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विषय | सामाजिक विज्ञान |
पाठ | 7. शांति के प्रयास |
वर्ग | 9th |
भाग | इतिहास |
Category | Bihar Board Class 9 Solutions |
Bihar Board Class 9 History Solutions Chapter 7
शांति के प्रयास
प्रश्न 1.
राष्ट्रसंघ के सचिवालय का प्रधान कार्यालय
(क) न्यूयार्क में था
(ख) पेरिस में था
(ग) जेनेवा में था
(घ) बर्लिन में था
उत्तर-
(ग) जेनेवा में था
प्रश्न 2.
इसमें कौन राष्ट्रसंघ का सदस्य नहीं था?
(क) इंग्लैण्ड
(ख) संयुक्त राज्य अमेरिका
(ग) फ्रांस
(घ) जर्मनी
उत्तर-
(ख) संयुक्त राज्य अमेरिका
प्रश्न 3.
राष्ट्रसंघ की स्थापना का मूल उद्देश्य था
(क) द्वितीय विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि तैयार करना
(ख) भविष्य में युद्ध रोकना
(ग) राष्ट्रों के बीच मतभेद उत्पन्न करना
(घ) इनमें से कुछ नहीं।
उत्तर-
(ग) राष्ट्रों के बीच मतभेद उत्पन्न करना
प्रश्न 4.
राष्ट्रसंघ की स्थापना किस वर्ष हुई ?
(क) 1945
(ख) 1925
(ग) 1920
(घ) 1895
उत्तर-
(ग) 1920
प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से कौन संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी है ?
(क) आर्थिक और सामाजिक परिषद्
(ख) अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय
(ग) संरक्षण परिषद्
(घ) अंतर्राष्ट्रीय मजदूर संघ
उत्तर-
(ग) संरक्षण परिषद्
प्रश्न 6.
संयुक्त राष्ट्रसंघ का मुख्यालय कहाँ अवस्थित है ?
(क) जेनेवा
(ख) वाशिंगटन डी० सी०
(ग) न्यूयार्क
(घ) लंदन
उत्तर-
(ख) वाशिंगटन डी० सी०
प्रश्न 7.
संयुक्त राष्ट्रसंघ का किस सम्मेलन का सफल परिणाम था ?
(क) डाम्बस्टन ओक्स
(ख) सैन फ्रांसिस्को
(ग) जेनेवा
(घ) पेरिस
उत्तर-
(ख) सैन फ्रांसिस्को
प्रश्न 8.
वर्तमान में संयुक्त राष्ट्रसंघ के कितने सदस्य हैं ?
(क) 111
(ख) 192
(ग) 190
(घ) 290
उत्तर-
(ख) 192
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
सुरक्षा परिषद् में कितने स्थायी और अस्थायी सदस्य हैं ?
उत्तर-
सुरक्षा परिषद् में 5 स्थायी तथा 10 अस्थायी सदस्य हैं।
प्रश्न 2.
राष्ट्रसंघ का सबसे प्रमुख अंग कौन है ?
उत्तर-
आमसभा संयुक्त राष्ट्रसंघ का सबसे प्रमुख अंग है।
प्रश्न 3.
संयुक्त राष्ट्रसंघ की स्थापना किस तिथि को हुई ?
उत्तर-
संयुक्त राष्ट्रसंघ की स्थापना 24 अक्टूबर, 1945 ई० को हुई।
प्रश्न 4.
संयुक्त राष्ट्रसंघ के वर्तमान महासचिव कौन हैं ?
उत्तर-
वर्तमान महासचिव बानकी मून हैं।
प्रश्न 5.
संयुक्त राष्ट्रसंघ के चार्टर में कितनी धाराएँ हैं ?
उत्तर-
संयुक्त राष्ट्रसंघ के चार्टर में 111 धाराएँ हैं।
प्रश्न 6.
सुरक्षा परिषद् के अस्थाई सदस्यों की कितनी संख्याएँ है ?
उत्तर-
10 अस्थाई सदस्य हैं।
प्रश्न 7.
संयुक्त राष्ट्रसंघ का प्रधान अधिकारी क्या कहलाता है ?
उत्तर
संयुक्त राष्ट्रसंघ का प्रधान अधिकारी महासचिव कहलाता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
राष्ट्रसंघ की स्थापना किस प्रकार हुई ?
