Hello Students and Teachers. Are you searching for the Solutions of Bihar Board Class 8 Science Chapter 1 ? If yes then you have come to the right place. On this page, we have presented you with the Solutions of Chapter 1: दहन एवं ज्वाला
Subject | Science |
Chapter | 1. दहन एवं ज्वाला |
Class | Eight |
Category | Bihar Board Class 8 Solutions |
Bihar Board Class 8 Science Solutions Chapter 1
दहन एवं ज्वाला
प्रश्न 1. आग लगने पर उसे कई बार पानी डालकर बुझाते हैं। पानी डालने से आग कैसे बुझ जाती है?
उत्तर- जब आग लगी होती है तो पानी डालने से आग बुझ जाती है क्योंकि पानी दहन प्रक्रिया को रोकने में मदद करता है। दहन के लिए ईंधन, वायु (ऑक्सीजन) और उचित तापमान की आवश्यकता होती है। जब आग पर पानी डाला जाता है, तो यह निम्नलिखित तरीकों से काम करता है:
- शीतलन: पानी आग को ठंडा करता है और इसकी तापमान को दहन के लिए आवश्यक तापमान से नीचे ला देता है।
- वायु अवरोध: पानी की मोटी परत आग को वायु से अलग कर देती है, जिससे ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो जाती है। दहन के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है।
- भाप बनाना: जब पानी गर्म होता है, तो यह भाप बनाता है। यह भाप आग के ऊपर एक परत बनाकर आग को और ज्यादा ऑक्सीजन से वंचित कर देती है।
इस तरह, पानी आग को ठंडा करने, ऑक्सीजन की आपूर्ति को रोकने और भाप बनाने के कारण आग बुझ जाती है।
प्रश्न 2. मोमबत्ती की ज्वाला जब स्थिर हो तो काँच के प्लेट ले जाने पर काला वलय क्यों बनता है?
उत्तर- जब मोमबत्ती की स्थिर ज्वाला पर काँच का प्लेट रखा जाता है, तो काला वलय बनता है क्योंकि मोमबत्ती की ज्वाला में तीन क्षेत्र होते हैं:
- बाहरी नीला क्षेत्र: यहाँ पूर्ण दहन होता है और ज्यादा ऑक्सीजन उपलब्ध होती है।
- मध्य पीला क्षेत्र: यहाँ आंशिक दहन होता है क्योंकि कम ऑक्सीजन उपलब्ध होती है।
- आंतरिक काला क्षेत्र: यहाँ ईंधन के कार्बन कणों का पूरी तरह से दहन नहीं होता है क्योंकि ऑक्सीजन की भारी कमी होती है।
जब काँच का प्लेट ज्वाला के ऊपर रखा जाता है, तो आंतरिक काले क्षेत्र से निकलने वाले अदहित कार्बन कण प्लेट पर जमा होते हैं और काला वलय बनाते हैं।
प्रश्न 3. अगर किसी दुर्घटना में कोई व्यक्ति आग की चपेट में आ जाए तो उसे बचाने के लिए कम्बल में लपेट दिया जाता है। ऐसा क्यों?
उत्तर- जब किसी व्यक्ति को आग लग जाती है, तो उसे कम्बल में लपेटने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह दहन प्रक्रिया को रोकने में मदद करता है। दहन के लिए तीन चीज़ों की आवश्यकता होती है – ईंधन, ऑक्सीजन और उचित तापमान। कम्बल शरीर को ऑक्सीजन से अलग कर देता है, जिससे दहन प्रक्रिया रुक जाती है। विस्तार से समझाएं:
- ऑक्सीजन अवरोध: कम्बल शरीर के चारों ओर एक बंद परत बनाता है जो वायु/ऑक्सीजन को अंदर आने से रोकता है।
- शीतलन प्रभाव: कम्बल की मोटी परत गर्मी को बाहर निकलने से रोकती है, जिससे शरीर का तापमान धीरे-धीरे कम होता है और दहन बंद हो जाता है।
- भाप निर्माण: यदि आग से जलने का क्षेत्र छोटा है, तो शरीर से निकलने वाली नमी भाप बनाती है जो दहन को रोकती है।
इस तरह, कम्बल आग को ऑक्सीजन और ईंधन से दूर रखकर दहन प्रक्रिया को रोकता है और व्यक्ति को बचाता है।
प्रश्न 4. कभी-कभी जंगलों में अपने-आप आग लग जाती है। ऐसा कैसे होता होगा?
उत्तर कभी-कभी जंगलों में आग अपने-आप लग जाती है। ऐसा मुख्य रूप से निम्नलिखित कारणों से होता है:
- उच्च तापमान: गर्मियों के मौसम में जब तापमान बहुत अधिक बढ़ जाता है, तो सूखी घास, पत्तियां और लकड़ियां अपने ज्वलन तापमान तक पहुंच जाती हैं। इस स्थिति में किसी भी छोटी चिनगारी से आग लग सकती है।
- सूर्य की किरणें: सूर्य की किरणें लैंस की तरह काम करती हैं और जंगल की सूखी सामग्रियों पर केंद्रित होकर उन्हें जला सकती हैं। इसे ‘सूर्योपदाह’ कहते हैं।
- घर्षण: तेज हवाओं के कारण पेड़ों के टकराने से उत्पन्न घर्षण से गर्मी पैदा होती है, जिससे आग लग सकती है।
- बिजली गिरना: बिजली गिरने से भी जंगलों में आग लग सकती है।
- मानव गतिविधियां: मनुष्यों द्वारा अनजाने में फेंकी गई सिगरेट/बीड़ी के टुकड़े या खुली आग भी जंगलों में आग लगने का कारण बन सकते हैं।
इस प्रकार, उच्च तापमान, सूरज की किरणें, घर्षण, बिजली गिरना और मानव गतिविधियां जंगलों में आग लगने के प्रमुख कारण हैं।
प्रश्न 5. गोलू ने आधा पेट्रोल तथा आधा पानी लेकर एक मिश्रण बनाया। उसने एक कपड़े को इस मिश्रपा में भिंगों दिया इसके बाद एक माचिस की तीली से इसे जलाया। आग लगी पर कपड़ा नहीं जला। ऐसा कैसे हुआ होगा?
