Hello Students and Teachers. Are you searching for the Solutions of Bihar Board Class 10 Geography Chapter 1D? If yes then you have come to the right place. On this page, we have presented you with the Solutions of Chapter 1D: खनिज संसाधन.
Subject | Geography (भूगोल) |
Chapter | 1D. खनिज संसाधन |
Class | Tenth |
Category | Bihar Board Class 10 Solutions |
Bihar Board Class 10 Geography Chapter 1D Solutions
खनिज संसाधन
वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. भारत में लगभग कितने खनिज पाये जाते हैं ?
(क) 50
(ख) 100
(ग) 150
(घ) 200
उत्तर- (ख) 100
प्रश्न 2. इनमें से कौन लौह युक्त खनिज का उदाहरण है ?
(क) मैंगनीज
(ख) अभ्रक
(ग) बॉक्साइट
(घ) चूना-पत्थर
उत्तर- (क) मैंगनीज
प्रश्न 3. निम्नलिखित में कौन अधात्विक खनिज का उदाहरण है?
(क) सोना
(ख) टीन
(ग) अभ्रक
(घ) ग्रेफाइट
उत्तर- (ग) अभ्रक
प्रश्न 4. किस खनिज को उद्योगों की जननी माना गया है ?
(क) सोना
(ख) तांबा
(ग) लोहा
(घ) मैंगनीज
उत्तर- (ग) लोहा
प्रश्न 5. कौन लौह अयस्क का एक प्रकार है ?
(क) लिगनाइट
(ख) हेमाटाइट
(ग) बिटुमिनस
(घ) इनमें से सभी
उत्तर- (ख) हेमाटाइट
प्रश्न 6. कौन भारत का सबसे बड़ा लौह उत्पादक राज्य है ?
(क) कर्नाटक
(ख) गोवा
(ग) उड़ीसा
(घ) झारखंड
उत्तर- (क) कर्नाटक
प्रश्न 7. छत्तीसगढ़ भारत का कितना प्रतिशत लौह अयस्क उत्यादन करता है ?
(क) 10
(ख) 20
(ग) 30
(घ) 40
उत्तर- (ख) 20
प्रश्न 8. मैंगनीज उत्पादन में भारत का विश्व में क्या स्थान है?
(क) प्रथम
(ख) द्वितीय
(ग) तृतीय
(घ) चतुर्थ
उत्तर- (ग) तृतीय
प्रश्न 9. उड़ीसा किस खनिज का सबसे बड़ा उत्पादक है ?
(क) लौह अयस्क
(ख) मैंगनीज
(ग) टीन
(घ) ताँबा
उत्तर- (ख) मैंगनीज
प्रश्न 10. एक टन इस्पात बनाने में कितने मैंगनीज का उपयोग होता है ?
(क) 5 किग्रा०
(ख) 10 किग्रा
(ग) 15 किग्रा
(घ) 20 किग्रा०
उत्तर- (ख) 10 किग्रा
प्रश्न 11. अल्युमिनियम बनाने के लिए किस खनिज की आवश्यकता पड़ती है?
(क) मैंगनीज
(ख) टीन
(ग) लोहा
(घ) बॉक्साइट
उत्तर- (घ) बॉक्साइट
प्रश्न 12. देश में तांबे का कुल भण्डार कितना है ?
(क) 100 करोड़ टन
(ख) 125 करोड़ टन
(ग) 150 करोड़ टन
(घ) 175 करोड़ टन
उत्तर- (ख) 125 करोड़ टन
प्रश्न 13. बिहार-झारखण्ड में देश का कितना प्रतिशत अभ्रक का उत्पादन होता है ?
(क) 60
(ख) 70
(ग) 80
(घ) 90
उत्तर- (ग) 80
प्रश्न 14. सीमेंट उद्योग का सबसे प्रमुख कच्चा माल क्या है ?
(क) चूना-पत्थर
(ख) बाक्साइट
(ग) ग्रेनाइट
(घ) लोहा
उत्तर- (क) चूना-पत्थर
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. खनिज क्या है?
