Bihar Board Class 10 Economics Solutions Chapter 4: हमारी वित्तीय संस्थाएँ

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SubjectEconomics (अर्थशास्त्र : हमारी अर्थव्यवस्था भाग 2)
Chapter4. हमारी वित्तीय संस्थाएँ
ClassTenth
CategoryBihar Board Class 10 Solutions

Bihar Board Class 10 Economics Chapter 4 Solutions

हमारी वित्तीय संस्थाएँ

I. सही विकल्प चुनें।

प्रश्न 1. गैर-संस्थागत वित्त प्रदान करने वाला सबसे लोकप्रिय साधन है
(क) देशी बकर
(ख) महाजन
(ग) व्यापारी
(घ) सहकारी बैंक

उत्तर- (ग) व्यापारी

प्रश्न 2. इनमें से कौन संस्थागत वित्त का साधन है ?
(क) सेठ-साहूकार
(ख) रिश्तेदार
(ग) व्यावसायिक बैंक
(घ) महाजन

उत्तर- (ग) व्यावसायिक बैंक

प्रश्न 3. भारत के केन्द्रीय बैंक कौन हैं ?
(क) रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया
(ख) क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
(ग) स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
(घ) पंजाब नेशनल बैंक

उत्तर- (क) रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया

प्रश्न 4. राज्य में कार्यरत केन्द्रीय सहकारी बैंक की संख्या कितनी है?
(क) 50
(ख) 75
(ग) 35
(घ) 25

उत्तर- (घ) 25

प्रश्न 5. दीर्घकालीन ऋण प्रदान करनेवाली संस्था कौन सी है
(क) कृषक महाजन
(ख) भूमि विकास बैंक
(ग) प्राथमिक कृषि साख समिति
(घ) इनमें कोई नहीं

उत्तर- (ख) भूमि विकास बैंक

प्रश्न 6. भारत की वित्तीय राजधानी (Financial Capital) किस शहर को कहा गया है
(क) मुंबई
(ख) दिल्ली
(ग) पटना
(घ) बंगलौर

उत्तर- (क) मुंबई

प्रश्न 7. सहकारिता प्रांतीय सरकारों का हस्तांतरित विषय कब बनी?
(क) 1929 ई.
(ख) 1919 ई.
(ग) 1918 ई.
(घ) 1914 ई.

उत्तर- (ख) 1919 ई

प्रश्न 8. देश में अभी कार्यरत क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की संख्या है
(क) 190
(ख) 192
(ग) 199
(घ) 196

उत्तर- (घ) 196

प्रश्न 9. व्यावसायिक बैंक का राष्ट्रीयकरण कब किया गया-
(क) 1966 ई.
(ख) 1980 ई०
(ग) 1969 ई.
(घ) 1975 ई.

उत्तर- (ग) 1969 ई.

II. रिक्त स्थानों को भरें:

प्रश्न 1. साख अथवा ऋण की आवश्यकताओं की पूर्ति……..संस्थानों के द्वारा की जाती है।
उत्तर-
वित्तीय

प्रश्न 2. ग्रामीण क्षेत्र में साहूकार द्वारा प्राप्त ऋण की प्रतिशत मात्रा…………..है।
उत्तर-
30

प्रश्न 3. प्रतिशत प्राथमिक कृषि साख समिति कृषकों को ऋण प्रदान करती है।
उत्तर-
अल्पकालीन

प्रश्न 4. भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना…………..में हई।
उत्तर-
1935 ई.

