Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1E: शक्ति (ऊर्जा) संसाधन

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SubjectGeography (भूगोल)
Chapter1E. खनिज संसाधन
ClassTenth
CategoryBihar Board Class 10 Solutions

Bihar Board Class 10 Geography Chapter 1E Solutions

शक्ति (ऊर्जा) संसाधन

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. किस राज्य में खनिज तेल को विशाल भंडार स्थित है ?
(क) असम
(ख) राजस्थान
(ग) बिहार
(घ) तमिलनाडु
उत्तर- (क) असम

प्रश्न 2. भारत के किस स्थान पर पहला परमाणु ऊर्जा स्टेशन स्थापित किया गया था ?
(क) कलपक्कम
(ख) नरोरा
(ग) राणाप्रताप सागर
(घ) तारापुर
उत्तर- (घ) तारापुर

 प्रश्न 3. कौन-सा ऊर्जा स्रोत अनवीकरणीय है ?
(क) जल
(ख) सौर
(ग) कोयला
(घ) पवन
उत्तर- (ग) कोयला

प्रश्न 4. प्राथमिक ऊर्जा का उदाहरण नहीं है
(क) कोयला
(ख) विद्युत
(ग) पेट्रोलियम
(घ) प्राकृतिक गैस
उत्तर- (ख) विद्युत

प्रश्न 5. ऊर्जा का गैर-पारम्परिक स्रोत है
(क) कोयला
(ख) विद्युत
(ग) पेट्रोलियम
(घ) सौर-ऊर्जा
उत्तर- (घ) सौर-ऊर्जा

प्रश्न 6. गोण्डवाना समूह के कोयले का निर्माण हुआ था
(क) 20 करोड़ वर्ष पूर्व
(ख) 20 लाख वर्ष पूर्व
(ग) 20 हजार वर्ष पूर्व
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- (क) 20 करोड़ वर्ष पूर्व

प्रश्न 7. भारत में कोयले का सर्वप्रमुख उत्पादक राज्य है
(क) पश्चिम बंगाल
(ख) झारखण्ड
(ग) उड़ीसा
(घ) छत्तीसगढ़
उत्तर- (ख) झारखण्ड

प्रश्न 8. सर्वोत्तम कोयले का प्रकार कौन-सा है ?
(क) एन्थ्रासाइट
(ख) पीट
(ग) लिग्नाइट
(घ) बिटुमिनस
उत्तर- (क) एन्थ्रासाइट

प्रश्न 9. मुम्बई हाई क्यों प्रसिद्ध है?
(क) कोयले के निर्यात हेतु
(ख) तेल शोधक कारखाना हेतु
(ग) खनिज तेल हेतु
(घ) परमाणु शक्ति हेतु
उत्तर- (ग) खनिज तेल हेतु

प्रश्न 10. भारत का प्रथम तेल शोधक कारखाना कहाँ स्थित है?
(क) मथुरा
(ख) बरौनी
(ग) डिगबोई
(घ) गुवाहाटी
उत्तर- (ग) डिगबोई

प्रश्न 11. प्राकृतिक गैस किस खनिज के साथ पाया जाता है?
(क) यूरेनियम
(ख) पेट्रोलियम
(ग) चूना पत्थर
(घ) कोयला
उत्तर- (ख) पेट्रोलियम

प्रश्न 12. भाखड़ा नंगल परियोजना किस नदी पर अवस्थित है ?
(क) नर्मदा
(ख) झेलम
(ग) सतलज
(घ) व्यास
उत्तर- (ग) सतलज

प्रश्न 13. दक्षिण भारत की सबसे बड़ी नदी घाटी परियोजना है।
(क) तुंगभद्रा
(ख) शारवती
(ग) चंबल
(घ) हिराकुण्ड
उत्तर- (क) तुंगभद्रा

प्रश्न 14. ताप विद्युत केन्द्र का उदाहरण है
(क) गया
(ख) बरौनी
(ग) समस्तीपुर
(घ) कटिहार
उत्तर- (ख) बरौनी

प्रश्न 15. यूरेनियम का प्रमुख उत्पादक स्थल है
(क) डिगबोई
(ख) झरिया
(ग) घाटशिला
(घ) जादूगोड़ा
उत्तर- (घ) जादूगोड़ा