उत्तर- खनिज प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले ठोस पदार्थ हैं जिनकी एक निश्चित रासायनिक संरचना और स्पष्ट क्रिस्टल संरचना होती है। ये अकार्बनिक तत्व होते हैं जिनका इस्तेमाल हम कई चीजें बनाने में करते हैं। उदाहरण के लिए लोहा, सोना, चूना पत्थर आदि खनिज हैं।
प्रश्न 2. धात्विक खनिज के दो प्रमुख पहचान क्या हैं ?
उत्तर- खनिज प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले ठोस पदार्थ हैं जिनकी एक निश्चित रासायनिक संरचना और स्पष्ट क्रिस्टल संरचना होती है। ये अकार्बनिक तत्व होते हैं जिनका इस्तेमाल हम कई चीजें बनाने में करते हैं। उदाहरण के लिए लोहा, सोना, चूना पत्थर आदि खनिज हैं।
प्रश्न 3. खनिजों की विशेषताओं का उल्लेख करें।
उत्तर- खनिजों की प्रमुख विशेषताएँ हैं:
- प्राकृतिक रूप से निर्मित: ये प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा बनते हैं और इन्हें कृत्रिम रूप से नहीं बनाया जा सकता।
- अजैविक पदार्थ: ये जीवित चीजों से नहीं बनते हैं।
- निश्चित रासायनिक संगठन: प्रत्येक खनिज में परमाणुओं का एक निश्चित अनुपात होता है, जो उन्हें विशिष्ट गुण देता है।
- असंस्थ रूप: ये ठोस अवस्था में पाए जाते हैं और उनका कोई निश्चित आकार नहीं होता है।
- विशिष्ट भौतिक गुण: उनका रंग, चमक, कठोरता और भंगुरता जैसी विशिष्ट भौतिक विशेषताएँ होती हैं।
प्रश्न 4. लौह अयस्क के प्रकारों के नामों को लिखिए।
उत्तर- लोह अयस्क के चार मुख्य प्रकार हैं:
- हेमाटाइट (Hematite) – यह लाल या भूरे रंग का आयरस्क होता है।
- मैग्नेटाइट (Magnetite) – यह काले रंग का अयस्क होता है और चुम्बक को अपनी ओर खींचता है।
- लिमोनाइट (Limonite) – यह जंग लगे हुए लोहे जैसा पीले या भूरे रंग का अयस्क होता है।
- सिडेराइट (Siderite) – यह भूरे या सफेद रंग का अयस्क होता है।
प्रश्न 5. लोहे के प्रमुख उत्पादक राज्यों के नाम लिखें।
उत्तर- कर्नाटक, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, गोवा, झारखण्ड, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु इत्यादि।
प्रश्न 6. झारखण्ड के मुख्य लौह उत्पादक जिलों के नाम लिखें।
उत्तर- सिंहभूम, पलामू, धनबाद, हजारीबाग, संथाल परगना एवं राँची।
प्रश्न 7. मैंगनीज के उपयोग पर प्रकाश डालें।
उत्तर- (i) जंगरोधी इस्पात बनाने में (ii) शुष्क सेल के निर्माण में (iii) फोटोग्राफी में (iv) चमड़ा एवं माचिस उद्योग में (v) पेंट तथा कीटनाशक दवाओं के उत्पादन में।
प्रश्न 8. अल्यूमिनियम के उपयोग का उल्लेख कीजिए।
उत्तर- (i) वायुयान निर्माण में (ii) विद्युत उपकरण के निर्माण में (iii) घरेलू साज-सज्जा के साधनों के निर्माण में (iv) बान बनाने में (v) सफेद सीमेंट तथा रासायनिक वस्तुएँ बनाने में।
प्रश्न 9. अभ्रक का उपयोग क्या है ?
उत्तर- (i) इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों में (ii) आयुर्वेदिक दवाओं के उत्पादन में (iii) विद्युत रोधक होने के कारण विद्युत उपकरण बनाने में।
प्रश्न 10. चूना-पत्थर की क्या उपयोगिता है ?