प्रश्न 5. वित्तीय संस्थाएं किसी भी देश का………..माना जाता है।
उत्तर-
मेरूदंड

प्रश्न 6. स्वयं सहायता समूह में लगभग………..सदस्य होते हैं।
उत्तर-
15-20

प्रश्न 7. SHG में बचत और ऋण संबंधित अधिकार निर्णय लेते हैं।
उत्तर-
समूह के सदस्य

प्रश्न 8. व्यावसायिक बैंक……प्रकार की जमा राशि को स्वीकार करते हैं।
उत्तर-
चार

प्रश्न 9. भारतीय पूँजी बाजार……… वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
उत्तर-
दीर्घकालीन

प्रश्न 10. सूक्ष्म वित्त योजना के द्वारा …… पैमाने पर साख अथवा ऋण की सुविधा उपलब्ध होता है।
उत्तर-
छोटे या लघु

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. वित्तीय संस्थान स आप क्या समझते हैं ?

उत्तर- वित्तीय संस्थान वे संस्थाएं हैं जो लोगों और व्यवसायों को ऋण, जमा और निवेश जैसी वित्तीय सेवाएं प्रदान करती हैं।

प्रश्न 2. राज्य के वित्तीय संस्थान को कितने भागों में बाँटा जाता है, संक्षिप्त वर्णन करें।

उत्तर- राज्य के वित्तीय संस्थानों को दो भागों में बांटा जाता है:

  • बैंक: जो जमा स्वीकार करते हैं, ऋण देते हैं और अन्य वित्तीय सेवाएं प्रदान करते हैं।
  • गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFCs): जो बैंकिंग सेवाएं नहीं दे सकतीं, लेकिन ऋण, निवेश और अन्य वित्तीय सेवाएं प्रदान कर सकती हैं।

प्रश्न 3. किसानों को साख अथवा ऋण की आवश्यकता क्यों होती है ?

उत्तर- किसानों को कृषि कार्यों के लिए, जैसे बीज, उर्वरक, मशीनरी, और सिंचाई के लिए ऋण की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 4. व्यावसायिक बैंक कितने प्रकार की जमा राशि को स्वीकार करते हैं ? संक्षिप्त वर्णन करों

उत्तर- व्यावसायिक बैंक विभिन्न प्रकार की जमा राशि स्वीकार करते हैं, जैसे:

  • चालू खाते: लेनदेन के लिए
  • बचत खाते: ब्याज अर्जित करने के लिए
  • स्थिर जमा (FD): उच्च ब्याज दर के लिए
  • आवर्ती जमा (RD): नियमित बचत के लिए

प्रश्न 5. सहकारिता से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर- सहकारिता लोगों का एक समूह है जो एक समान लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करते हैं।

प्रश्न 6. स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर- स्वयं सहायता समूह गरीब लोगों का एक समूह है जो एक दूसरे को ऋण और अन्य सहायता प्रदान करते हैं।

प्रश्न 7. भारत में सहकारिता की शुरूआत किस प्रकार हुई, संक्षिप्त वर्णन करें।

उत्तर- भारत में सहकारिता की शुरुआत 19वीं शताब्दी में हुई थी। 1892 में, सहकारी समितियों का पहला कानून पारित किया गया था।

प्रश्न 8. सूक्ष्म वित्त योजना को परिभाषित करें।

उत्तर- सूक्ष्म वित्त योजना गरीब लोगों को ऋण और अन्य वित्तीय सेवाएं प्रदान करने की योजना है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.राष्ट्रीय वित्तीय संस्थान किसे कहते हैं ? इसे कितने भागों में बाँटा जाता है ? वर्णन करें।
उत्तर-

राष्ट्रीय वित्तीय संस्थान वे संस्थाएं हैं जो पूरे देश में वित्तीय सेवाएं प्रदान करती हैं। इन्हें दो मुख्य भागों में बांटा जाता है:

(1) बैंकिंग क्षेत्र:

  • वाणिज्यिक बैंक: ये सरकारी या निजी क्षेत्र के बैंक हैं जो जमा स्वीकार करते हैं, ऋण प्रदान करते हैं, और चेक भुगतान जैसी अन्य बुनियादी वित्तीय सेवाएं देते हैं।
  • ग्रामीण बैंक: ये बैंक विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय सेवाएं प्रदान करने के लिए स्थापित किए गए हैं, जैसे किसानों को फसल ऋण देना।
  • विदेशी बैंक: ये विदेशी देशों के बैंक हैं जो भारत में भी शाखाएं खोलकर काम करते हैं।