प्रश्न 16. एशिया का सबसे बड़ा परमाणु विद्युत-गृह है।
(क) तारापुर
(ख) कलपक्कम
(ग) नरौरा
(घ) कैगा
उत्तर- (क) तारापुर

प्रश्न 17. भारत के किस राज्य में सौर-ऊर्जा के विकास की सर्वाधिक संभावनाएं हैं ?
(क) असम
(ख) अरुणाचलप्रदेश
(ग) राजस्थान
(घ) मेघालय
उत्तर- (ग) राजस्थान

प्रश्न 18. ज्वारीय एवं तरंग ऊर्जा उत्पादन हेतु भारत में अधिक अनुकूल परिस्थितियाँ कहाँ पाई जाती हैं ?
(क) मन्नार की खाड़ी में
(ख) खम्भात की खाड़ी में
(ग) गंगा नदी में
(घ) कोसी नदी में
उत्तर- (ख) खम्भात की खाड़ी में

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. पारम्परिक एवं गैर-पारम्परिक ऊर्जा स्रोतों के तीन-तीन उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
पारम्परिक ऊर्जा स्रोत कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, लकड़ी इत्यादि।
गैर-पारम्परिक ऊर्जा स्रोत–बायो गैस, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा ज्वारीय ऊर्जा एवं तरंग ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा एवं जैव ऊर्जा।

प्रश्न 2. गोण्डवाना समूह के कोयला क्षेत्रों के नाम लिखिए।
उत्तर-
गोंडवाना समूह के प्रमुख कोयला क्षेत्र चार मुख्य नदी घाटियों में पाए जाते हैं। ये नदी घाटियां हैं:

  • दामोदर घाटी (Damodar Valley)
  • सोन घाटी (Son Valley)
  • महानदी घाटी (Mahanadi Valley)
  • गोदावरी घाटी (Godavari Valley)

प्रश्न 3. झारखण्ड राज्य के मुख्य कोयला उत्पादक क्षेत्रों के नाम अंकित कीजिए।
उत्तर-
झरिया, बोकारो, गिरीडीह, कर्णपुरा, रामगढ़।

प्रश्न 4. कोयले के विभिन्न प्रकारों के नाम लिखिए।
उत्तर-
(i) ऐंथासाइट (ii) बिटुमिनस (iii) लिग्नाइट (iv) पीट।

प्रश्न 5. पेट्रोलियम से किन-किन वस्तुओं का निर्माण होता है ?
उत्तर-
गैसोलीन, डीजल, किरासन, तेल, स्नेहक, कीटनाशक दवाएँ, पेट्रोल, साबुन, कृत्रिम रेशा, प्लास्टिक आदि।

प्रश्न 6. सागर सम्राट क्या है ?
उत्तर-
सागर सम्राट एक विशाल सागर मंच है जिसे तेल उत्खनन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह समुद्र के बीचोंबीच स्थित होकर समुद्र की तेल (samundar ki tali) से तेल निकालने का कार्य करता है। इसे भारत सरकार की कंपनी ओएनजीसी द्वारा सञ्चालित किया जाता है।

प्रश्न 7. किन्हीं चार तेल शोधक कारखाने का स्थान निर्दिष्ट कीजिए।
उत्तर-
भारत में तेल शोधक कारखानों के कई स्थान हैं, जिनमें से चार प्रमुख हैं:

  • दाभोई (आसाम): यह भारत की पहली रिफाइनरी है।
  • पानीपत (हरियाणा): यह उत्तर भारत में स्थित एक महत्वपूर्ण रिफाइनरी है।
  • जामनगर (गुजरात): यह दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी है।
  • चेन्नई (तमिलनाडु): यह दक्षिण भारत में एक प्रमुख रिफाइनरी है।

प्रश्न 8.जल विद्युत उत्पादन के कौर-कौन से मुख्य कारक हैं ?
उत्तर-
जल विद्युत उत्पादन के लिए दो मुख्य कारक हैं:

  • पानी की मात्रा और ऊँचाई: अधिक मात्रा में गिरने वाला पानी और जलाशय की ऊँचाई जितनी अधिक होगी, उतनी ही अधिक विद्युत उत्पादन होता है.
  • संयंत्र की दक्षता: जल विद्युत संयंत्र के टरबाइन और जनरेटर जितने अधिक दक्ष होंगे, उतना ही कम पानी की बर्बादी होगी और अधिक बिजली पैदा होगी.

