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विषय | सामाजिक विज्ञान |
पाठ | 2. धर्मनिरपेक्षता और मौलिक अधिकार |
वर्ग | 8th |
भाग | सामाजिक आर्थिक एवं राजनीतिक जीवन भाग 3 |
Category | Bihar Board Class 8 Solutions |
Bihar Board Class 8 Civics Solutions Chapter 2
धर्मनिरपेक्षता और मौलिक अधिकार
पाठगत प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
क्या आपको लगता है कि हमारे देश में लोगों को अपने धर्म को मानने व उसका प्रसार करने की छूट दी गई है ? ऊपर दिए गए रिक्त स्थान में इस विषय पर अपने विचार अभिव्यक्त कीजिए।
उत्तर-
हाँ, हमारे देश के लोगों को अपने धर्म को मानने व उसका प्रसार करने की छूट दी गई है। तभी तो हमारे देश में दुनिया के हर धर्म को मानने वाले शांति से रह रहे हैं और अपने धर्मों का प्रचार-प्रसार सुविधाजनक रूप से कर पा रहे हैं।
प्रश्न 2.
भारत में मुख्य तौर पर किन-किन धर्मों के लोग रहते हैं ?
उत्तर-
भारत में मुख्य तौर पर इन धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैंहिन्दू, इस्लाम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और यहूदी।
प्रश्न 3.
भारत के संविधान निर्माताओं के सामने कानून बनाते समय धर्म, सम्बन्धित क्या चुनौतियाँ थीं?
उत्तर-
भारत के संविधान निर्माताओं के सामने इस बात की चुनौती थी कि कैसे यह सुनिश्चित करें कि धर्म के नाम पर किसी धार्मिक सम्प्रदाय को दबाया नहीं जाएगा। साथ ही किसी भी धर्म को मानने की आजादी किसी भी व्यक्ति से छीनी नहीं जाएगी।
प्रश्न 4.
भारत में लोगों के बीच किस तरह की भिन्नताएँ पाई जाती हैं ?
उत्तर-
भारत में लोगों के बीच धर्म, भाषा, रहन-सहन, खान-पान, विचारों आदि की भिन्नताएँ पाई जाती हैं।
प्रश्न 5.
एक उदाहरण देकर धर्मनिरपेक्षता का मतलब समझाइए।
उत्तर-
राज्य सरकार न तो किसी धर्म को बढ़ावा दे सकती है और नही किसी धर्म को दबा सकती है।
प्रश्न 6.
एक सरकारी कार्यालय का स्वागत कक्ष किसी एक धर्म की तस्वीरों से सजाया गया है। क्या यह तथ्य धर्मनिरपेक्षता के किसी पहलू का उल्लंघन है ? कारण सहित समझाइए।
उत्तर-
हमारा संविधान सरकार को किसी भी एक धर्म को बढ़ावा देने से रोकती है। यदि एक सरकारी कार्यालय में किसी एक ही धर्म की तस्वीरें हों तो यह धर्मनिरपेक्षता का सरासर उल्लंघन है
प्रश्न 7.
भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। फिर भी यहाँ कुछ धर्मों के लोगों को विशेष रियायतें क्यों दी गई हैं ?
उत्तर-
हमारा संविधान अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध है ताकि उनकी भाषाई और सांस्कृतिक अस्मिता की रक्षा हो पाए। इसलिए हमारे देश में कुछ धर्मों के लोगों को विशेष रियायतें प्रदान की गई हैं।
प्रश्न 8.
समता के मौलिक अधिकारों में समता के किन-किन बिन्दुओं को शामिल किया गया है ?
उत्तर-
कानून की नजर में सभी लोग समान हैं। देश का कानून सभी नागरिकों को एक समान सुरक्षा प्रदान करेगा।
धर्म, जाति या लिंग के आधार पर किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा।
खेल के मैदान, होटल, दूकान इत्यादि सार्वजनिक स्थानों पर सभी को बराबर पहुँच का अधिकार होगा।
रोजगार के मामले में, राज्य किसी के साथ भेदभाव नहीं कर सकता।
छुआछूत किसी के भी साथ संज्ञेय अपराध माना गया है।
प्रश्न 9.
