Bihar Board Class 8 History Solutions Chapter 6: अंग्रेजी शासन के खिलाफ संघर्ष (1857 का विद्रोह)

Are you facing difficulties while solving and mastering the chapter 6 of your BSEB class 8 History textbook? If your answer is yes, then you have come to the right place. Today we will get into Bihar Board Class 8 History Solutions Chapter 6: अंग्रेजी शासन के खिलाफ संघर्ष (1857 का विद्रोह) for free. With our solutions, it will be very easy for you to grasp the better understandings of this chapter.

विषयसामाजिक विज्ञान
पाठ6. अंग्रेजी शासन के खिलाफ संघर्ष (1857 का विद्रोह)
वर्ग8th
भागइतिहास (अतीत से वर्तमान)
CategoryBihar Board Class 8 Solutions

Bihar Board Class 8 History Solutions Chapter 6

अंग्रेजी शासन के खिलाफ संघर्ष (1857 का विद्रोह)

पाठगत प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.

गतिविधि-आप इस अंग्रेज अधिकारी के कथन को भारतीय सैनिकों के संदर्भ में किस रूप में देखते हैं ?
उत्तर-
1856 में अंग्रेज अधिकारी गवर्नर लॉर्ड डलहौजी ने सत्य ही कहा था कि सेना के समाज से जुड़ाव को अनदेखा नहीं करना चाहिए । सेना । भी समाज का ही हिस्सा है। यदि भारतीय जनता पर आघात किया जाता है तो सेना भी इससे अप्रभावित नहीं रह सकती । क्योंकि सेना भी समाज का ही एक अभिन्न अंग है, हिस्सा है । सैनिक भी किसी का बाप होता है, भाई, बेटा या पति होता है।

प्रश्न 2.

गतिविधि – विद्रोही सैनिकों ने मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर को अपना नेता क्यों चुना होगा?
उत्तर-
मुगलों ने भारतीय जनता का उस प्रकार से कभी शोषण नहीं किया जैसम अंग्रेजों ने किया । बल्कि मुगल शासकों में अधिकतर सभी भारतीय वर्ग को साथ लेकर चलने की समझदारी दिखाई थी। इसलिए विद्रोही सैनिकों ने मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर को अपना नेता चुना।

प्रश्न 3.

गतिविधि-कुँवर सिंह के जीवन की कौन-सी बात आपको अच्छी लगी? बताएँ।
उत्तर-
बाबू कुँवर सिंह ने बुढ़ापे की उम्र में भी विद्रोहियों का साथ दिया । देशभक्ति की भावना उनमें कूट-कूट कर भरी हुई थी। उन्होंने वद्ध अवस्था में भी अंग्रेजों से जमकर लोहा लिया यह बात कुँवर सिंह के जीवन की मुझे सबसे अच्छी लगी।

प्रश्न 4.

गतिविधि-सोचें, अंग्रेजों ने सबसे पहले दिल्ली पर ही अधिकार क्यों जमाया?
उत्तर-
दिल्ली भारत की सत्ता का केन्द्र था। दिल्ली पर अधिकार करने का सांकेतिक अर्थ था पूरे भारत पर अधिकार करना । इसीलिए अंग्रेजों ने सबसे पहले दिल्ली पर ही अधिकार जमाया।

अभ्यास-प्रश्न

प्रश्न 1.

सही विकल्पों को चुनें।

प्रश्न (i)

1857 का विद्रोह कहाँ से आरम्भ हुआ ?
(क) मेरठ
(ख) दिल्ली
(ग) झांसी
(घ) कानपुर
उत्तर-
(क) मेरठ

प्रश्न (ii)

मंगल पाण्डे किस छावनी के युवा सिपाही थे ?
(क) दानापुर
(ख) लखनऊ
(ग) मेरठ
(घ) बैरकपुर
उत्तर-
(घ) बैरकपुर

प्रश्न (iii)

झांसी में विद्रोह का नेतृत्व किसने किया?
(क) कुँवर सिंह
(ख) नाना साहब
(ग) लक्ष्मीबाई
(घ) बेगम हजरत महल ।
उत्तर-
(ग) लक्ष्मीबाई

प्रश्न (iv)

कुँवर सिंह कहाँ के जमींदार थे?
(क) पीर अली
(ख) विलायत अली
(ग) अहमदुल्ला
(घ) वजीबुल हक
उत्तर-
(ख) विलायत अली

प्रश्न 2.

निम्नलिखित के जोड़े बनाएँ-

  • जगदीशपुर – (क) नाना साहब
  • कानपुर – (ख) कुँवर सिंह
  • दिल्ली – (ग) विष्णुभट्ट गोडसे
  • लखनऊ – (घ) बहादुरशाह जफर
  • माझा प्रवास – (ङ) बेगम हजरत महल

उत्तर-

  • जगदीशपुर – (ख) कुँवर सिंह
  • कानपुर – (क) नाना साहब
  • दिल्ली – (घ) बहादुर शाह जफर
  • लखनऊ – (ङ) बेगम हजरत महल
  • मांझा प्रवास – (ग) विष्णु भट्ट गोडसे

आइए विचार करें-

प्रश्न (i)

जमींदार अंग्रेजी शासन का विरोध क्यों कर रहे थे?
उत्तर-
कई जमींदारों की जमींदारी अंग्रेजी शासन की वजह से छिन गई थी। उन्हें उम्मीद थी कि अंग्रेजों के भारत से चले जाने पर उनकी खोयी हुई जमींदारी वापस मिल जाएगी। इसलिए वे भी अंग्रेजी शासन का विरोध कर रहे थे।