प्रश्न 9. नदी घाटी परियोजनाओं को बहु-उद्देशीय क्यों कहा जाता है?
उत्तर-
नदी घाटी परियोजनाओं को बहु-उद्देशीय इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये सिंचाई के लिए जल उपलब्ध कराने के अलावा बिजली उत्पादन, बाढ़ नियंत्रण, पेयजल आपूर्ति, और मछली पालन जैसे कई उद्देश्यों को पूरा करती हैं।

प्रश्न 10. निम्नलिखित नदी घाटी परियोजनाएँ किन-किन राज्यों में अवस्थित हैं हीराकुण्ड, तुंगभद्रा एवं रिहन्द।
उत्तर-

  • हीराकुण्ड: उड़ीसा राज्य में स्थित है। (Hirakud: Located in Odisha state)
  • तुंगभद्रा: आंध्र प्रदेश और कर्नाटक राज्यों में स्थित है। (Tungabhadra: Located in Andhra Pradesh and Karnataka states)
  • रिहन्द: उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है। (Rihand: Located in Uttar Pradesh state)

प्रश्न 11. ताप शक्ति क्यों समाप्य संसाधन है ?
उत्तर-
ताप शक्ति इस लिए समाप्य संसाधन है क्योंकि इसका उत्पादन करने के लिए हम कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस जैसे जीवाश्म ईंधन जलाते हैं। ये जीवाश्म ईंधन पृथ्वी में सीमित मात्रा में मौजूद हैं और इनका तेजी से इस्तेमाल हो रहा है। इनके बनने में लाखों करोड़ों साल लगते हैं, लेकिन हम इन्हें बहुत कम समय में खर्च कर रहे हैं। इसीलिए ताप शक्ति एक समाप्य संसाधन है।

प्रश्न 12. परमाणु शक्ति किन-किन खनिजों से प्राप्त होता है ?
उत्तर-
इल्मेनाइट, बेनेडियम, एंटीमनी, ग्रेफाइट, यूरेनियम इत्यादि।

प्रश्न 13. मोनाजाइट भारत में कहाँ-कहाँ उपलब्ध है?
उत्तर-
भारत में मोनाजाइट केरल राज्यों में प्रचुरता से पाया जाता है। इसके अतिरिक्त, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, उड़ीसा राज्यों के तटीय क्षेत्रों में यह पाया जाता है।

प्रश्न 14. सौर ऊर्जा का उत्पादन कैसे होता है?
उत्तर-
जब फोटोवोल्टाइक सेलों में विणाषित सूर्य की किरणों को ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है तो सौर ऊर्जा का उत्पादन होता है।

प्रश्न 15. भारत के किन-किन क्षेत्रों में पवन ऊर्जा के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ हैं ?
उत्तर-
पवन ऊर्जा के लिए राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र तथा कर्नाटक में अनुकूल परिस्थितियाँ। विद्यमान हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. शक्ति संसाधन का वर्गीकरण विभिन्न आधारों के अनुसार सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
शक्ति संसाधनों को उनकी उत्पत्ति, उपयोगिता और समाप्त होने की क्षमता के आधार पर विभिन्न वर्गों में विभाजित किया जा सकता है। आइए दो मुख्य आधारों पर वर्गीकरण को देखें:

(क) उत्पत्ति के आधार पर:

सतत (अक्षय) शक्ति संसाधन: ये वे संसाधन हैं जो प्राकृतिक रूप से लगातार प्राप्त होते रहते हैं और इनके समाप्त होने की संभावना नहीं है। उदाहरण के लिए:

  • सौर ऊर्जा: सूर्य से प्राप्त होने वाली यह ऊर्जा स्वच्छ और अक्षय है। इसका उपयोग सौर पैनलों द्वारा बिजली बनाने में किया जाता है।
  • पवन ऊर्जा: हवा के बहने से प्राप्त गतिज ऊर्जा पवन ऊर्जा कहलाती है। पवन चक्कियों द्वारा इस ऊर्जा का उपयोग बिजली बनाने में किया जाता है।
  • जल विद्युत: बहते हुए जल की गतिज ऊर्जा का उपयोग जल विद्युत संयंत्रों में बिजली बनाने के लिए किया जाता है।
    असतत (संक्षीणीय) शक्ति संसाधन: ये वे संसाधन हैं जिनकी मात्रा सीमित है और इनके निरंतर उपयोग से ये समाप्त हो जाते हैं। उदाहरण के लिए:
  • कोयला: यह जीवाश्म ईंधन बिजली उत्पादन और उद्योगों में प्रयोग होता है।
  • पेट्रोलियम: इसका उपयोग वाहनों और उद्योगों में ईंधन के रूप में किया जाता है।
  • प्राकृतिक गैस: यह स्वच्छ ईंधन बिजली उत्पादन और घरों में खाना पकाने के लिए उपयोगी है।