उत्तर- (i) सीमेंट बनाने में (ii) लौह इस्पात बनाने में (iii) उर्वरक, कागज एवं चीनी उद्योग में।
प्रश्न 11. खनिजों की मख्य विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर- खनिजों की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- प्राकृतिक रूप से निर्मित: ये प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा पृथ्वी के अंदर बनती हैं।
- अजैविक: ये जीवित चीजों से नहीं बनती हैं।
- निश्चित रासायनिक संगठन: प्रत्येक खनिज में परमाणुओं का एक निश्चित अनुपात पाया जाता है।
- अचल ठोस: ये कठोर ठोस पदार्थ होते हैं जिन्हें तोड़ा जा सकता है परन्तु घोला नहीं जा सकता।
- विशिष्ट भौतिक गुण: प्रत्येक खनिज का रंग, चमक, कठोरता और आकार विशिष्ट होता है।
प्रश्न 12. खनिजों के संरक्षण एवं प्रबंधन से क्या समझते हैं ?
उत्तर- खनिजों के संरक्षण एवं प्रबंधन का मतलब है कि उनका बुद्धिमानी से उपयोग किया जाए ताकि भविष्य के लिए भी ये बचे रहें। संरक्षण में खनिजों का अंधाधुंध दोहन रोकना और उनके स्थान पर वैकल्पिक पदार्थों का इस्तेमाल शामिल है। प्रबंधन में ये शामिल है कि खनन से निकलने वाले कचरे का सही ढंग से निपटारा किया जाए और खनिजों के बनने की प्राकृतिक प्रक्रिया का सम्मान किया जाए।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. खनिज कितने प्रकार के होते हैं ? प्रत्येक का सोदाहरण परिचय दीजिए।
उत्तर- पृथ्वी पर पाए जाने वाले खनिजों को उनकी भौतिक और रासायनिक के आधार पर मुख्यतः दो भागों में बांटा जा सकता है – धात्विक खनिज और अधात्विक खनिज।
धातुज खनिज (Dhatuvik Khanij): ये वो खनिज हैं जिनसे धातुएँ प्राप्त की जाती हैं। धातुएँ चमकदार होती हैं और इनमें तन्यता तथा वेद्यता का गुण होता है। उदाहरण के लिए:
- लोहा (Iron) – लोह अयस्क (Iron Ore) से प्राप्त होता है और इसका उपयोग इमारतें बनाने, औजार बनाने आदि कार्यों में किया जाता है।
- तांबा (Copper) – तांबा अयस्क (Copper Ore) से प्राप्त होता है और इसका उपयोग बिजली के तार बनाने, बर्तन बनाने आदि कार्यों में किया जाता है।
- सोना (Gold) – सोना अयस्क (Gold Ore) से प्राप्त होता है और इसका उपयोग आभूषण बनाने, मुद्रा के रूप में आदि कार्यों में किया जाता है।
अधात्विक खनिज (Adhatuvik Khanij): ये वो खनिज हैं जिनसे धातुएँ नहीं प्राप्त होती हैं। ये अपेक्षाकृत कम चमकीले होते हैं और इनमें तन्यता तथा वेद्यता का गुण नहीं पाया जाता है। उदाहरण के लिए:
- अभ्रक (Mica) – इसका उपयोग बिजली के सामान बनाने में किया जाता है।
- चूना पत्थर (Limestone) – इसका उपयोग सीमेंट बनाने, भवन निर्माण आदि कार्यों में किया जाता है।
- कोयला (Coal) – इसका उपयोग ईंधन के रूप में बिजली बनाने और अन्य कार्यों में किया जाता है।
ध्यान दें कि उपरोक्त सूची उदाहरण मात्र है, पृथ्वी पर हजारों प्रकार के खनिज पाए जाते हैं जिनका हमारे दैनिक जीवन में विभिन्न महत्व है।
प्रश्न 2. धात्विक एवं अधात्विक खनिजों में क्या अंतर है ? तुलना करें।
उत्तर- धात्विक और अधात्विक खनिजों में अंतर (तालिका)
प्रश्न 3. भारत के खनिज पट्टियों का नाम लिखकर किन्हीं दो का वर्णन करें।
उत्तर- भारत खनिज संपदा से भरपूर देश है। देश के विभिन्न भागों में कई महत्वपूर्ण खनिज पट्टियाँ पाई जाती हैं। आइए, दो प्रमुख खनिज पट्टियों के बारे में जानें:
- हज़ारीबाग-कोल्हान खनिज पट्टी:
- यह पूर्वी भारत में स्थित एक प्रमुख खनिज पट्टी है, जो झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल राज्यों में फैली हुई है।
- इस पट्टी में लोहा, मैंगनीज, अभ्रक, कोयला, बॉक्साइट और चूना पत्थर जैसे बहुमूल्य खनिज पाए जाते हैं।