आप नीचे लिखी बातों में से कौन-कौन सी बातों को समता के अधिकार का हनन मानेंगे? चर्चा कीजिए।
प्रश्न (क)
आप किराए पर मकान लेना चाहते हैं और मकान मालिक आपकी जाति और धर्म जानना चाहते हैं।
उत्तर-
यह समता के अधिकार का हनन है। हमारा संविधान हर जाति और धर्म के लोगों को समान अधिकार देता है और कहीं भी रहने की छूट देता है।
प्रश्न (ख)
कुछ समुदायों को गाँव के भीतर नहीं बल्कि गाँव के बाहर . घर बनाने को कहा जाता है ?
उत्तर-
यह भी समता के अधिकार के हनन का मामला है। किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव करने की इजाजत हमारा संविधान नहीं देता है।
प्रश्न (ग)
कुछ समुदाय के सदस्य कई पूजा स्थानों पर इसलिए नहीं जाते क्योंकि उन्हें डर है कि उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जायेगा या मारा-पीटा जाएगा।
उत्तर-
यह भी उन लोगों के कहीं, किसी सार्वजनिक स्थान पर आजादीपूर्वक आने-जाने के अधिकार के हनन से समता के अधिकार के हनन का उदाहरण है।
प्रश्न 10.
मजदूरों के संगठन क्यों बनाए जाते हैं ?
उत्तर-
मजदूरों के हितों की रक्षा करके, उन्हें शोषण से बचाने व उनके अधिकारों की रक्षा करने के उद्देश्य से मजदूरों के संगठन बनाए जाते हैं।
प्रश्न 11.
लोग देश के विभिन्न भागों में जाकर क्यों रहना चाहते हैं ?
उत्तर-
रोजगार, व्यापार-कारोबार के द्वारा अपने लिए बेहतर जीवन पाने के उद्देश्य से लोग देश के विभिन्न भागों में जाकर रहना चाहते हैं।
प्रश्न 12.
लोग बंधुआ मजदूर क्यों बनते हैं ?
उत्तर-
जिन लोगों की सारी संपत्ति नष्ट हो गई होती है या जिनके पास कुछ भी जमीन-जायदाद शुरू से ही या बाद में किसी कारण से नहीं रह पाता, वे मजबूरी में बंधुआ मजदूर बन जाते हैं।
प्रश्न 13.
किन परिस्थितियों में किसी धार्मिक समुदाय की स्वतंत्रता पर सरकार कानून बनाकर रोक लगा सकती है?
उत्तर-
यदि किसी धार्मिक समुदाय के कोई रीति-रिवाज या प्रथा अमानवीय हो, उनसे किसी व्यक्ति, वर्ग या समाज को खतरा हो, शांति भंग “होने का अंदेशा हो, तो सरकार उस धार्मिक समुदाय की स्वतंत्रता पर कानून बनाकर रोक लगा सकती है।
प्रश्न 14.
गरीबी के कारण कम मजदूरी पर काम करने के लिए मजबूर होने और बेगार में क्या अंतर है?
उत्तर-
गरीबी के कारण कम मजदूरी पर काम करने से कुछ पैसे तो मिलते हैं पर बेगार करने में कुछ भी पैसे नहीं मिलते । दया के रूप में कुछ भोजन या पुराने कपड़े मिल जाते हैं।
प्रश्न 15.
संविधान में आरक्षण क्यों और किसके लिए रखा गया है ? क्या यह समानता के सिद्धान्त के विरुद्ध नहीं है ? कारण सहित समझाइए।
उत्तर-
संविधान में आरक्षण अनुसूचित जाति, जनजाति व दबे-पिछड़े वर्गों के लिए रखा गया है। यह समानता के सिद्धान्त के विरुद्ध नहीं है । चूंकि इन वर्गों को सदियों से दबा-कुचलकर रखा गया था। इन्हें आरक्षण देकर अन्य आम वर्गों के समकक्ष लाकर उन्हें समता प्रदान करने के लिए आरक्षण देना उचित है।
प्रश्न 16.
समता के ऐसे दो प्रावधानों के बारे में बताइये जिसमें धर्मनिरपेक्षता के महत्व की झलक दिखती है।
उत्तर-
धर्म, जाति, लिंग, नस्ल आदि के आधार पर किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा।
देश में ऐसे कानून बनाए जाएँगे जो देश के सभी नागरिकों पर लागू हों व किसी एक धर्म के विश्वासों और मान्यताओं पर आधारित न हों।
प्रश्न 17.