(ख) समाप्त होने की क्षमता के आधार पर:

  • नवीकरणीय शक्ति संसाधन: ये वे संसाधन हैं जिनका उपयोग करने से उनकी मात्रा कम नहीं होती और इन्हें प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा दुबारा प्राप्त किया जा सकता है। उदाहरण: सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल विद्युत।
  • अनवीकरणीय शक्ति संसाधन: ये वे संसाधन हैं जिनका उपयोग करने से उनकी मात्रा कम होती जाती है और ये प्राकृतिक रूप से जल्दी प्राप्त नहीं किए जा सकते। उदाहरण: कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस।

प्रश्न 2. भारत में पारम्परिक शक्ति के विभिन्न स्रोतों का विवरण दें।
उत्तर-
भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए पारम्परिक शक्ति स्रोतों का लंबे समय से इस्तेमाल किया जाता रहा है। आइए, इन प्रमुख स्रोतों को संक्षेप में जानें:

  • कोयला: भारत में बिजली उत्पादन का मुख्य स्तंभ कोयला है। यह जीवाश्म ईंधन सस्ता तो है, लेकिन जलाने पर प्रदूषण फैलाता है।
  • तेल: परिवहन और औद्योगिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण ईंधन है तेल। इसका सीमित भंडार है और आयात पर निर्भरता भी भारत के लिए चुनौती है।
  • प्राकृतिक गैस: कोयले और तेल से अपेक्षाकृत स्वच्छ ईंधन है प्राकृतिक गैस। इसका उपयोग बिजली उत्पादन और रसोई गैस के रूप में होता है।
  • जल विद्युत: नदियों के बहाव से जल विद्युत संयंत्रों में बिजली बनाई जाती है। यह एक नवीकरणीय स्रोत तो है, परन्तु बांध बनाने से पर्यावरण को भी कुछ नुकसान पहुँचता है।

इन पारम्परिक स्रोतों के अतिरिक्त परमाणु ऊर्जा का भी थोड़ा मात्रा में उपयोग होता है, लेकिन इसकी स्थापना और सुरक्षा संबंधी जटिलताएं हैं।

यह ध्यान देना जरूरी है कि पारम्परिक स्रोतों के सीमित भंडार और पर्यावरण प्रदूषण को देखते हुए भारत नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा दे रहा है।

प्रश्न 3. गोंडवाना काल के कोयले का भारत में वितरण पर प्रकाश डालें।
उत्तर-
भारत में पाए जाने वाले अधिकांश कोयले की उत्पत्ति गोंडवाना काल (लगभग 35 करोड़ वर्ष पूर्व) की है। आइए देखें इसका वितरण कैसा है:

दामोदर घाटी: यह क्षेत्र गोंडवाना कोयले का सबसे प्रमुख स्रोत है। झारखंड में स्थित झरिया, रानीगंज और बोकारो कोयला खदानें इसी घाटी में आती हैं।

अन्य नदी घाटियां: गोंडवानाकालीन कोयला अन्य नदियों की घाटियों में भी पाया जाता है, जिनमें गोदावरी, महानदी, सोन और वर्धा प्रमुख हैं।

कुछ महत्वपूर्ण बातें:

गोंडवानाकालीन कोयला मुख्यतः उच्च गुणवत्ता वाला बिटुमिनस कोयला है, जिसका उपयोग बिजली उत्पादन और उद्योगों में किया जाता है।

भारत में कोयले का वितरण असमान है। अधिकांश भंडार पूर्वी और मध्य भारत में स्थित हैं।

इस प्रकार, गोंडवानाकालीन कोयला भारत के लिए एक महत्वपूर्ण ऊर्जा स्रोत है, जिसका वितरण मुख्य रूप से पूर्वी और मध्य भारत की नदी घाटियों में केंद्रित है।