उत्तर- जब गोलू ने आधा पेट्रोल और आधा पानी का मिश्रण बनाया और इस मिश्रण में कपड़े को भिगोकर आग लगाई, तो पेट्रोल जल गया लेकिन कपड़ा नहीं जला। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि:
पेट्रोल का ज्वलन तापमान कम होता है, लगभग 280°C। इसलिए जब माचिस की लौ से आग लगाई गई, तो पेट्रोल आसानी से जल गया। लेकिन पानी का ज्वलन तापमान बहुत अधिक है, लगभग 1000°C।
पानी से भीगा हुआ कपड़ा वास्तव में पानी से लथपथ था। पानी के कारण, कपड़े का तापमान ज्वलन तापमान से काफी कम रह गया।
चूंकि कपड़ा अपने ज्वलन तापमान तक नहीं पहुंच पाया, इसलिए वह जलने के लिए पर्याप्त गर्म नहीं हुआ और नहीं जला।
इस प्रकार, पेट्रोल के ज्वलन तापमान को पार कर लेने के बावजूद, पानी के उच्च ज्वलन तापमान के कारण कपड़ा नहीं जला।
प्रश्न 6. माचिस को जलाने के लिए उसे माचिस की डिब्बी से रगड़ा जाता है। ऐसा क्यों?
उत्तर- माचिस की तीली को डिब्बी पर रगड़ने की आवश्यकता इसलिए होती है क्योंकि यह प्रक्रिया दहन प्रक्रिया को शुरू करने के लिए आवश्यक तापमान प्रदान करती है। माचिस की तीली में लाल फॉस्फोरस, पोटेशियम क्लोरेट और सल्फर जैसे रासायनिक पदार्थ होते हैं। जब तीली को डिब्बी पर रगड़ा जाता है, तो निम्नलिखित घटनाएं होती हैं:
- लाल फॉस्फोरस घर्षण के कारण गर्म होकर ऑक्सीडाइज़्ड हो जाता है और जलने लगता है।
- जलता हुआ लाल फॉस्फोरस पोटेशियम क्लोरेट को गर्म करता है, जिससे यह अपने ऑक्सीजन को रिलीज़ करने लगता है।
- रिलीज़ किया गया ऑक्सीजन और लाल फॉस्फोरस से उत्पन्न गर्मी, सल्फर को जलाने के लिए पर्याप्त होती है।
- जलता हुआ सल्फर एक तेज लौ प्रदान करता है जिससे माचिस की लकड़ी आग पकड़ लेती है।
इस तरह, रगड़ने से उत्पन्न गर्मी और घर्षण के कारण ऑक्सीजन की उपलब्धता, माचिस की तीली को जलाने के लिए पर्याप्त होती है।
प्रश्न 7. ज्चाला के तीनों क्षेत्र दिखाइए।
उत्तर- मोमबत्ती की ज्वाला के तीन प्रमुख क्षेत्र होते हैं:
- बाहरी नीला क्षेत्र: यह क्षेत्र सबसे अधिक गर्म होता है। यहां पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध होने के कारण पूर्ण दहन होता है। इसलिए यह नीले रंग का होता है।
- मध्य पीला, चमकीला क्षेत्र: इस क्षेत्र में ऑक्सीजन की कमी होती है, इसलिए अपूर्ण दहन होता है। यहां से प्रकाश और धुआं निकलता है।
- आंतरिक काला क्षेत्र: यह क्षेत्र सबसे कम गर्म होता है क्योंकि यहां ऑक्सीजन की भारी कमी होती है। इसलिए कार्बन के कण पूरी तरह से नहीं जल पाते और काले रंग के धुएं का निर्माण करते हैं।
प्रश्न 8. घर में आग से होने वाली असावधानियों से बचने के लिए आप, क्या-क्या करते हैं ? इसकी चर्चा आप अपने दोस्तों से कीजिए।
उत्तर- घर में आग से होनेवाली असावधानियों से बचने के लिए उपाय
- अति ज्वलनशील पदार्थ को सुरक्षित या आग से दूर रखना।
- जहाँ-तहाँ आग को ले जाने से बचना।
- सिगरेट, बीड़ी आदि को सुरक्षित जगह पर सेवन करने के लिए प्रेरित करना।
- गर्मी के दिनों में बहुत सुबह तथा रात में खाना बनाने के लिए चुल्हा जलाने के लिए प्रेरित करना।
- आग को तेज हवाओं से दूर रखना।
- विस्फोटक पदार्थ को ठीक ढंग से चलाना ।
- पार्टी, विवाह आदि के अवसर पर विशेष सावधानी बरतना ।