नीचे लिखी तालिका को शिक्षक/शिक्षिका की सहायता से पूरा
करें-
प्रश्न 18.
अल्पसंख्यकों को अपनी संस्कृति व शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए कौन-कौन से अधिकार दिये गये हैं?
उत्तर-
सभी अल्पसंख्यकों को, चाहे वे धर्म के आधार पर हों या भाषा के आधार पर, अपनी विचारधारा की शिक्षा संस्थाओं की स्थापना करने और चलाने का अधिकार है।
अल्पसंख्यक समूहों को अपनी संस्कृति और भाषा की रक्षा के लिए शैक्षणिक संस्थाएँ स्थापित करने और उन्हें चलाने की स्वतंत्रता है।
अगर ऐसी संस्थाएँ अनुदान एवं मान्यता के लिए जरूरी शतें पूरी करती हैं तो सरकार उन्हें अनुदान व मान्यता देती हैं।
प्रश्न 19.
अल्पसंख्यकों को दिये गये संस्कृति व शिक्षा के अधिकार से धर्मनिरपेक्षता कैसे मजबूत होगी? उदाहरण देकर समझाइये।
उत्तर-
अल्पसंख्यकों को जब संस्कृति व शिक्षा के अधिकार दिये जाते हैं तब उनमें सुरक्षा की भावना जागृत होती है और वे इस देश को अपना देश मान पूरी तरह से भावनात्मक रूप से जुड़ जाते हैं। इससे देश में शांति बनी रहती है और धर्मनिरपेक्षता मजबूत होती है कि इस देश में सभी धर्म के लोगों को अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, यानी वे सुरक्षित हैं, अपने-अपने धर्म व धार्मिक मान्यताओं के साथ ।
अभ्यास-प्रश्न
प्रश्न 1.
भारत में धर्मनिरपेक्षता की आवश्यकता क्यों है ? अपने शब्दों में समझाइये।
उत्तर-
भारत एक विशाल देश है । यहाँ विश्व के आठ प्रमुख धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं। यदि सभी धर्म के लोग यहाँ शांतिपूर्ण ढंग से न रहें तो देश में दंगों की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी जिससे गृह-युद्ध जैसी आशंका भी बन जा सकती है। इससे देश अस्थिर हो जाएगा और उसकी राजनीतिक संप्रभुता तक खतरे में पड़ जाएगी। अतः देश में शांति-व्यवस्था बनी रहे जिससे देश में प्रगति संभव हो, इसके लिए देश में धर्मनिरपेक्षता की स्थिति बने रहना आवश्यक है।
प्रश्न 2.
धर्मनिरपेक्षता में मुख्य रूप से कौन-कौन-सी बातें शामिल हैं ?
उत्तर-
- देश की धार्मिक विविधता को बरकरार रखा जाए और साथ ही सभी लोगों को अपना-अपना धर्म मानने और उसका प्रचार-प्रसार करने की आजादी दी जाए।
- पर्म के नाम पर किसी धार्मिक संप्रदाय को दबाया नहीं जाएगा।
- राज्य सरकार किसी एक धर्म को महत्त्व नहीं देगी और अपने कानून, नियम व नीतियाँ किसी एक धर्म को आधार रखकर नहीं बनायेगी।
- सभी लोगों को अपनी-अपनी धार्मिक मान्यताओं व तौर-तरीकों को अपनाने की पूरी आजादी है।
- किसी एक धर्म को मानने वाले लोग यदि अधिक संख्या में हैं, तो उनको राज्य की तरफ से कोई विशेष स्थान या रियायतें नहीं दी जाएंगी।
प्रश्न 3.आपके विचार में भारत में धर्मनिरपेक्षता को लागू करने के लिए कौन-से मौलिक अधिकार शामिल हैं और क्यों?
