्रतिरोधक श्रेणीक्रम में संयोजित हैं। इसलिए कुल प्रतिरोधक होगा, R = 5- Ω + 8 Ω + 12 Ω = 25 Ω

अनुच्छेद 12.6.2 पर आधारित

प्रश्न 14) जब (a) 1 Ω तथा 106 Ω (b) 1 Ω, 103 Ω तथा 106 Ω के प्रतिरोध पार्श्वक्रम में संयोजित किए जाते हैं तो इनके तुल्य प्रतिरोध के संबंध में आप क्या निर्णय करेंगे?

उत्तर : 

(a) जब 1 Ω तथा 106 Ω के प्रतिरोध पार्श्वक्रम में संयोजित किए जाते हैं तो-

(b) यदि 1 Ω, 108 Ω तथा 106 Ω वाले प्रतिरोध पार्श्वक्रम में हैं तो कुल प्रतिरोध होगा-

इसमें भी कुल प्रतिरोध वह लगभग 1Ω या 1Ω से कम होगा क्योंकि पार्श्वक्रम में लगाए हुए प्रतिरोधों का कुल प्रतिरोध उन सबमें से सबसे छोटे प्रतिरोध से भी कम होता है।

प्रश्न 2) 100Ω का एक विद्युत लैम्प, 50Ω का एक विद्युत टोस्टर तथा 500Ω का एक जल फिल्टर 220v के विद्युत स्रोत से पार्यक्रम में संयोजित हैं।

उस विद्युत इस्तरी का प्रतिरोध क्या है जिसे यदि समान स्रोत के साथ संयोजित कर दें तो वह उतनी ही विद्युत धारा लेती है जितनी तीनों युक्तियाँ लेती हैं। यह भी ज्ञात कीजिए कि इस विद्युत इस्तरी से कितनी विद्युत धारा प्रवाहित होती है?

उत्तर : विद्युत् लैंप का प्रतिरोध = 100 Ω

विद्युत टोस्टर का प्रतिरोध = 50 Ω
विद्युत जल फिल्टर का प्रतिरोध = 500 Ω

= 7.04A

यदि विद्युत इस्तरी को उसी स्रोत के साथ संयोजित कर दें तो उसमें से भी समान विद्युत धारा I प्रवाहित होगी।

प्रश्न 3) श्रेणीक्रम में संयोजित करने के स्थान पर वैद्युत युक्तियों को पार्श्वक्रम में संयोजित करने के क्या लाभ हैं?

उत्तर: श्रेणीक्रम में संयोजित करने के स्थान पर वैद्युत युक्तियों को पार्यक्रम में संयोजित किया जाता है, क्योंकि यदि श्रेणीक्रम में संयोजित कोई वैद्युत युक्ति खराब हो जाती है तो पूरा परिपथ टूट जाता है अर्थात् सभी वैद्युत युक्तियाँ कार्य करना बंद कर देती हैं जबकि पार्श्वक्रम में ऐसा नहीं होता। पार्श्वक्रम में यदि एक वैद्युत युक्ति खराब भी हो जाती है तो शेष वैद्युत युक्तियाँ सुचारु रूप से कार्य करती रहती हैं।

इसके साथ-साथ वैद्युत युक्तियों को श्रेणीक्रम में जोड़ने पर तुल्य प्रतिरोध का मान बढ़ जाएगा जिससे बहुत अधिक ऊष्मा उत्पन्न होगी और आग लग जाएगी, इसके विपरीत पार्यक्रम में तुल्य प्रतिरोध का मान बहुत कम होता है, जिसके कारण आग लगने का कोई खतरा नहीं रहता है।

प्रश्न 4) 2 Ω, 3 Ω तथा 6Ω के तीन प्रतिरोधकों को किस प्रकार संयोजित करेंगे कि संयोजन का कुल प्रतिरोध – (a) 4 Ω, (b) 1 Ω हो?

