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Subject | Science |
Chapter | 2. तड़ित और भूकम्प |
Class | Eight |
Category | Bihar Board Class 8 Solutions |
Bihar Board Class 8 Science Solutions Chapter 2
तड़ित और भूकम्प
अभ्यास
प्रश्न 1. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें
- सजातीय आवेश एक-दूसरे को ……….. करते हैं।
- विजातीय आवेश एक-दूसरे को ………. करते हैं।
- तड़ित चालक तड़ित से भवन को ………… करते हैं।
- भूकम्प की तीव्रता का मापन ………… स्केल से किया जाता I
उत्तर-
- विकर्षित
- आकर्षित
- सुरक्षा
- भूकम्पमापी।
प्रश्न 2. सर्दियों में स्वेटर उतारते समय चिट्-चिट् की आवाज क्यों होती है?
उत्तर: सर्दियों में स्वेटर उतारते समय चिट्-चिट् की आवाज कई कारणों से होती है:
- घर्षण: जब हम स्वेटर को उतारते हैं, तो ऊनी कपड़े हमारे शरीर से रगड़ खाते हैं। इस घर्षण के कारण इलेक्ट्रॉनों का स्थानांतरण होता है, या दूसरे शब्दों में, घर्षण के माध्यम से विद्युत आवेश उत्पन्न होते हैं।
- विद्युत उत्सर्जन: जब इलेक्ट्रॉनों का स्थानांतरण होता है, तो कुछ विद्युत आवेश स्वेटर से हमारे शरीर में प्रवाहित होते हैं। इस प्रवाह को “विद्युत उत्सर्जन” कहा जाता है।
- चिनगारी: जब विद्युत आवेश प्रवाहित होते हैं, तो वे हवा में आयनों का निर्माण करते हैं। इन आयनों के टकराने से चिनगारी उत्पन्न होती है, जो हमें चिट्-चिट् की आवाज के रूप में सुनाई देती है।
- प्रकाश: चिनगारी के साथ-साथ, थोड़ी मात्रा में प्रकाश भी उत्पन्न होता है। यह प्रकाश आमतौर पर बहुत कम होता है, इसलिए हम इसे नहीं देख पाते हैं।
- शुष्क हवा: सर्दियों में हवा शुष्क होती है, जिसके कारण विद्युत आवेशों का स्थानांतरण आसानी से हो जाता है। यही कारण है कि चिट्-चिट् की आवाज सर्दियों में अधिक सुनाई देती है।
प्रश्न 3. जब हम विद्युतदर्शी के ऊपरी भाग को छूते हैं तो वह अपना आवेश खो देती है। व्याख्या कीजिए।
उत्तर: जब हम विद्युतदर्शी के ऊपरी भाग को छूते हैं, तो हमारे शरीर में मौजूद विद्युत आवेश विद्युतदर्शी के पत्तों में प्रवाहित हो जाते हैं। चूंकि हमारा शरीर विद्युत का सुचालक होता है, इसलिए आवेश आसानी से प्रवाहित हो जाते हैं।
विद्युतदर्शी के पत्तों में आवेश आने के बाद, वे एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं। इस प्रतिकर्षण के कारण पत्ते अलग-अलग हो जाते हैं।
जब हम विद्युतदर्शी को छूना बंद करते हैं, तो हमारे शरीर से आवेश प्रवाहित होकर पृथ्वी में चले जाते हैं। इस कारण विद्युतदर्शी अपना आवेश खो देती है और पत्ते अपनी मूल स्थिति में वापस आ जाते हैं।
प्रश्न 4. भूकम्पमापी का चित्र बनाकर उसके मापन विधि को लिखिए।
उत्तर:
मापन विधि:
भूकम्पमापी में एक भारी भार होता है जो एक पतले तार से लटका होता है। जब भूकंप आता है, तो भार अपनी जगह पर थोड़ा हिलता है। इस गति को एक पेन द्वारा कागज पर रिकॉर्ड किया जाता है।
कागज पर बनी रेखाओं से भूकंप की तीव्रता और अवधि का पता लगाया जाता है।
भूकम्पमापी के मापन के तरीके:
- यांत्रिक भूकम्पमापी: यह भूकम्पमापी भूकंप के दौरान जमीन की गति को मापता है।
- प्रकाशिक भूकम्पमापी: यह भूकम्पमापी भूकंप के दौरान जमीन की गति को प्रकाश की किरणों का उपयोग करके मापता है।
- विद्युत भूकम्पमापी: यह भूकम्पमापी भूकंप के दौरान जमीन की गति को विद्युत संकेतों का उपयोग करके मापता है।
प्रश्न 5. तड़ित तथा भूकंप से अपनी सुरक्षा के उपायों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: तड़ित से सुरक्षा के उपाय:
- तूफान के समय खुले स्थान में न रहें।
- बिजली और टेलीफोन के तारों से दूर रहें।
- बिजली से चलने वाले उपकरणों का
भूकंप से बचने के उपाय:
- भवन से बाहर निकलने की कोशिश न करें। दरवाजे/खिड़कियों से दूर रहें।
- बिस्तर के नीचे शरण लें या कोने में दबक जाएं।
- लटके हुए वस्तुओं जैसे बत्तियों, अलमारियों आदि से दूर रहें।
- भूकंप खत्म होने के बाद ही भवन से बाहर निकलें।