उत्तर-
भारत में धर्मनिरपेक्षता को लागू करने के लिए ये मौलिक अधिकार शामिल हैं
- समानता का अधिकार ।
- स्वतंत्रता का अधिकार |
- धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार ।
- सांस्कृतिक और शैक्षणिक अधिकार ।
इन अधिकारों के द्वारा देश में धर्मनिरपेक्षता को पष्ट किया गया है। समानता के अधिकार के तहत कानून की नजर में प्रत्येक नागरिक को समान माना गया है। यानी देश का कानून सभी नागरिकों को एक समान सुरक्षा करेगा । सार्वजनिक स्थानों पर जाने से किसी भी व्यक्ति को रोक नहीं होगी। कोई किसी आधार पर किसी के साथ छुआछूत नहीं करेगा।
स्वतंत्रता के अधिकार के तहत देश के प्रत्येक नागरिक को चाहे व किसी भी धर्म का हो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होगी, भाषण की आजादी होगी. संगठन बनाने की स्वतंत्रता होगी, देश के किसी भी भाग में जाकर बसने, रोजगार व व्यापार करने की स्वतंत्रता होगी। इस प्रकार सभी को समानता दी “गयी है। धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के तहत सभी नागरिकों को पूरी धार्मिक स्वतंत्रता दी गई है। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी इच्छा का धर्म अपनाने, उसका प्रचार-प्रसार करने का अधिकार दिया गया है।
सांस्कृतिक और शैक्षणिक अधिकार के तहत धार्मिक या भाषाई, सभी अल्पसंख्यक समुदाय अपनी संस्कृति की रक्षा और विकास के लिए अपने-अपने शैक्षणिक संस्थान खोल सकते हैं।
प्रश्न 4.
अगर किसी धर्म के लोग मानते हैं कि नवजात शिशुओं की हत्या करना उनके धर्म का जरूरी हिस्सा है. तो सरकार को ऐसी परंपराओं को रोकने के लिए दखल देना चाहिए कि नहीं ? कारण सहित समझाइए।
उत्तर-
हमारा संविधान प्रत्येक व्यक्ति को अपनी पसंद का धर्म मानने की इजाजत तो देता है पर धर्म के नाम पर किसी भी प्रकार के अमानवीय काम को अंजाम देने की इजाजत नहीं देता। ऐसे कृत्यों को कानून की दृष्टि से अपराध माना जाता है। अतः अगर किसी धर्म के लोग मानते हैं कि नवजात शिशुओं की हत्या करना उनके धर्म का जरूरी हिस्सा है, तो सरकार को ऐसी परंपराओं को रोकने के लिए अवश्य दखल देना चाहिए।
प्रश्न 5.
नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों का उत्तर दीजिए I
कई स्थानों पर हो रहे सांप्रदायिक दंगों के डर से एक गाँव की माहेलाओं का समूह पुलिस थाने में गया । वे एक लिखित शिकायत दर्ज करना चाहती थी और रहने के लिए एक सुरक्षित जगह या पुलिस की हिफाजत चाहती थीं । थानेदार जो कि दूसरे धार्मिक संप्रदाय का था, उन महिलाओं की प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखने से इंकार कर दिया। पुलिस ने उनको जरूरी सुरक्षा तक नहीं दी दूसरे दिन दंगाई भीड़ ने इन महिलाओं का घर जला दिया।
प्रश्न-
प्रश्न 1.
थानेदार ने धर्मनिरपेक्षता के मूल्य का पालन किया है या नहीं? अपने शब्दों में लिखिये।
उत्तर-
नहीं, थानेदार ने इस सम्बन्ध में धर्मनिरपेक्षता के मूल्य का पालन नहीं किया। कानून की दृष्टि में वैसे तो सब वर्ग समान हैं पर, साथ ही अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करना ही धर्मनिरपेक्षता की सुरक्षा होती है। अत: अल्पसंख्यकों की सुरक्षा न कर थानेदार ने धर्मनिरपेक्षता के मूल्य का पालन नहीं किया।
प्रश्न 2.
गद्यांश में दी गई परिस्थिति में एक धर्मनिरपेक्ष राज्य को क्या करना चाहिए?
उत्तर-
गद्यांश में दी गई परिस्थिति में एक धर्मनिरपेक्ष राज्य को अपने यहाँ रह रहे अल्पसंख्यक समुदाय के जान व माल की पूर्ण हिफ़ाजत करनी चाहिए।
प्रश्न 3.
दंगों में महिलाओं का असुरक्षित महसूस करना किस बात की ओर इशारा करता है?
उत्तर-
दंगों में महिलाओं का असुरक्षित महसूस करना इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि स्थानीय प्रशासन दंगाइयों को मौन समर्थन दे रही है और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के अपने कर्तव्य से मुकर रही है।