उत्तर : (a) कुल प्रतिरोध 4Ω के लिए उपरोक्त तीन प्रतिरोधों को इस प्रकार जोड़ना चाहिए-

3Ω को 6Ω को पार्श्व क्रम में जोड़ने पर

                         3×6

कुल प्रतिरोध →    _______  = 2Ω

                       3+6

अब इस कुल प्रतिरोध को 2Ω वाले प्रतिरोध के साथ श्रेणीक्रम में लगाने पर-

अब कुल श्रेणीक्रम है = 2Ω + 2Ω = 4Ω.

(b) 1Ω का प्रतिरोध पाने के लिए 2Ω, 3Ω तथा 6Ω को पार्श्व क्रम में लगाना पड़ेगा। इससे कुल प्रतिरोध होगा-

प्रश्न 5) 4Ω, 8Ω, 1Ω तथा 24Ω प्रतिरोध की चार कुंडलियों को किस प्रकारसंयोजित करें कि संयोजन से –

(a) अधिकतम
(b) निम्नतम प्रतिरोध प्राप्त हो सके? (2016)

उत्तर : (a) यदि इन चारों प्रतिरोधों को श्रेणीक्रम में रखा जाए तो अधिकतम प्रतिरोध प्राप्त होगा-

Rs = 4Ω +8Ω + 12Ω + 24Ω = 48Ω.

(b) न्यूनतम प्रतिरोध पाने के लिए उपरोक्त चारों प्रतिरोधों को पार्यक्रम में रखा जाएगा।

अनुच्छेद 12.7 पर आधारित

प्रश्न 1) किसी विद्युत हीटर की डोरी क्यों उत्तप्त नहीं होती जबकि उसका तापन अवयव उत्तप्त हो जाता है?

उत्तर: विद्युत हीटर की डोरी कॉपर के मोटे तार की बनी होती है, जिसका प्रतिरोध उसके अवयव की उपेक्षा बहुत कम होता है। इसलिए यदि इन दोनों में से समान विद्युत धारा प्रवाहित हो तो अवयव का तापन
(I2 RT) डोरी के तापन की अपेक्षा बहुत अधिक होगा, इस प्रकार अवयव अत्यधिक गर्म होकर उत्तप्त होता है परंतु डोरी उत्तप्त नहीं होती क्योंकि वह अधिक गर्म नहीं होती।

प्रश्न 2) एक घंटे में 50v विभवांतर से 96000 कूलॉम आवेश को स्थानांतरित करने में उत्पन्न ऊष्मा परिकलित कीजिए।

उत्तर : Q = 96000 C, t= 1h = 60 x 60 = 3600s, V = 50 v

उत्पन्न ऊष्मा = QV, 96000C x 50 V = 48 x 105 जूल (J)

प्रश्न 3) 20 Ω प्रतिरोध की कोई विद्युत इस्तरी 5 A विद्युत धारा लेती है। 30 s में उत्पन्न ऊष्मा परिकलित कीजिए।

उत्तर : R= Ω, I = 5A, t =30 s

ऊष्मा परिकलन = I2 RT = (5)2 x 20 x 30 = 15000 J (जूल)

अनुच्छेद 12.7.1 और 12.8 पर आधारित

प्रश्न 1) विद्युत धारा द्वारा प्रदत्त ऊर्जा की दर का निर्धारण कैसे किया जाता है?

उत्तर : विद्युत धारा द्वारा प्रदत्त ऊर्जा की दर का निर्धारण विद्युत शक्ति द्वारा किया जाता है।

प्रश्न 2) कोई विद्युत मोटर 220v के विद्युत स्रोत से 5.0 A विद्युत धारा लेता है। मोटर की शक्ति निर्धारित कीजिए तथा 2 घंटे में मोटर द्वारा उपभुक्त ऊर्जा परिकलित कीजिए।

उत्तर : I = 5 A, Vs 220 V, t – 2h = 2 x 60 x 60 = 7200 s

शक्ति P = IV = 220×5 = 1100 w

उपभुक्त ऊर्जा, W = vit = 220 x 5 x 7200 = 792000 J

Bihar Board Class 10 Science विद्युत Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1) प्रतिरोध R के किसी तार के टुकड़े को पाँच बराबर भागों में काटा जाता है। इन टुकड़ों को फिर पार्यक्रम में संयोजित कर देते हैं। यदि संयोजन का तुल्य प्रतिरोध R’ है तो R/ R’ अनुपात का मान क्या है?