उत्तर-
प्रथम विश्वयुद्ध (1919 ई०) की समाप्ति के बाद पेरिस में हुए शांति-सम्मेलन में राष्ट्र-संघ की स्थापना की नींव पड़ी । इसका मुख्य श्रेय अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बुड्रो विल्सन को जाता है। जिन्होंने अपने ’14 सूत्री’ प्रस्तावों में किसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थान की स्थापना की अनिवार्यता पर बल दिया जिसके द्वारा विश्व के राज्यों में आपसी झगड़े शान्तिपूर्वक निपटाए जा सके और राष्ट्रीय मामलों पर विचार किया जा सके। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए प्रमुख राष्ट्रों ने मिलकर राष्ट्रसंघ की स्थापना 10 जून, 1920 ई० को की।
प्रश्न 2.
राष्ट्रसंघ निःशस्त्रीकरण के प्रश्न को सुलझाने में क्यों असफल रहा?
उत्तर-
राष्ट्रसंघ अपने उद्देश्य की पूर्ति में असफल रहा । भावी युद्ध रोकने के लिए नि:शस्त्रीकरण की आवश्यकता थी। जर्मनी, इटली और जापान अपनी सैनिक शक्ति में लगातार वृद्धि कर रहे थे । अमेरिका रूस, फ्रांस, जर्मनी, इंग्लैण्ड आदि शक्तिशाली देश एक दूसरे को संदेह की दृष्टि से देख रहे थे। सभी देश अपने को अस्त्र-शस्त्र से सम्पन्न करने में प्रयासरत थे । ऐसी स्थिति में शक्तिहीन एवं निर्बल संस्था निःशस्त्रीकरण के प्रश्न पर मूक दर्शक बनकर रह गयी।
प्रश्न 3.
राष्ट्रसंघ किन कारणों से असफल रहा ? किन्हीं 4 कारणों को बतावें।
उत्तर-
राष्ट्रसंघ की असफलता के चार कारण अग्रलिखित हैं
(i) शक्तिशाली राष्ट्रों का अलगाव-यद्यपि राष्ट्रसंघ की स्थापना में अमेरिका की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही थी तथापि वह स्वयं इसका सदस्य नहीं बना । अतः राष्ट्रसंघ को विश्व के महान शक्तिशाली राष्ट्र का समर्थन नहीं मिला । आरम्भ में रूस भी इससे अलग था अतः शक्तिशाली राष्ट्रों का अलगाव भी इसकी असफलता का कारण बना ।
(ii) राष्ट्रसंघ का दुरुपयोग-राष्ट्रसंघ की नीतियों एवं उद्देश्यों को सफल बनाना कम वरन् अपने साम्राज्यवादी एवं पूँजीवादी हितों को पूरा करना अधिक था इन उद्देश्यों को पूरा करने में राष्ट्रसंघ का दुरुपयोग किया गया।
(iii) विश्व आर्थिक मंदी-1929-30 की आर्थिक मंदी ने सभी राष्ट्रों को अपने देश की आर्थिक हितों की चिंता थी । अत: परस्पर सहयोग की भावना नहीं रही।
(iv) राष्ट्रसंघ के गठन में दोष-शक्तिशाली देश केवल अपने हितों की सुरक्षा में लगे रहते थे। यह भी एक कारण था असफलता का ।
प्रश्न 4.
संयुक्त राष्ट्रसंघ के उद्देश्यों एवं सिद्धान्तों को लिखें।
उत्तर-
संयुक्त राष्ट्रसंघ के निम्नलिखित उद्देश्य थे-
शांति स्थापना करना
संसार के राष्ट्रों के मध्य मैत्रीपूर्ण संबंध बनाना।
विभिन्न राष्ट्रों की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक समस्याओं का समाधान करना ।
U.N.O को ऐसा केन्द्र बनाना जहाँ उपर्युक्त सभी उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए की जानेवाली कार्यवाही में तालमेल स्थापित किया जा सके।
संयुक्त राष्ट्रसंघ के सिद्धान्त-
राष्ट्रों की समानता के सिद्धान्त पर यह संस्था आधारित रहेगी।
प्रत्येक सदस्य राष्ट्र, संयुक्त राष्ट्रसंघ के घोषणापत्र (Charter) का स्वागत करेगा।
सभी राष्ट्र अपने झगड़ों का निबटारा शांतिपूर्ण ढंग से करेंगे।
संस्था के सदस्य किसी अन्य राष्ट्र की स्वतंत्र को विनष्ट नहीं करेंगे।
संयुक्त राष्ट्रसंघ किसी भी राष्ट्र के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
शांति भंग करने वाले देश के विरुद्ध कार्यवाही करेगी।
प्रश्न 5.
