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विषय | सामाजिक विज्ञान |
पाठ | 1. संसाधन |
वर्ग | 8th |
भाग | भूगोल |
Category | Bihar Board Class 8 Solutions |
Bihar Board Class 8 Geography Solutions Chapter 1
संसाधन
अभ्यास-प्रश्न
I. बहुवैकल्पिक प्रश्न-
प्रश्न 1.
इनमें से कौन एक प्राकृतिक संसाधन है ?
(क) पंचायत भवन
(ख) विद्यालय
(ग) भूमि
(घ) हवाई अड्डा
उत्तर-
(ग) भूमि
प्रश्न 2.
इनमें कौन प्राकृतिक संसाधन नहीं है ?
(क) सूर्य
(ख) मिट्टी
(ग) जल
(घ) हवाई जहाज़
उत्तर-
(घ) हवाई जहाज़
प्रश्न 3.
केरल में पाया जाने वाला थोरियम किस प्रकार के संसाधन का उदाहरण है ?
(क) निजी
(ख) नवीकरणीय
(ग) संभाव्य
(घ) अनवीकरणीय
उत्तर-
(ग) संभाव्य
प्रश्न 4.
संसाधन निर्माण के लिए क्या आवश्यक है ?
(क) तकनीक
(ख) आवश्यकता
(ग) ज्ञान
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर-
(ग) ज्ञान
II. खाली स्थान को उपयुक्त शब्दों से पूरा करें।
- संसाधन के लिए मूल्य की अभिव्यक्ति ………… प्रकार से की जाती हैं।
- ………….. संसाधन क्षेत्र के विकास के लिए आधार का काम करते हैं।
- राजस्थान में पाया जाने वाला ताँबा ………….. संसाधन का उदाहरण है।
- …………… एवं शारीरिक क्षमता मानव को संसाधन बनाने के लिए आवश्यक है।
उत्तर-
- विविध
- मानव
- वास्तविक
- दिमागी।
III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें (अधिकतम 50 शब्दों में)
प्रश्न 1.
संसाधन की परिभाषा दें।
उत्तर-
मानवीय आवश्यकताओं को पूरा करने वाले सभी जीव-जंतु, वस्तुएँ एवं पदार्थ संसाधन कहलाते हैं।
प्रश्न 2.
संसाधन का वर्गीकरण करें।
उत्तर
प्रश्न 3.
प्राकृतिक संसाधन का संरक्षण क्यों ज़रूरी है ?
उत्तर-
प्राकृतिक संसाधन का संरक्षण जरूरी है। क्योंकि आवश्यकता एवं माँग के अनुसार इन संसाधनों को मानव अपने तकनीक एवं कौशल से उपयोग में लाता है।
प्रश्न 4.
नवीकरणीय संसाधन किसे कहा जाता है ? उदाहरण के साथ लिखें।
उत्तर-
नवीकरणीय संसाधन वैसे प्राकृतिक संसाधनों को कहा जाता है जिनकी पुनः पूर्ति प्राकृतिक रूप से होती रहती है । जैसे—सूर्य की किरणें एवं पवन ।
प्रश्न 5.
प्राकृतिक संसाधनों के वितरण में असमानता के कारणों को लिखें।
उत्तर-
जल एवं वन जैसे संसाधन जिनके भंडार या पुनः पूर्ति में मानवीय हस्तक्षेप के कारण रूकावटें आती हैं। यदि इन संसाधनों के प्रति मानव का हस्तक्षेप कम हो जाए तो वे स्वयं ही पुनः पूर्ति में लग जाएँगे।
IV. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें। (अधिकतम 200 शब्दों में)
प्रश्न 1.
संसाधन को परिभाषित कर उनका वर्गीकरण प्रस्तुत करें।
उत्तर-
मानवीय आवश्यकताओं को पूरा करने वाले सभी जीव-जंत. वस्तुएँ एवं पदार्थ संसाधन कहलाते हैं।
प्रश्न 2.