(a) 1/25
(b) 1/5
(c) 5
(d) 25

हल:
(d) 25
प्रत्येक कटे भाग का प्रतिरोध R/5 होगा।
अतः R1= R2 = R3 = R4 =R5 = R/5
1R′=1R1+1R2+1R3+1R4+1R5
= 5R + 5R + 5R + 5R + 5R = 25R
RR′ = 25

प्रश्न 2) निम्नलिखित में से कौन-सा पद विद्युत परिपथ में विद्युत शक्ति को निरूपित नहीं करता?

(a) I2R
(b) IR2
(c) VI
(d) V2/R

उत्तर:
(b) IR2

प्रश्न 3) किसी विद्युत बल्ब का अनुमतांक 220 V; 100 w है। जब इसे 110 V पर प्रचालित करते हैं तब इसके द्वारा उपभुक्त शक्ति कितनी होती है?

(a) 100 W
(b) 75 W
(c) 50 W
(d) 25 W

उत्तर:
(d) 25 W
सूत्र P =V2R से,
बल्ब का प्रतिरोध R = V2P = 220×220100 =484 Ω
∴ दसरी दशा में शक्ति खर्च p1 = V21R = 110×110484 =25W

प्रश्न 4) दो चालक तार जिनके पदार्थ, लंबाई तथा व्यास समान हैं, किसी विद्युत परिपथ में पहले श्रेणीक्रम में और फिर पार्श्वक्रम में संयोजित किए जाते हैं। श्रेणीक्रम तथा पार्श्वक्रम संयोजन में उत्पन्न ऊष्माओं का अनुपात क्या होगा?

(a) 1 : 2
(b) 2 : 1
(c) 1 : 4
(d) 4 : 1

उत्तर:
(c) 1 : 4
यदि एक तार का प्रतिरोध R है तो श्रेणी संयोजन का प्रतिरोध R1 = 2R व पार्श्व संयोजन का प्रतिरोध R2=R2 होगा।
यदि विभवान्तर V है तो ऊष्माओं का अनुपात =H1H2 = V2/R1V2/R2
R2R1=R/22R = 14 = 1 : 4

प्रश्न 5) किसी विद्युत परिपथ में दो बिंदुओं के बीच विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर को किस प्रकार संयोजित किया जाता है?

उत्तर: किसी विद्युत परिपथ में दो बिंदुओं के बीच विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर को पार्यक्रम में संयोजित किया जाता है।

प्रश्न 6) किसी ताँबे के तार का व्यास 0.5 mm तथा प्रतिरोधकता 1.6 x 10-8 Ω – mहै।10Ω प्रतिरोध का प्रतिरोधक बनाने के लिए कितने लंबे तार की आवश्यकता होगी? यदि इससे दोगुने व्यास का तार लें तो प्रतिरोध में क्या अंतर आएगा?

हल:
दिया है,
प्रतिरोधकता p = 1.6 x 10-8-m, प्रतिरोध R = 10 Ω,
व्यास 2 r = 0.5 m m = 5 x 10-4m
∴ त्रिज्या r =25 x 10-4m
∴ तार का अनुप्रस्थ क्षेत्रफल A = πr2 = 3.14 x (25 x 10-4 )2m2 = 19.625 x 10-8m2
सूत्र R =PlA से,
तार की लम्बाई, l = R×AP = 10Ω×19.625×10−8m21.6×10−8Ωm
= 12.26 x 103 m =122.6 m
व्यास दोगुना करने पर त्रिज्या r दोगुनी तथा अनुप्रस्थ क्षेत्रफल (A = πr2) चार गुना हो जाएगा।
∴ R ∝ 1A
∴ क्षेत्रफल चार गुना होने पर प्रतिरोध एक-चौथाई रह जाएगा।
अर्थात् नया प्रतिरोध R1= 14 R = 14 x 10 = 2.5 Ω