- यह क्षेत्र भारत के इस्पात उद्योग की रीढ़ है। लोहे और कोयले की निकटता से इस क्षेत्र में लोहा-इस्पात उद्योग का तेजी से विकास हुआ है।
- छत्तीसगढ़ सुपरग्रुप खनिज पट्टी:
- यह मध्य भारत में स्थित एक खनिज पट्टी है, जो मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ राज्य में फैली हुई है।
- इस पट्टी में कोयला, बॉक्साइट, लौह अयस्क, चूना पत्थर, डोलोमाइट और हीरा जैसे महत्वपूर्ण खनिज पाए जाते हैं।
- यह क्षेत्र भारत के कोयला उद्योग का एक प्रमुख केंद्र है। साथ ही, यहाँ बॉक्साइट की उपस्थिति एल्यूमिनियम उद्योग को बढ़ावा देती है।
- भारत की समृद्धि में इन खनिज पट्टियों का महत्वपूर्ण योगदान है।
प्रश्न 4. लौह अयस्क का वर्गीकरण कर उनकी विशेषताओं को लिखें।
उत्तर- लौह अयस्क का वर्गीकरण
लौह अयस्क को मुख्य रूप से दो भागों में वर्गीकृत किया जाता है:
- हीमेटाइट (Hematite):
- यह लाल या भूरे रंग का सबसे अधिक पाया जाने वाला लौह अयस्क है।
- इसमें लोहे की मात्रा (Fe2O3) लगभग 70% होती है।
- यह कठोर और चमकदार होता है।
- भारत में यह छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा और कर्नाटक में पाया जाता है।
- मैग्नेटाइट (Magnetite):
- यह काले रंग का लौह अयस्क है।
- इसमें लोहे की मात्रा (Fe3O4) लगभग 72% होती है।
- यह प्राकृतिक रूप से चुम्बकीय होता है।
- भारत में यह ओडिशा, झारखंड और आंध्र प्रदेश में पाया जाता है।
अन्य प्रकार के लौह अयस्क:
- लिमोनाइट (Limonite) – यह हल्के पीले या भूरे रंग का लौह अयस्क है।
- सिडेराइट (Siderite) – यह भूरे या पीले रंग का लौह अयस्क है।
- इन अयस्कों में लोहे की मात्रा कम होती है और इन्हें सीधे तौर पर लोहा बनाने में इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
प्रश्न 5. भारत में लौह अयस्क के वितरण पर प्रकाश डालें।
उत्तर- लौह अयस्क भारत के लिए एक महत्वपूर्ण खनिज है, जिसका उपयोग इस्पात बनाने में किया जाता है। भारत में लौह अयस्क का वितरण असमान है, और मुख्य रूप से निम्नलिखित राज्यों में पाया जाता है:
- छत्तीसगढ़: यह भारत में लौह अयस्क का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। यहां लौह अयस्क बेलारी-दुर्ग – दाभनगिरी पट्टी में पाया जाता है।
- झारखंड: यह राज्य लौह अयस्क के भंडारों के लिए भी जाना जाता है, खासकर सिंहभूम और हजारीबाग जिलों में।
- ओडिशा: लौह अयस्क का अच्छा भंडार होने वाले अन्य राज्यों में ओडिशा शामिल है। यहां लौह अयस्क क्योंझर और मयूरभंज जिलों में पाया जाता है।
- कर्नाटक: कर्नाटक भी लौह अयस्क का उत्पादक राज्य है। यहां बाबापुदन गिरि रेंज में उच्च गुणवत्ता वाला लौह अयस्क पाया जाता है।
- आंध्र प्रदेश: यह राज्य भी लौह अयस्क का एक स्रोत है। यहां लौह अयस्क अनंतपुर जिले में पाया जाता है।
इन प्रमुख राज्यों के अलावा, लौह अयस्क का कुछ भंडार राजस्थान, तमिलनाडु, गोवा और केरल में भी पाए जाते हैं।
भारत में लौह अयस्क के वितरण के इस असमान पैटर्न को समझना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह इस्पात उद्योग के स्थान को प्रभावित करता है।
प्रश्न 6. मैंगनीज तथा बॉक्साइट की उपयोगिता तथा देश में इनके वितरण का वर्णन कीजिए।
उत्तर
मैंगनीज और बॉक्साइट भारत के महत्वपूर्ण खनिज हैं जिनकी अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका है। आइए इनकी उपयोगिता और देश में वितरण को समझें:
- मैंगनीज (Manganese):
उपयोगिता:
- इस्पात उद्योग में अलloyed (मिश्रित) किया जाता है, जिससे स्टील मजबूत और कठोर बनता है.