संयुक्त राष्ट्रसंघ के गैर राजनीतिक कार्य कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
गैर राजनीतिक क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्रसंघ ने निम्नलिखित कार्य किए हैं
संयुक्त राष्ट्रसंघ ने बालसंकट कोष की स्थापना कर विश्व के विभिन्न सदस्य राष्ट्रों में बच्चों को शिक्षा, भोजन, वस्त्र, चिकित्सा आदि की महत्त्वपूर्ण व्यवस्था की है।
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा से संबद्ध क्षेत्र में भी विश्व के अनेक राष्ट्रों को संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य संगठन द्वारा सहायता प्रदान किया है।
अपनी विशिष्ट संस्थाओं द्वारा इसने बालकों श्रमिकों तथा स्त्रियों की स्थिति में सुधार लाने का प्रयास किया।
विश्व में होने वाली प्राकृतिक आपदाओं से उत्पन्न समस्याओं को दूर करने जैसे-पुनर्वास कार्य, संक्रामक बीमारियों को रोकने एवं आर्थिक क्षतिपूर्ति में संयुक्त राष्ट्रसंघ की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है।
प्रश्न 6.
संयुक्त राष्ट्रसंघ की किन्हीं चार राजनैतिक सफलताओं का उल्लेख करें।
उत्तर-
संयुक्त राष्ट्रसंघ के निम्नलिखित राजनैतिक सफलताएँ हैं
रूस-ईरान विवाद-ईरान में रूसी सेना जमी हुई थी। 1946 ई० में ईरान ने इसकी शिकायत सुरक्षा परिषद में की। संयुक्त राष्ट्रसंघ के हस्तक्षेप के बाद रूस ने ईरान से अपनी सेना हटा ली।
कोरिया का संकट-उत्तरी (रूसी प्रभाव क्षेत्र) और दक्षिणी (अमेरिकी प्रभाव क्षेत्र) में बंटा था। 1950 ई0 में उत्तरी कोरिया ने दक्षिणी कोरिया पर आक्रमण कर दिया । लंबे समय तक युद्ध चला पर 1953 ई० में दोनों पक्षों में संयुक्त राष्ट्रसंघ संधि कराने में सफल हो गया ।
स्वेज संकट-1956 ई० में स्वेज नहर का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया । अतः ब्रिटेन तथा फ्रांस इसके विरूद्ध हो गए । इजरायल ने मिस्र पर आक्रमण कर दिया । इग्लैंड तथा फ्रांस भी इसमें कूद पड़ा। संयुक्त राष्ट्रसंघ के हस्तक्षेप से शांति-व्यवस्था स्थापित की गई।
भारत-पाक युद्ध-1965 ई० में भारत-पाकिस्तान युद्ध बंद कराने हेतु संयुक्त राष्ट्रसंघ ने ठोस कदम उठाए ।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
राष्ट्रसंघ के स्थापना की परिस्थितियों का वर्णन करें।
उत्तर-
प्रथम विश्वयुद्ध के बाद अंतरराष्ट्रीय झगड़ों के शांतिपूर्ण हल एवं विश्वशांति की स्थापना के उद्देश्य से राष्ट्रसंघ की स्थापना की गयी । यह अमेरिका के राष्ट्रपति बुडरो विल्सन के दिमाग की उपज था । 1918 ई० में उन्होंने विश्वशांति की स्थापना के लिए चौदह-सूत्री सिद्धान्त का प्रतिपादन किया। इसके चौदहवें सूत्र में विश्वशांति बनाए रखने के लिए राष्ट्रों की संगठन की बात कही। प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान ही अनेक राजनीतिज्ञ इस प्रकार के संगठन की स्थापना पर बल दे रहे थे । ऐसे राजनीतिज्ञों में प्रमुख थे-ब्रिटेन के रॉबर्ट सेसिल, दक्षिण अफ्रीका के जान स्मट्स तथा फ्रांस के लियों बुर्जियो । इन सभी के सम्मिलित प्रयास से विभिन्न योजनाओं को मिलाकर 10 जून 1920 ई० को राष्ट्रसंघ (League of Nation) की स्थापना हुई।
प्रश्न 2.