प्रश्न 7) किसी प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवांतर v के विभिन्न मानों के लिए उससे प्रवाहित विद्युत धाराओं I के संगत मान नीचे दिए गए हैं –

V (वोल्ट)      1.6        3.4        6.7        10.2      13.2

V तथा I के बीच ग्राफ खींचकर इस प्रतिरोधक का प्रतिरोध ज्ञात कीजिए।

उत्तर :

प्रश्न 8) किसी अज्ञात प्रतिरोध के प्रतिरोधक के सिरों से 12 v की बैटरी को संयोजित करने पर परिपथ में 2.5 mA विद्युत धारा प्रवाहित होती है। प्रतिरोधक का प्रतिरोध परिकलित कीजिए।

उत्तर :

प्रश्न 9) 9 v की किसी बैटरी को 0.2 Ω, 0.3 Ω, 0.4 Ω, 0.5 Ω तथा 12Ω के प्रतिरोधकों के साथ श्रेणीक्रम में संयोजित किया गया है। 12Ω के प्रतिरोधक से कितनी विद्युत धारा प्रवाहित होगी?

उत्तर :

प्रश्न 10) 176 Ω प्रतिरोध के कितने प्रतिरोधकों को पार्यक्रम में संयोजित करें कि 220V के विद्युत स्रोत से संयोजन से 5 A विद्युत धारा प्रवाहित हो?

उत्तर : I = 5A N= 220 V

प्रत्येक प्रतिरोधक का प्रतिरोध, r = 176 Ω

यदि n प्रतिरोधक, प्रत्येक की प्रतिरोधकता r को पार्यक्रम में संयोजित करें तो इच्छित प्रतिरोध हो

प्रश्न 11) यह दर्शाइए कि आप 60 प्रतिरोध के तीन प्रतिरोधकों को किस प्रकार संयोजित करेंगे कि प्राप्त संयोजन का प्रतिरोध – (i)9 Ω, (ii) 2 Ω हो।

उत्तर : (i) 6 Ω के तीन प्रतिरोधकों से 9 Ω का प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए हमें दो प्रतिरोधकों को पार्यक्रम तथा अन्य को इनके श्रेणीक्रम में लगाना होगा।

(ii) 2 Ω प्रतिरोधकता प्राप्त करने के लिए हमें तीनों प्रतिरोधों को पार्यक्रम में लगाना होगा।

प्रश्न 12) 220 V की विद्युत लाइन पर उपयोग किए जाने वाले बहुत-से बल्बों का अनुमतांक 10 w है। यदि 220V लाइन से अनुमत अधिकतम विद्युत धारा 5 A है तो इस लाइन के दो तारों के बीच कितने बल्ब पार्श्वक्रम में संयोजित किए जा सकते हैं?

       V2         (220)2

उत्तर: प्रत्येक बल्ब का प्रतिरोध, r = ____ ______ = 4840 Ω

 P          10

   220 V

परिपथ की कुल प्रतिरोधकता, R = ________ ______ = 44 Ω

5 V

मान लीजिए कि बल्बों की संख्या n है और प्रतिरोधकता R प्राप्त करने के लिए

r                 r              4840

R = __or n  =  _______  _________ =  Ω =  110

n                  R                       44 Ω

प्रश्न 13) किसी विद्युत भट्ठी की तप्त प्लेट दो प्रतिरोधक कुंडलियों A तथा B की बनी हैं जिनमें प्रत्येक का प्रतिरोध 24 62 है तथा इन्हें पृथक्-पृथक्, श्रेणीक्रम में अथवा पार्श्वक्रम में संयोजित करके उपयोग किया जा सकता है।

यदि यह भट्ठी 220V विद्युत स्रोत से संयोजित की जाती है तो तीनों प्रकरणों में प्रवाहित विद्युत धाराएँ क्या हैं?