- रासायनिक उद्योग में विभिन्न रसायनों को बनाने में प्रयोग होता है.
- सूखी सेल बैटरी और पेंट में भी इसका इस्तेमाल होता है.
वितरण:
भारत में मैंगनीज के प्रमुख भंडार मध्य प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, झारखंड और आंध्र प्रदेश में पाए जाते हैं.
मध्य प्रदेश देश का सबसे बड़ा मैंगनीज उत्पादक राज्य है.
- बॉक्साइट (Bauxite):
उपयोगिता:
एल्यूमिनियम बनाने का मुख्य कच्चा माल है, जो हल्का और मजबूत धातु है.
बिजली के तारों, बर्तनों, वाहनों और विमानों में एल्यूमिनियम का व्यापक उपयोग होता है.
वितरण:
भारत में बॉक्साइट के प्रमुख भंडार ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, गुजरात और महाराष्ट्र में स्थित हैं.
ओडिशा देश का सबसे बड़ा बॉक्साइट उत्पादक राज्य है.
अनुच्छेद सार:
मैंगनीज इस्पात और रसायन उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण है, जबकि बॉक्साइट हल्के और मजबूत धातु एल्यूमिनियम का स्रोत है। ये खनिज मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड और कुछ अन्य राज्यों में पाए जाते हैं।
प्रश्न 7. अभ्रक की उपयोगिता एवं वितरण पर प्रकाश डालें।।
उत्तर- अभ्रक एक चमकदार और शीशे जैसा खनिज है, जो अपनी परतदार संरचना के लिए जाना जाता है। इसकी कई उपयोगिताओं के कारण इसे एक महत्वपूर्ण खनिज माना जाता है। आइए देखें अभ्रक की उपयोगिता और वितरण को थोड़ा और करीब से:
उपयोगिता:
- विद्युतरोधक: अभ्रक एक अच्छा विद्युतरोधक है। इसका मतलब है कि यह बिजली का संचालन नहीं करता है। इसी वजह से इसका उपयोग विभिन्न विद्युत उपकरणों को बनाने में किया जाता है, जैसे – ट्रांसफॉर्मर, स्विचबोर्ड और हीटर।
- गर्मीरोधी: अभ्रक उच्च तापमान को सहने में सक्षम है। इसलिए इसका उपयोग उन जगहों पर किया जाता है जहां गर्मी बहुत अधिक होती है, जैसे – रॉकेट और मिसाइलों में इन्सुलेशन के लिए।
- अन्य उपयोग: अभ्रक का उपयोग कॉस्मेटिक्स, पेंट और कुछ दवाओं में भी किया जाता है। साथ ही, इसका उपयोग सजावटी वस्तुएं बनाने में भी किया जाता है।
वितरण:
दुनिया भर में अभ्रक के भंडार पाए जाते हैं, लेकिन भारत इसका एक प्रमुख उत्पादक देश है। झारखंड, आंध्र प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक जैसे राज्यों में अभ्रक की खदानें पाई जाती हैं।
अतः, संक्षेप में कहें तो अभ्रक अपने विद्युतरोधी और गर्मीरोधी गुणों के कारण विभिन्न उद्योगों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत इसका एक प्रमुख उत्पादक देश है।
प्रश्न 8. खनिजों के संरक्षण के उपाय सुझायें।
उत्तर- खनिज अमूल्य प्राकृतिक संपदा हैं, जिनका उपयोग समझदारी से करना चाहिए. इनके संरक्षण के लिए हम कई उपाय अपना सकते हैं:
- पुनर्चक्रण और पुन:प्रयोग: लोहा, कांचन, एल्यूमिनियम जैसी धातुओं और प्लास्टिक का पुनर्चक्रण कर खनिजों के दोबारा इस्तेमाल को बढ़ावा देना चाहिए. बेकार हो चुके सामानों को नया रूप देकर भी हम खनिजों की बचत कर सकते हैं.