राष्ट्रसंघ किन कारणों से असफल रहा, वर्णन करें।
उत्तर-
राष्ट्रसंघ की असफलता के चार कारण अग्रलिखित हैं
(i) शक्तिशाली राष्ट्रों का अलगाव-यद्यपि राष्ट्रसंघ की स्थापना में अमेरिका की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही थी तथापि वह स्वयं इसका सदस्य नहीं बना । अतः राष्ट्रसंघ को विश्व के महान शक्तिशाली राष्ट्र का समर्थन नहीं मिला । आरम्भ में रूस भी इससे अलग था अतः शक्तिशाली राष्ट्रों का अलगाव भी इसकी असफलता का कारण बना ।
(ii) राष्ट्रसंघ का दुरुपयोग-राष्ट्रसंघ की नीतियों एवं उद्देश्यों को सफल बनाना कम वरन् अपने साम्राज्यवादी एवं पूँजीवादी हितों को पूरा करना अधिक था इन उद्देश्यों को पूरा करने में राष्ट्रसंघ का दुरुपयोग किया गया।
(iii) विश्व आर्थिक मंदी-1929-30 की आर्थिक मंदी ने सभी राष्ट्रों को अपने देश की आर्थिक हितों की चिंता थी । अत: परस्पर सहयोग की भावना नहीं रही।
(iv) राष्ट्रसंघ के गठन में दोष-शक्तिशाली देश केवल अपने हितों की सुरक्षा में लगे रहते थे। यह भी एक कारण था असफलता का ।
प्रश्न 3.
संयुक्त राष्ट्रसंघ के उद्देश्यों एवं सिद्धान्तों की प्रासंगिकता बतावें।
उत्तर-
संयुक्त राष्ट्रसंघ के निम्नलिखित उद्देश्य थे-
शांति स्थापना करना
संसार के राष्ट्रों के मध्य मैत्रीपूर्ण संबंध बनाना।
विभिन्न राष्ट्रों की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक समस्याओं का समाधान करना ।
U.N.O को ऐसा केन्द्र बनाना जहाँ उपर्युक्त सभी उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए की जानेवाली कार्यवाही में तालमेल स्थापित किया जा सके।
संयुक्त राष्ट्रसंघ के सिद्धान्त-
राष्ट्रों की समानता के सिद्धान्त पर यह संस्था आधारित रहेगी।
प्रत्येक सदस्य राष्ट्र, संयुक्त राष्ट्रसंघ के घोषणापत्र (Charter) का स्वागत करेगा।
सभी राष्ट्र अपने झगड़ों का निबटारा शांतिपूर्ण ढंग से करेंगे।
संस्था के सदस्य किसी अन्य राष्ट्र की स्वतंत्र को विनष्ट नहीं करेंगे।
संयुक्त राष्ट्रसंघ किसी भी राष्ट्र के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
शांति भंग करने वाले देश के विरुद्ध कार्यवाही करेगी।
(संपूर्ण) तथा प्रासंगिकता–संयुक्त राष्ट्र संघ के उपर्युक्त उद्देश्य एवं सिद्धान्तों में विश्वशांति, सुरक्षा एवं सहअस्तित्व के भाव निहित है । यह निश्चित रूप से ‘विश्वबंधुत्व’ एवं ‘समानता’ कायम करने में सहायक है। विश्व के अधिकांश राष्ट्रों का एक झंडे तले आना यह सिद्ध करता है कि इसके सिद्धान्त एवं उद्देश्य आज भी उतने ही प्रासंगिक एवं विश्वसनीय हैं जितने कि इसकी स्थापना के समय थे। वर्तमान में इसके 192 सदस्य हैं। मांटेनिग्रों इसका नवीनतम (192वाँ) सदस्य है जिसने 2006 में इसकी सदस्यता ग्रहण की।
प्रश्न 4.