हल:
दिया है, V = 220V, प्रतिरोध R1 = R2 = 24Ω
प्रथम स्थिति जब प्लेटें श्रेणीक्रम में संयोजित की जाती हैं।
R = 24 + 24 = 48 Ω
I = VR = 22048A
= 4.6 A (लगभग)

द्वितीय स्थिति जब प्लेटें पार्श्वक्रम में संयोजित की जाती हैं।
1R = 124 + 124
1R = 1+124
1R = 224
R = 242
R = 12 Ω
I = IR = 22012A = 18.3A(लगभग)
तृतीय स्थिति जब केवल एक ही प्लेट जुड़ी है।
I = VR = 22024 A = 9.2 A (लगभग)

प्रश्न 14) निम्नलिखित परिपथों में प्रत्येक में 2Ω प्रतिरोधक द्वारा उपभुक्त शक्तियों की तुलना कीजिए:

  • 6 vकी बैटरी से संयोजित 1Ω तथा 2Ω श्रेणीक्रम संयोजन
  • 4 V बैटरी से संयोजित 12Ω तथा 2Ω का पावक्रम संयोजन।

हल:

दिया है, V = 6V, R = 1 + 2 = 3Ω
धारा, I = VR = 63 A = 2A
Bihar Board Class 10 Science Solutions Chapter 12 विद्युत – 16
∴ 2Ω के प्रतिरोधक द्वारा उपयोग शक्ति
P1 = I2R = (2)2 x 2 =4 x 2 = 8 w

दिया है, V = 4V
(पार्श्वक्रम में दोनों प्रतिरोधों के लिए V का मान समान होगा)।
R =22
धारा, I = VR = 42 A = 2A
धारा, P2 = VI = 4 x 2 = 8w

प्रश्न 15) दो विद्युत लैम्प जिनमें से एक का अनुमतांक 100 w; 220 V तथा दूसरे का 60 W; 220 है, विद्युत मेंस के साथ पार्यक्रम में संयोजित हैं। यदि विद्युत आपूर्ति की वोल्टता 220 V है तो विद्युत में से कितनी धारा ली जाती है?

हल:

अनुमतांक 100 W; 220 V वाले लैंप द्वारा ली गई विद्युत धारा

इसी प्रकार, अनुमतांक 60 W; 220 V वाले विद्युत लैंप द्वारा ली गई विद्युत धारा का मान-

प्रश्न 16) किसमें अधिक विद्यत ऊर्जा उपभक्त होती है : 250wका टी०वी० सेट जो एक घंटे तक चलाया जाता है अथवा 120 W का विद्युत हीटर जो 10 मिनट के लिए चलाया जाता है?

हल:

उपयुक्त ऊर्जा, H = Pt

टी. वी. सेट के लिए शक्ति, P = 250 W

समय, t = 1 घंटा = 3600 sec

H = P × t

= 250 × 3600

= 900000

उपयुक्त ऊर्जा, H = 900000 J

विद्युत हीटर लिए शक्ति, P = 120 W

समय, t = 10 मिनट = 600 sec

H = P × t

= 1200 × 600

= 720000

उपयुक्त ऊर्जा, H = 720000 J

टी. वी. सेट में अधिक ऊर्जा उपभुक्त होती है।

प्रश्न 17) 8Ω प्रतिरोध का कोई विद्युत हीटर विद्युत मेंस से 2 घंटे तक 15 A विद्युत धारा लेता है। हीटर में उत्पन्न ऊष्मा की दर परिकलित कीजिए।

हल:

हीटर का प्रतिरोध R = 8 Ω
हीटर द्वारा ली गई विद्युत धारा I = 15 A
समय (t) = 2 घंटे = (2 × 60 × 60) सेकंड = 7200 सेकंड
∴ हीटर में उत्पन्न ऊष्मा की दर = `”H”/”t” = (“I”^2″Rt”)/”t” = “I”^2″R”` 