- विकल्पों का उपयोग: कहीं-कहीं कम खनिज खाने वाली वस्तुओं का उपयोग किया जा सकता है. उदाहरण के लिए, बिजली के लिए तांबे के तारों के स्थान पर एल्यूमिनियम के तारों का प्रयोग किया जा सकता है.
- संसाधनों का समझदारीपूर्ण उपयोग: खनन करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि कम से कम बर्बादी हो. साथ ही, हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि खनन के बाद उस क्षेत्र का पुनर्वास किया जाए.
- नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाना: कोयला और पेट्रोलियम जैसे खनिज ईंधन जल्दी खत्म हो जाते हैं. अतः हमें सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा आदि नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाना चाहिए.
- जागरूकता फैलाना: खनिजों के महत्व और उनके संरक्षण के तरीकों के बारे में लोगों को जागरूक करना जरूरी है. इससे लोग फिजूलखर्ची से बचेंगे और खनिजों का समझदारी से उपयोग करेंगे.
इन उपायों को अपनाकर हम आने वाली पीढ़ी के लिए भी खनिजों को सुरक्षित रख सकते हैं.
मानचित्र कार्य
प्रश्न 1.भारत क एक मानचित्र पर महत्वपूर्ण खनिजों के वितरण को दर्शाइये।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 2.लौह अयस्क के मुख्य उत्पादक केन्द्रों को भारत के मानचित्र में अंकित कीजिये।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 3. पूरे पृष्ठ पर भारत का मानचित्र बनाकर निम्नलिखित को दिखाइये : मैंगनीज, बॉक्साइट तथा ताँबा उत्पादक क्षेत्र।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 4. विभिन्न चट्टानों तथा खनिजों के टुकड़े उपलब्ध कर भूगोल प्रयोगशाला में संग्रह कीजिये।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।
The Bihar Board Class 10 Geography Solutions provide detailed answers to the questions posed in the Bihar Board Class 10 Geography textbook. The solutions are prepared by expert geography teachers and are designed to help students understand the concepts covered in the textbook. The solutions provide step-by-step explanations of key concepts and offer insights into various real-world applications of the concepts learnt. The Bihar Board Class 10 Geography Solutions are an invaluable resource for students preparing for their Class 10 exams as well as for those who wish to further their studies in geography at the collegiate level.
Bihar Board Class 10 Geography Solutions बिहार बोर्ड कक्षा 10 भूगोल पाठ्यपुस्तक में पूछे गए प्रश्नों के विस्तृत उत्तर प्रदान करते हैं। समाधान विशेषज्ञ भूगोल शिक्षकों द्वारा तैयार किए जाते हैं और छात्रों को पाठ्यपुस्तक में शामिल अवधारणाओं को समझने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। समाधान प्रमुख अवधारणाओं के चरण-दर-चरण स्पष्टीकरण प्रदान करते हैं और सीखी गई अवधारणाओं के विभिन्न वास्तविक-विश्व अनुप्रयोगों में अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। Bihar Board Class 10 Geography Solutions कक्षा 10 की परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के साथ-साथ उन लोगों के लिए एक अमूल्य संसाधन है जो कॉलेज स्तर पर भूगोल में अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाना चाहते हैं।