संयुक्त राष्ट्रसंघ के प्रमुख अंगों की भूमिका का वर्णन करें।
उत्तर-
संयुक्त राष्ट्रसंघ के 6 प्रमुख अंग हैं, जिनका कार्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक राजनीतिक, आर्थिक एवं अन्य क्षेत्रों में योगदान करना है। ये प्रमुख अंग निम्नलिखित हैं-
(i) आमसभा- यह संयुक्त राष्ट्र का सबसे प्रमुख अंग है। इसमें सभी सदस्य देशों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं तथा प्रत्येक सदस्य राष्ट्र को मत देने एवं वाद विवाद में भाग लेने का अधिकार है । इसकी बैठक वर्ष में एक बार होती है। सभी प्रमुख कार्य इसी अंग के द्वारा हाता है। जैसे-राष्ट्रों को सदस्यता देना तथा सदस्यता छीन लेना शामिल है। इसमें महासचिव का निर्वाचन तथा अन्य आर्थिक मुद्दों पर निर्णय लेना इसका कार्य है।
(ii) सुरक्षा परिषद्- यह इकाई अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए 5 स्थायी और 10 अस्थाई सदस्य होते हैं।
(iii) आर्थिक और सामाजिक परिषद्- यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक एवं स्वास्थ्य से संबंधि त मामलों पर अध्ययन करती है एवं इससे संबंधित विभिन्न सूचनाएँ सुरक्षा परिषद के प्रार्थना पर उसे प्रदान करती है । इसके अलग-अलग समूह विश्व स्तर पर कार्यरत हैं।
जैसे -(क) यूनीसेफ (UNICEF)-United Nations Children’s Fund (बाल सहायता कोष)।
(ख) यूनेस्को (UNESCO)United Nations Educational, Scientific and cultural Organisation (संयुक्त राष्ट्र शिक्षा, विज्ञान एवं सांस्कृतिक संगठन) ।
(ग) अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन [(ICO)-International Labour organisation.]
(iv) न्यास परिषद- यह अंग उन प्रदेशों में जहाँ अभी तक पूर्ण स्वायत्त शासन नहीं है, उनके निवासियों के हितों की रक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय न्यास का कार्य करती है। जैसे-प्रशान्त महासागर में स्थित माइक्रोनेशीया के 4 द्वीप समूह इसी संगठन के निर्देश पर संयुक्त राज्य अमेरिका के शासन में है ।
इस संगठन के 4 उद्देश्य हैं-
(क) अंतर्राष्ट्रीय शांति तथा सुरक्षा को बढ़ावा देना
(ख) लोगों के स्वशासन तथा स्वतंत्रता के क्रमिक विकास में सहायता करना ।
(ग) मानवीय अधिकारों एवं स्वतंत्रता के प्रति आस्था बढ़ाना ।
(घ) सामाजिक आर्थिक और वाणिज्य संबंधी मामलों में समानता का व्यवहार करना ।
(v) अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय- यह कानूनी संस्था है। इसमें सर्वोच्च अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय भी है जो नीदरलैंड के ‘हेग’ शहर में है।
(vi) सचिवालय- इसका प्रधान प्रशासनिक अधिकारी महासचिव है। इसका मुख्यालय अमेरिका के न्यूयार्क शहर में स्थित है।
प्रश्न 5.
संयुक्त राष्ट्रसंघ की महत्ता को रेखांकित करें।
उत्तर-
संयुक्त राष्ट्रसंघ की स्थापना 1945 ई० में हुई थी। अपनी स्थापना के समय से अब तक संयुक्त राष्ट्रसंघ ने विश्व राजनीति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसने अनेक राजनीतिक विवादों का शांतिपूर्ण समाधान निकाला है। आज संसार दो शक्तिशाली गुटों में विभाजित है। संयुक्त राष्ट्रसंघ दोनों के बीच सामंजस्य एवं सद्भाव स्थापित करने की कोशिश में लगा रहता है।
इसकी महत्ता इस बात पर आंकी जा सकती है कि इसने अनेक विवादास्पद मामलों में भी हस्तक्षेप किया है। अरब इजरायल संघर्ष, खाड़ी युद्ध, आफगानिस्तान की समस्या, दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया की स्वतंत्रता आदि प्रश्नों पर संयुक्त राष्ट्रसंघ के हस्तक्षेप और सूझबूझ से अभी तक तृतीय विश्वयुद्ध नहीं हो सका है। यही इसकी सबसे बड़ी राजनीतिक उपलब्धि है, जो इसको श्रेष्ठतम महत्ता प्रदान करती है।
इसके अतिरिक्त उपनिवेशवाद और. साम्राज्यवाद की समाप्ति में सहयोग प्रदान किया । इसने मानवाधिकारों की सुरक्षा एवं मानव-कल्याण के लिए अनेक महत्त्वपूर्ण कार्य किये। अपनी विशिष्ट संस्थाओं द्वारा इसने बालकों, श्रमिकों तथा स्त्रियों की स्थिति में सुधार लाने का प्रयास किया है । शिक्षा, कला एवं संस्कृति के विकास को प्रोत्साहन दिया है। संक्रामक रोगों एवं महामारियों को रोकने तथा चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध कराने का काम भी किया गया है । इस प्रकार इसका अभी भी काफी महत्त्व है।
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