(2) गैर-बैंकिग वित्तीय संस्थान (एनबीएफसी):

  • बीमा कंपनियां: ये कंपनियां भविष्य में होने वाली किसी अनहोनी घटना के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती हैं। उदाहरण के लिए, जीवन बीमा या वाहन बीमा।
  • म्यूचुअल फंड: ये संस्थाएं विभिन्न कंपनियों के शेयरों या बॉन्डों में निवेश करती हैं और निवेशकों को मुनाफा बाँटती हैं।
  • वित्तीय निगम: ये कंपनियां लंबी अवधि के वित्तीय प्रोजेक्ट्स के लिए धन उपलब्ध कराती हैं, जैसे बुनियादी ढांचा निर्माण।
  • यह विभाजन वित्तीय सेवाओं की विविधता को दर्शाता है और यह सुनिश्चित करता है कि देश के विभिन्न क्षेत्रों और लोगों की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।

प्रश्न 2. राज्य स्तरीय संस्थागत वित्तीय स्रोत के कार्यों का वर्ण करें

उत्तर-

राज्य स्तरीय संस्थागत वित्तीय स्रोत सरकार और अर्थव्यवस्था के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं। उनके प्रमुख कार्य इस प्रकार हैं:

  • ऋण प्रदान करना: ये संस्थाएं कृषि, उद्योग, लघु व्यवसायों आदि को आवश्यक कार्यों के लिए ऋण प्रदान करती हैं। इससे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है।
  • जमा स्वीकार करना: ये संस्थाएं बचत खातों और अन्य जमा योजनाओं के माध्यम से आम जनता से धन जमा करती हैं।
  • निवेश को बढ़ावा देना: जमा राशि का उपयोग बुनियादी ढांचे के विकास, सामाजिक कल्याण योजनाओं और उद्योगों में निवेश के लिए किया जाता है।
  • बचत को प्रोत्साहित करना: विभिन्न जमा योजनाओं और बचत पर ब्याज देकर लोगो को बचत करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
  • आर्थिक विकास में सहायता: उपरोक्त कार्यों के माध्यम से ये संस्थाएं रोजगार के अवसर पैदा करती हैं, उद्योगों को बढ़ावा देती हैं और आर्थिक विकास में योगदान देती हैं।

प्रश्न 3. व्यावसायिक बैंकों के प्रमुख कार्यों की विवेचना करें।

उत्तर-

वसायिक बैंक अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। वे दो मुख्य कार्य करके अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करते हैं:

  1. जमा स्वीकार करना: व्यावसायिक बैंक बचत खाते, चालू खाते, और सावधिक जमा (FD) जैसे विभिन्न प्रकार के खातों में लोगों से जमा स्वीकार करते हैं। यह जमा किया गया धन बैंक के पास सुरक्षित रहता है और उस पर ब्याज भी मिलता है।
  2. ऋण प्रदान करना: जमा प्राप्त धन का उपयोग कर, व्यावसायिक बैंक व्यक्तियों और व्यवसायों को ऋण प्रदान करते हैं। यह ऋण घर खरीदने, कार खरीदने, शिक्षा प्राप्त करने, या व्यापार शुरू करने के लिए लिया जा सकता है। ऋण पर ब्याज वसूला जाता है, जो बैंक की आय का मुख्य स्रोत होता है।

इन कार्यों के अलावा, व्यावसायिक बैंक अन्य महत्वपूर्ण सेवाएं भी प्रदान करते हैं, जैसे:

  • ऑनलाइन बैंकिंग: सुविधा के लिए इंटरनेट या मोबाइल फोन के माध्यम से बैंकिंग करना।
  • डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड: कैश ले जाने की आवश्यकता कम करने के लिए कार्ड द्वारा भुगतान की सुविधा।
  • लॉकर किराये पर देना:महत्वपूर्ण दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए लॉकर की सुविधा।
  • इस प्रकार, व्यावसायिक बैंक जमा और ऋण के माध्यम से धन के प्रवाह को सुचारू बनाकर अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करते हैं।

प्रश्न 4. सहकारिता के मूल तत्व क्या हैं ? राज्य के विकास में इसकी भूमिका का वर्णन करो

उत्तर-

सहकारिता के मूल तत्व:

  • स्वैच्छिक सहभागिता: सदस्य अपनी इच्छा से शामिल होते हैं।
  • समानता का सिद्धांत: सभी सदस्यों के पास मतदान का समान अधिकार होता है।
  • सहयोग और पारस्परिक लाभ: लक्ष्य सभी सदस्यों के लाभ के लिए होता है।
  • स्वयं सहायता: सदस्य आपसी सहयोग से अपनी समस्याओं का समाधान निकालते हैं।
  • नैतिक मूल्य: ईमानदारी और सामाजिक दायित्व पर बल दिया जाता है।

राज्य के विकास में सहकारिता की भूमिका:

  • ग्रामीण विकास: किसानों को ऋण, बीज, उर्वरक आदि उपलब्ध कराकर कृषि को बढ़ावा देती है।
  • रोजगार सृजन: स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर गरीबी कम करती है।
  • सामाजिक न्याय: गरीबों और वंचितों को आर्थिक सहायता देकर असमानता कम करती है।
  • बुनियादी सुविधाएं: सहकारी समितियां सिंचाई, विद्युत आपूर्ति जैसी सुविधाएं देकर ग्रामीण विकास में योगदान देती हैं।
  • आत्मनिर्भरता: लोगों को आत्मनिर्भर बनाकर उन्हें अपना भविष्य खुद संवारने में सक्षम बनाती है।
  • निष्कर्ष: सहकारिता आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

प्रश्न 5. स्वयं सहायता समूह में महिलाएं किस प्रकार अपनी अहम भूमिका निभाती हैं ? वर्णन करें।

उत्तर-

स्वयं सहायता समूह (SHG) महिलाओं के सशक्तिकरण और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आइए देखें महिलाएं SHG में अपना महत्वपूर्ण योगदान कैसे देती हैं:

  • आर्थिक मजबूती: महिलाएं बचत करने की आदत विकसित करती हैं और समूह के कोष में नियमित रूप से योगदान देती हैं। यह उन्हें वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने में मदद करता है।
  • ऋण प्राप्ति: समूह के माध्यम से बैंकों से आसानी से ऋण प्राप्त करना संभव हो जाता है, जिससे महिलाएं अपना छोटा व्यवसाय शुरू कर सकती हैं या कृषि कार्यों के लिए धन प्राप्त कर सकती हैं।
  • निर्णय क्षमता: SHG महिलाओं को सामूहिक रूप से निर्णय लेने का अवसर प्रदान करते हैं। यह उनके आत्मविश्वास को बढ़ाता है और उन्हें अपने जीवन और व्यवसाय के लिए बेहतर निर्णय लेने में सक्षम बनाता है।
  • कौशल विकास: कई स्वयं सहायता समूह महिलाओं को कौशल विकास कार्यक्रम प्रदान करते हैं, जिससे उन्हें हस्तशिल्प, खानपान या सिलाई जैसे व्यवसाय शुरू करने में मदद मिलती है।
  • सामाजिक समर्थन: ये समूह महिलाओं को एकजुट होने और एक-दूसरे का समर्थन करने का मंच प्रदान करते हैं। इससे उन्हें सामाजिक और भावनात्मक मजबूती मिलती है।
  • संक्षेप में, स्वयं सहायता समूह महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने, अपने कौशल को विकसित करने और समाज में एक मजबूत पहचान बनाने में मदद करते हैं।

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