Bihar Board Class 8 History Solutions Chapter 2: भारत में अंग्रेजी राज्य की स्थापना

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विषयसामाजिक विज्ञान
पाठ2. भारत में अंग्रेजी राज्य की स्थापना
वर्ग8th
भागइतिहास (अतीत से वर्तमान)
CategoryBihar Board Class 8 Solutions

Bihar Board Class 8 History Solutions Chapter 2

भारत में अंग्रेजी राज्य की स्थापना

पाठगत प्रश्नोत्तर

प्रश्न (i)

आठवीं शताब्दी में किस देश के व्यापारी भारत में व्यापार करने आए थे?
उत्तर-
आठवीं शताब्दी में अरब देश के व्यापारी भारत में व्यापार करने आए थे।

प्रश्न (ii)

1707 में मुगल बादशाह औरंगजेब की मृत्यु के पश्चात् भारत में कौन-कौन से राज्य बने?
उत्तर-
1707 में मुगल बादशाह औरंगजेब की मृत्यु के पश्चात् भारत में जिन नये राज्यों का उदय हुआ उनमें सबसे प्रमुख राज्य थे-बंगाल, अवध और हैदराबाद (निजाम), साथ ही मराठा राज्य, सिक्ख और जाटों के राज्य

प्रश्न (iii)

कुछ ऐसे यूरोपीय देशों के नाम बताएँ जो 15 वीं से 17 वीं शताब्दी के बीच व्यापार करने के उद्देश्य से हमारे देश में आए ?
उत्तर-
15वीं से 17वीं शताब्दी के बीच व्यापार करने के उद्देश्य से .. पुर्तगाल ने सबसे पहले भारत में अपनी व्यापारिक पैठ जमा ली थी। पुर्तगाली 15वीं शताब्दी में भारत आये थे। फिर सत्रहवीं शताब्दी में यूरोप के अन्य देश इंग्लैंड, हॉलैण्ड, (डच), डेनमार्क और फ्रांस के व्यापारियों ने भारत के साथ व्यापार करने के लिए अपनी-अपनी ईस्ट इंडिया कंपनी बनाई।

प्रश्न 2.

वास्कोडिगामा ने भारत से वापस जाते समय किन-किन वस्तुओं को खरीदा, सूची बनाइए।
उत्तर-
वास्कोडिगामा ने भारत से वापस जाते समय इन चीजों को खरीदा – काली मिर्च, नील, शोरा, सूती कपड़े, रेशम, मलमल के कपड़े और भारत के मसाले।

प्रश्न 3.

वाणिज्यवाद से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
वाणिज्यवाद का मतलब लाभ कमाने के उद्देश्य से की गई । व्यापारिक गतिविधियाँ आती हैं। इसमें किसी देश की संपदा का अंदाजा इसके पास जमा मूल्यवान धातुओं, विशेषतः स्वर्ण की मात्रा पर निर्भर करता है।

प्रश्न 4.

आजकल की व्यापारिक कंपनियाँ ज्यादा से ज्यादा मुनाफे कमाने के लिए क्या करती हैं ?
उत्तर-
आजकल की कंपनियाँ ज्यादा से ज्यादा मुनाफे कमाने के लिए भिन्न माध्यमों से अपना खूब प्रचार करती हैं। साथ ही, अन्य कंपनियों के उत्पादों के मुकाबले अपने उत्पादों की कीमत कम करके और छूट, उपहार आदि आकर्षक योजनाएँ बनाकर अपना मुनाफा बढ़ाने का प्रयास करती हैं। इस क्रम में वे अपने उत्पादों की गुणवत्ता को कमतर भी कर देती हैं।

प्रश्न 5.

आज मुर्शिदाबाद शहर की क्या स्थिति है । पता करें ?
उत्तर-
अपने शिक्षक की सहायता से विशेष पता करें । वैसे, आपका मुर्शिदाबाद एक आधुनिक शहर है जहाँ व्यापार के काफी साधन फल-फूल रहे हैं पर पूर्व की तरह इसका महत्त्व नहीं रहा।

प्रश्न 6.

कम्पनी की फैक्टरी मद्रास एवं बम्बई में भी थे । आज इन जगहों को किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर-
आज मद्रास को चेन्ई एवं बम्बई को मुम्बई नाम से जानते हैं।

प्रश्न 7.

जरा सोचिए बिना शुल्क चुकाए व्यापार करने के क्या परिणाम हुए होंगे?
उत्तर-
इससे बंगाल के राजस्व को काफी नुकसान हुआ होगा और अंग्रेजों की तो चाँदी ही बन आयी होगी यानी उन्हें लाभ ही लाभ हुआ होगा।

प्रश्न 8.