प्रश्न 18) निम्नलिखित को स्पष्ट कीजिए

(a) विद्युत लैम्पों के तंतुओं के निर्माण में प्रायः एकमात्र टंगस्टन का ही उपयोग क्यों किया जाता है?
(b) विद्यत तापन युक्तियों जैसे ब्रेड-टोस्टर तथा विद्युत इस्तरी के चालक शुद्ध धातुओं के स्थान पर मिश्रातुओं के क्यों बनाए जाते हैं?
(c) घरेलू विद्युत परिपथों में श्रेणीक्रम संयोजन का उपयोग क्यों नहीं किया जाता है?
(d) किसी तार का प्रतिरोध उसकी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल में परिवर्तन के साथ किस प्रकार परिवर्तित होता है?
(e) विद्युत संचारण के लिए प्रायः कॉपर तथा ऐलुमिनियम के तारों का उपयोग क्यों किया जाता है?

उत्तर:
(a) विद्युत लैम्पों के तंतुओं के निर्माण में प्रायः एकमात्र टंगस्टन का ही उपयोग किया जाता है; क्योंकि इसका गलनांक तथा प्रतिरोध बहुत उच्च होता है। उच्च प्रतिरोध होने के कारण यह बहुत अधिक ऊष्मा उत्पन्न करता है जिसके कारण यह चमकता है और प्रकाश देता है तथा उच्च गलनांक होने के कारण यह उच्च ताप पर भी पिघलता नहीं है।
(b) पृष्ठ 243 पर प्रश्न संख्या 4 का उत्तर देखें।
(c) पृष्ठ 245 पर प्रश्न संख्या 3 का उत्तर देखें।
(d) हम जानते हैं, R ∝ p lA
जहाँ R = तार का प्रतिरोध; p = तार की प्रतिरोधकता; 1 = तार की लम्बाई तथा A = अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल
R ∝ lA = R ∝ lπr2 a
R ∝ lr2
इसलिए यदि किसी तार के अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल घटता है तो उसका प्रतिरोध बढ़ता है जबकि यदि अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल बढ़ता है तो उसका प्रतिरोध घटता है।
(e) हम जानते हैं कि चाँदी, ताँबा तथा ऐलुमिनियम विद्युत के सबसे अच्छे सुचालक हैं। चूँकि चाँदी धातु बहुत महँगी है इसलिए विद्युत संचारण करने के लिए ताँबा तथा ऐलुमिनियम धातु के तारों का प्रयोग किया जाता है।

Bihar Board Class 10 Science Solutions comes with a lot of benefits. It helps the students in preparing for their exams and also provides them with an opportunity to get better grades. The solutions provided by Bihar Board Class 10 Science Solutions are comprehensive and cover all the topics that are included in the syllabus of class 10 science. These solutions are prepared by experts who have in-depth knowledge of the subject. The solutions are designed in such a way that they help the students understand the concepts easily and score good marks in their exams.

Bihar Board Class 10 Science Solutions बहुत सारे लाभ लेकर आता है। यह छात्रों को उनकी परीक्षा की तैयारी में मदद करता है और उन्हें बेहतर ग्रेड प्राप्त करने का अवसर भी प्रदान करता है। Bihar Board Class 10 Science Solutions द्वारा प्रदान किए गए समाधान व्यापक हैं और उन सभी विषयों को शामिल करते हैं जो कक्षा 10 विज्ञान के पाठ्यक्रम में शामिल हैं। ये समाधान उन विशेषज्ञों द्वारा तैयार किए जाते हैं जिन्हें विषय का गहन ज्ञान होता है। समाधान इस तरह से डिज़ाइन किए गए हैं कि वे छात्रों को अवधारणाओं को आसानी से समझने और उनकी परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने में मदद करते हैं।

Leave a Comment