प्राकृतिक संसाधन का वर्गीकरण उपयुक्त उदाहरण के साथ प्रस्तुत करें।
उत्तर-
विकास एवं उपयोग की दृष्टि से प्राकृतिक संसाधन को दो भागों में बाँटा गया है।
- वास्तविक संसाधन-पश्चिम एशिया का पेट्रोलियम, आस्ट्रेलिया का सोना, झारखंड का अभ्रक, मध्य प्रदेश का मैंगनीज एवं राजस्थान का ताँबा
- संभाव्य संसाधन केरल में मिलने वाला थोरियम, लद्दाख में पाया जाने वाला यूरेनियम ।
उत्पत्ति के आधार पर प्राकृतिक संसाधन को दो भागों में बाँटा गया
- जैव संसाधन-पेड़-पौधे, वन, जीव-जंतु ।
- अजैव संसाधन खनिज, चट्टान, मिट्टी, भूमि, खेत, तालाब, नदी, झील।
उपलब्धता के आधार पर प्राकृतिक संसाधन को दो भागों में बाँटा गया है
- नवीकरणीय संसाधन – सूर्य की किरणे एवं पवन ।
- अनवीकरणीय संसाधन – लोहा, कोयला, पेट्रोलियम, अभ्रक ।
वितरण के आधार पर प्राकृतिक संसाधन को चार भागों में बाँटा गया
- सर्वत्र उपलब्ध संसाधन मिट्टी, पवन।
- स्थानिक संसाधन कोडरमा में पाया जाने वाला अभ्रक,
- जादूगोड़ा में मिलने वाला यूरेनियम,
- छोटानागपुर क्षेत्र में पाया जाने वाला कोयला ।
स्वामित्व के आधार पर प्राकृतिक संसाधन को तीन भागों में बाँटा – गया है
- निजी संसाधन-भूमि, तालाब ।
- राष्ट्रीय संसाधन-समुद्र तट से दूर 19.2 किलोमीटर क्षेत्र के अन्दर पाये जाने वाले संसाधन।
- अन्तर्राष्ट्रीय संसाधन खुला महासागर का क्षेत्र ।
प्रश्न 3.
“संसाधन बनाये जाते हैं।” उपर्युक्त उदाहरणों के साथ स्पष्ट करें।
उत्तर-
“संसाधन बनाये जाते हैं।” जैसे
नदी या मरुस्थल में पड़े बालू का वहाँ कोई उपयोग नहीं होता । परन्तु जब वहाँ से उठाकर बालू को निर्माण कार्य हेतु गाँव या शहर में लाया जाता है तब इसका उपयोग और मूल्य दोनों बदल जाते हैं। अत: यह कह सकते हैं कि संसाधन होते नहीं, बनाये जाते हैं।
प्रश्न 4.
संसाधन संरक्षण की आवश्यकता पर प्रकाश डालें।
उत्तर-
प्राकृतिक संसाधनों के बिना मानव जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। परन्तु इन संसाधनों के उपयोग की तकनीक एवं ठन संसाधनों की आवश्यकता का होना आवश्यक है। मनुष्य ने अपनी आवश्यकता पूर्ति के लिए प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन किया है। हमने इसका इस्तेमाल तो किया ही है इसे इस प्रकार प्रदूषित भी कर दिया है कि वे आज सीधे उपयोग के लायक नहीं रह गए हैं।
यही नहीं, हमने कई प्राकृतिक संसाधनों का इतना अधिक खनन एवं उपयोग किया है कि इनके भंडार धीरे-धीरे समाप्ति की ओर है। भविष्य में इनके भंडार खत्म होने की पूरी आशंका है। मानव के लिए इनका होना भविष्य में भी उतना ही जरूरी है जितना आज । मानव जीवन सतत् चलता रहे, इसके लिए यह जरूरी है कि हम इन अमूल्य प्राकृतिक संसाधनों का समुचित उपयोग सुनिश्चित कर इसे भविष्य के लिए संरक्षित करें।