प्रश्न (ii)

सैनिकों में असंतोष के क्या कारण थे?
उत्तर-
अंग्रेजी सेना में काम करने वाले भारतीय सिपाही खुश नहीं थे। उन्हें अंग्रेज सिपाहियों की अपेक्षा बहुत कम वेतन मिलता था । वे चाहे कितना भी अच्छा काम करें उन्हें हवलदार या सूबेदार से ऊँचा पद नहीं दिया जाता था। ये दोनों पद काफी छोटे होते थे। सेना के सारे पद अंग्रेजों के लिए सुरक्षित होते थे । सेना के लिए बनाए गए नियमों से भी वे खफा थे। नए नियमों के अनुसार भारतीय सैनिकों को दूसरे देशों के साथ होने वाले युद्धों के लिए समुद्र पार भी जाना होगा ऐसा प्रावधान किया गया । यह कानून 1856 में बना था। हिन्दू धर्म में उस समय समुद्र पार जाना पाप माना जाता था।

प्रश्न (iii)

बहादुर शाह जफर के समर्थन से क्गा प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
बहादुर शाह जफर के समर्थन से विद्रोहियों का मनोबल बढ़ गया। अब मुगल सल्तनत की सत्ता भी सांकेतिक रूप से उनके साथ थी। बहादुर शाह जफर के समर्थन से विद्रोह की ज्वाला और भड़क उठी।।

प्रश्न (iv)

विद्रोह को दबाने में अंग्रेज क्यों सफल रहे?
उत्तर-
विद्रोहियों के पास तलवारें थीं और परंपरागत हथियार जबकि अंग्रेजों के पास शक्तिशाली बंदूकें थीं। भला बंदूकों के आगे तलवार की क्या औकात/बंदूक की ताकत को जीतना ही था। फिर अंग्रेजों ने इंगलैंड से भारी फौजें मंगा ली थी.जो बंदूकों और आधुनिक तोपों से लैस थीं। इस कारण अंग्रेज विद्रोह को दबाने में सफल रहे।

प्रश्न (v)

1857 के विद्रोह में कुंवर सिंह का क्या योगदान रहा?
उत्तर-
बाबू कुँवर सिंह ने बिहार और उत्तर प्रदेश में विद्रोह की ज्वाला को भड़का दिया । अंग्रेजों ने उनसे जगदीशपुर की जमींदारी छीन ली थी। उन्होंने विद्रोहियों का साथ लेकर अपनी जमींदारी वापस पा ली और इस प्रकार से अन्य वैसे जमींदारों और शासकों के लिए प्रेरणा स्रोत बने जिनकी सत्ता अंग्रेजों ने छीन ली थी। फिर अन्य नवाब व जमींदार भी अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ खुलकर विद्रोह में शामिल हो गये।

प्रश्न (vi)

विद्रोहियों के उद्देश्यों को अपने शब्दों में व्यक्त करें।
उत्तर-
विद्रोही चाहते थे कि भारत से अंग्रेजी शासन का अंत हो जाए। अंग्रेज मुक्त भारत उनका उद्देश्य था। साथ ही वे चाहते थे कि अंग्रेजों की बदनीतियों का अंत हो जाए, मुगल सल्तनत के दौर की शांति भारत में लौट आए। उन्होंने अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि जमींदारों को उनकी छीनी गई जागीर लौटा दी जाएगी। व्यापारियों को सभी वस्तुओं के व्यापार की आजादी होगी। भारतीयों को सरकारी सेवा में ऊँचा पद मिलेगा। पंडितों एवं मौलबियों के धर्मों की भी रक्षा का आश्वासन दिया गया । बनकरों एवं शिल्पकारों को भी सरकारी सहायता का भरोसा दिया गया।

प्रश्न (vii)

विद्रोह के बाद अंग्रेजी शासन के स्वरूप में क्या बदलाव आया?
उत्तर-
विद्रोह के बाद 1858 में ब्रिटिश संसद ने कानून पास करते हुए भारत से ईस्ट इंडिया कम्पनी के शासन को समाप्त कर सीधे ब्रिटेन की सरकार के शासन को स्थापित किया। भारत के सभी शासकों को भरोसा दिया गया कि भविष्य में उनके राज्य को उनसे छीना नहीं जाएगा। सैनिक ढांचे में बदलाव करते हुए यूरोपीय सैनिकों की संख्या बढ़ा दी गयी ।

उनका अनुपात 2:5 हो गया यानी प्रत्येक पांच भारतीय सैनिकों पर दो गोरे सिपाहियों को लगाया गया। अवध, बिहार, मध्य भारत एवं दक्षिण भारत से सिपाहियों की भर्ती करने की जगह गोरखा, सिक्ख और पठान का ज्यादा संख्या में भर्ती किया गया । इन तीन समूहों के सैनिकों ने विद्रोह को दबाने में कम्पनी को काफी सहयोग दिया था। यह भी तय किया उन्होंने की भारतीयों के धार्मिक एवं सामाजिद जीवन के साथ छेड़-छाड़ नहीं की जाएगी।

आइए करके देखें

प्रश्न (i)

विद्रोह के समय अगर आप होते तो अंग्रेजी शासन का विरोध किस तरह से करते-सहपाठियों से चर्चा करें।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न (ii)

1857 के विद्रोह के महत्व पर शिक्षक के सहयोग से वर्ग में परिचर्या करें।
उत्तर-
स्वयं करें।

Leave a Comment