मुंगेर किस नदी के किनारे बसा है ? तथा मुंगेर किन-किन चीजों के लिए प्रसिद्ध है, पता करें।
उत्तर-
मुंगेर गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है। यह बंदूक फैक्ट्री, सिगरेट फैक्ट्री, कर्ण का किला और माँ चण्डी के स्थान/मन्दिर के लिए प्रसिद्ध

प्रश्न 9.

कंपनी को दीवानी मिलने से क्या-क्या फायदे हुए होंगे?
उत्तर-
कंपनी को दीवानी मिलने से कंपनी को इन प्रदेशों से राजस्व वसूली का अधिकार मिल गया । शासन पर अप्रत्यक्ष अधिकार प्राप्त हो गया और व्यापार में खूब लाभ भी प्राप्त हुआ।

प्रश्न 10.

कंपनी की सफलता के उपर्युक्त कारणों में से आपके अनुसार सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कारण क्या हो सकता है ? इनके अतिरिक्त आप किसी और कारण के बारे में बता सकते हैं ?
उत्तर-
कंपनी की सफलता में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कारण, उपुर्यक्त कारणों में से मेरे अनुसार यह था कि उनके पास भारतीय सेनाओं से बेहतर तोपें और बंदूक थीं। कंपनी की सफलता का एक अन्य महत्त्वपूर्ण कारण रहा भारतीय शासकों का आपस में फूट और लगातार आपस में लड़ते रहना जिसके लिए वे विदेशी शक्ति से भी हाथ मिलाने को तैयार रहते थे।

अभ्यास-प्रश्न

आइए फिर से याद करें-

प्रश्न 1.

रिक्त स्थानों को भरें:

(क) भारत और यूरोप के बीच स्थल मार्ग से होनेवाले व्यापार में ………. की महत्त्वपूर्ण भूमिका थी।
उत्तर-
अरब सौदागरों।

(ख) कंपनी द्वारा खरीदा गया माल ………. में रखा जाता था।
उत्तर-
फैक्टरी।

(ग) एक के बाद एक कई लड़ाइयों ने मराठों को ………. कर दिया।
उत्तर-
कमजोर।

(घ) ………. अंग्रेजों के साथ सबसे पहले आर्थिक सहायक संधि को स्वीकार किया।
उत्तर-
शुजाउद्दौला और शाह आलम ने ।

(ङ) ………. ने विलय नीति का अनुसरण किया।
उत्तर-
अंग्रेजों।

प्रश्न 2.

सही और गलत बताइए:

  1. यूरोप के व्यापारी भारत में अपना माल बेचने और बदलने में यहाँ – से सोने-चाँदी लेने आए थे।
  2. ईस्ट इंडिया कम्पनी को भारत में व्यापार करने का एकाधिकार मिल गया।
  3. भारतीय राज्य एकता के अभाव में एक-एक कर अंग्रेजी शासन के अधीन होते चले गए।
  4. कर मुक्त व्यापार से बंगाल के राजस्व का काफी नुकसान हो रहा था।
  5. कंपनी की सेना की जीत हुई, क्योंकि उनके पास भारतीय सेनाओं से बेहतर तो और बंदूक थीं।

उत्तर-

  1. गलत
  2. सही
  3. सही
  4. सही
  5. सही।

आइए विचार करें-

प्रश्न (i)

यूरोप की व्यापारिक कंपनियों ने क्यों भारत के राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप करना शुरू किया ?
उत्तर-
यूरोप की व्यापारिक कंपनियों का मुख्य उद्देश्य व्यापार में अधिक-से-अधिक लाभ कमाना था । करों में छूट प्राप्त करने के लिए और राज्य में व्यापार के एकाधिकार प्राप्त करने के लिए उन्हें राजनीतिक क्षेत्र से ही ये सुविधाएँ मिल सकती हैं। अतः उन्होंने अपने लिए अधिक सुविधाएँ पाने ‘ के क्रम में राजनीतिक अनुकम्पा प्राप्त करने की कोशिश की।

उन्होंने यह भी देखा कि भारतीय राज्य एक-दूसरे से लड़ने में मशगूल हैं और उनमें फूट व वैमनस्य है। इस स्थिति का लाभ उठाने के लिए उन्होंने भारत के राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया। इससे राजनीतिक सत्ता पर उनकी पकड़ भी मजबूत हो गयी और उन्हें अधिक-से-अधिक व्यापारिक सुविधाएँ । भी मिल गयीं।

प्रश्न (ii)

अंग्रेज बंगाल पर क्यों अधिकार करना चाहते थे ?
उत्तर-
बंगाल एक बड़ा और धनी प्रांत था । इसमें आधुनिक बिहार और उड़ीसा भी शामिल थे। बंगाल पर अधिकार प्राप्त करने का अर्थ होता कि वहां से अन्य यूरोपीय कंपनियों को व्यापार से दूर रखना और कुल मुनाफा स्वयं कमाना । अधिक-से-अधिक मुनाफा कमाने के लिए बंगाल पर राजनीतिक अधिकार प्राप्त करना अंग्रेजों के लिए जरूरी हो गया था। ऐसी स्थिति बन जाने का अर्थ होता कि कंपनी राज्य में जो भी माल खरीदती, उस पर उसे किसी भी प्रकार का कोई कर नहीं देना पडता । अतः इन्हीं व्यापारिक कारणों से अंग्रेज बंगाल पर अधिकार करना चाहते थे।

प्रश्न (iii)

क्यों और किन परिस्थितियों में भारतीय शासकों ने सहायक संधि की शर्तों को स्वीकार किया?
उत्तर-
1707 ई० में औरंगजेब की मृत्यु के बाद कई नये स्वतंत्र क्षेत्रीय राज्यों का उदय हुआ थ । इनमें आपसी तालमेल का अभाव था। हर राज्य दूसरों के इलाके हड़पकर अपने राज्य का विस्तार चाहता था। उनमें एकता के अभाव की स्थिति को देखकर अंग्रेज उन्हें अपनी आधुनिक सैन्य सहायता देना चाहते थे ताकि वे अपने पड़ोसी राज्य से लड़कर आसानी से जीत सकें। इसमें अंग्रेजों का निजी स्वार्थ तो था ही

भारतीय शासक भी इसमें अपना लाभ देख रहे थे कि उनके राज्य क्षेत्र का विस्तार होगा। साथ ही, जो शासक या राज्य अंग्रेजों के व्यापारिक लाभ के रास्ते में बाधा खडी करता था. अंग्रेज उसके खिलाफ दूसरे राज्य के सहारे युद्ध छेड़कर उसे हराकर अप्रत्यक्ष रूप से उस राज्य पर कब्जा कर लेते थे। अतः हर परिस्थिति में भारतीय शासकों को अंग्रेजों की सहायक संधि की शर्तों को स्वीकार करना ही पड़ता था।

प्रश्न (iv)

पलासी और बक्सर के युद्धों में आप किसे निर्णायक मानते हैं और क्यों ?
उत्तर-
जून, 1757 में मुर्शिदाबाद के पास पलासी में बंगाल के नवाब सिराजुउद्दौला के करीब 30,000 सिपाहियों और अंग्रेजी सेना के बीच युद्ध हुआ था । बिना कोई कर दिये बंगाल में व्यापार करने का शाही फरमान अंग्रेजों ने 1717 ई. में मुगल सम्राट फर्रुखसियर से प्राप्त कर लिया था जिससे बंगाल के राजस्व को काफी क्षति हो रही थी। इसी के खिलाफ सिराजुद्दौला ने अंग्रेजों से युद्ध किया पर नवाब सिराजुद्दौला मारा गया। फिर उसके सेनापति मीरजाफर को बंगाल का नवाब बनाकर अंग्रेजों ने भारत में कंपनी की सत्ता की स्थापना की शुरूआत की।

मीरजाफर ने भी जब कंपनी की अनीतियों का विरोध किया तो उसे हटाकर अंग्रेजों ने उसके दामाद मौरकासिम को 1760 में बंगाल का नवाब बना दिया। बाद में वह भी अंग्रेजों की गलत नीतियों के खिलाफ हो गया। उसने मुगल शासक शाह आलम और अवध के नवाब शुजाउद्दौला के साथ मिलकर अंग्रेजों की खिलाफत की।

अंततः, तीनों की संयुक्त सेना की कंपनी की सेना के साथ पश्चिम बिहार के बक्सर नामक स्थान पर 1764 ई० में युद्ध हुआ जिसमें भारतीय सेनाओं की हार हो गई। इस हार के पश्चात् 1765 ई. में शुजाउद्दौला और शाह आलम ने इलाहाबाद में क्लाइव के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए। समझौतों के अनुसार ईस्ट इंडिया कंपनी को बंगाल, बिहार और उड़ीसा की दीवानी मिल गई। इससे कंगनी को इन प्रदेशों से राजस्व वसूली का अधिकार मिल गया। इससे उन्हें अत्यधिक व्यापारिक फायदा हुआ। अब वे बंगाल विजय के बाद भारत में एक महत्त्वपूर्ण राजनैतिक शक्ति के रूप में उभरे और धीरे-धीरे पूरे भारत के आर्थिक संसाधनों पर अपना कब्जा जमाने के प्रयास में लग गए। –

अत: यह स्पष्ट है कि पलासी की अपेक्षा बक्सर का युद्ध अंग्रेजों के लिए निर्णायक था। यहीं से वे पूरे भारत पर अपना अधिकार जमाने में सफल हुए। अत: बक्सर का युद्ध अधिक निर्णायक था।

आइए करके देखें

प्रश्न (i)

मीरकासिम, हैदरअली, टीपू सुल्तान और महाराज रणजीत सिंह के चित्र अपनी उत्तर पुस्तिका में चिपकाकर इनके बारे में जानकारियाँ . इकट्ठी करें।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

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