प्रश्न 4. कोयले का वर्गीकरण कर उनकी विशेषताओं का उल्लेख करें।
उत्तर-
कोयला लाखों साल पहले दलदली वनस्पतियों के दबाव एवं गर्मी के कारण कार्बनीकरण की प्रक्रिया से बनता है। इसके विभिन्न प्रकार कार्बनीकरण की मात्रा के आधार पर किए जाते हैं। कोयले के चार मुख्य प्रकार हैं जिनकी विशेषताएँ इस प्रकार हैं:

  1. पीट (Peat): यह कोयले का सबसे कम कार्बनीकृत रूप है। इसमें पौधों के अवशेष स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं। पीट में जलाने की क्षमता कम होती है और यह भूरा, रेशेदार पदार्थ होता है। इसका मुख्य उपयोग ईंधन के रूप में, मिट्टी को उपजाऊ बनाने और कुछ औद्योगिक कार्यों में किया जाता है।
  2. लिग्नाइट (Lignite): पीट की तुलना में लिग्नाइट में कार्बनीकरण थोड़ा अधिक होता है। यह काले या गहरे भूरे रंग का होता है और इसमें लकड़ी जैसी संरचना देखी जा सकती है। लिग्नाइट जलाने पर अपेक्षाकृत अधिक गर्मी देता है, लेकिन जल्दी जल जाता है। इसका उपयोग बिजली उत्पादन में किया जाता है।
  3. बिटुमिनस कोयला (Bituminous Coal): यह सबसे व्यापक रूप से पाया जाने वाला कोयला है। यह काला, ठोस और चमकदार होता है। इसमें कार्बन की मात्रा अधिक होती है, जिससे यह जलाने पर लिग्नाइट से अधिक ऊर्जा देता है। इसका उपयोग बिजली उत्पादन, इस्पात उद्योग और सीमेंट उद्योग में किया जाता है।
  4. एन्थ्रेसाइट (Anthracite): यह कोयले का सबसे उच्च कार्बनीकृत रूप है। यह काला, कठोर और चमकदार होता है। एन्थ्रेसाइट जलाने में सबसे अधिक गर्मी देता है और जलते समय कम धुआं निकालता है। इसका उपयोग उच्च तापमान की आवश्यकता वाली औद्योगिक प्रक्रियाओं में किया जाता है।

प्रश्न 5. भारत में खनिज तेल के वितरण का वर्णन करें।
उत्तर-
भारत में खनिज तेल का वितरण असमान है, यानी यह पूरे देश में समान रूप से नहीं पाया जाता। इसकी आपूर्ति मुख्य रूप से तीन प्रमुख क्षेत्रों से होती है:

  • उत्तरी-पूर्वी क्षेत्र: असम और मेघालय के क्षेत्रों में स्थित यह सबसे महत्वपूर्ण खनिज तेल क्षेत्र है।
  • पश्चिमी तट: गुजरात में खंभात की खाड़ी के आसपास का क्षेत्र दूसरा प्रमुख उत्पादक क्षेत्र है।
  • बाम्बे हाई क्षेत्र: मुंबई के तट से दूर स्थित अपतटीय क्षेत्र भी खनिज तेल का अच्छा स्रोत है।

इनके अलावा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश में भी कुछ सीमित मात्रा में खनिज तेल का उत्पादन होता है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भारत अपने खनिज तेल की जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर बहुत अधिक निर्भर करता है।

प्रश्न 6. जल विद्युत उत्पादन हेतु अनुकूल भौगोलिक एवं आर्थिक कारकों की विवेचना करें।
उत्तर-

जल विद्युत उत्पादन के लिए अनुकूल भौगोलिक और आर्थिक कारक :-
जल विद्युत एक स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है, लेकिन इसके कुशल उत्पादन के लिए भौगोलिक और आर्थिक दोनों कारकों का अनुकूल होना आवश्यक है। आइए इन दोनों पक्षों को समझें:

अनुकूल भौगोलिक कारक:

  • पहाड़ी क्षेत्र: जल विद्युत उत्पादन के लिए तेज धारा वाली, ऊंचाई से नीचे गिरने वाली नदियाँ उपयुक्त होती हैं। यह गुरुत्वाकर्षण बल का फायदा उठाकर अधिक विद्युत उत्पादन में सहायक होता है। सामान्यतः पहाड़ी क्षेत्रों में ऐसी नदियाँ अधिक पाई जाती हैं।
  • वर्षा ऋतु: जल विद्युत संयंत्रों को साल भर चलाने के लिए पर्याप्त जल होना आवश्यक है। ऐसे क्षेत्र जहां वर्षा ऋतु में अच्छी वर्षा होती है और नदियों में जलस्तर बना रहता है, वहां जल विद्युत उत्पादन ज्यादा बेहतर होता है।
  • जलाशय स्थल: बांध बनाने के लिए उपयुक्त स्थल होना चाहिए। चट्टानी धरातल मजबूत आधार प्रदान करता है और जलाशय निर्माण में सहायक होता है।

अनुकूल आर्थिक कारक:

  • पूंजी निवेश: जल विद्युत संयंत्र स्थापित करने में प्रारंभिक रूप से पूंजी निवेश अधिक होता है। बांध, विद्युत गृह और टरबाइन लगाने में काफी लागत आती है। इसलिए मजबूत वित्तीय स्थिति होना जरूरी है।
  • विद्युत ट्रांसमिशन लाइन: उत्पादित बिजली को दूर-दराज के क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए विद्युत ट्रांसमिशन लाइनों की जरूरत होती है। इनको बनाने में भी लागत लगती है।
  • बाजार की निकटता: जल विद्युत संयंत्र से उत्पादित बिजली को खपत करने के लिए बाजार या औद्योगिक क्षेत्रों की निकटता लाभदायक होती है। इससे ट्रांसमिशन लाइन का खर्च कम होता है और बिजली की आपूर्ति आसान हो जाती है।


इन भौगोलिक और आर्थिक कारकों का समावेश होने पर ही जल विद्युत उत्पादन एक सफल और किफायती विकल्प बन सकता है।

प्रश्न 7. संक्षिप्त भौगोलिक टिप्पणी लिखें-भाखड़ा-नंगल परियोजना, दामोदर घाटी परियोजना, कोसी परियोजना, हीराकुण्ड परियोजना, रिहन्द परियोजना और तुंगभद्रा परियोजना

उत्तर-

भाखड़ा-नंगल परियोजना

  • स्थान: सतलज नदी, हिमाचल प्रदेश
  • उद्देश्य: सिंचाई, जल विद्युत उत्पादन, बाढ़ नियंत्रण
  • प्रमुख बांध: भाखड़ा बांध (226 मीटर ऊंचा)
  • सिंचाई: 10 लाख हेक्टेयर
  • जल विद्युत उत्पादन: 1325 मेगावाट

विशेषताएं:

  • दुनिया का सबसे ऊंचा गुरुत्वाकर्षण बांध
  • भारत की ‘खाद्य सुरक्षा’ में महत्वपूर्ण योगदान
  • पर्यटन स्थल

दामोदर घाटी परियोजना

  • स्थान: दामोदर नदी, झारखंड
  • उद्देश्य: बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई, जल विद्युत उत्पादन
  • प्रमुख बांध: टिहरी बांध (261 मीटर ऊंचा)
  • सिंचाई: 24 लाख हेक्टेयर
  • जल विद्युत उत्पादन: 2000 मेगावाट

विशेषताएं:

  • ‘भारत की रूहर’ के नाम से जाना जाता है
  • ‘दामोदर घाटी निगम’ द्वारा संचालित

कोसी परियोजना

  • स्थान: कोसी नदी, बिहार
  • उद्देश्य: बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई
  • प्रमुख बांध: कोसी बराज (22.8 मीटर ऊंचा)
  • सिंचाई: 22 लाख हेक्टेयर

विशेषताएं:

‘भारत का शोक’ के नाम से जाना जाता था
‘कोसी नियंत्रण बोर्ड’ द्वारा संचालित

हीराकुंड परियोजना

  • स्थान: महानदी, ओडिशा
  • उद्देश्य: सिंचाई, जल विद्युत उत्पादन
  • प्रमुख बांध: हीराकुंड बांध (60 मीटर ऊंचा)
  • सिंचाई: 23 लाख हेक्टेयर
  • जल विद्युत उत्पादन: 347.5 मेगावाट

विशेषताएं:

  • ‘भारत की सबसे बड़ी नदी घाटी परियोजना’
  • ‘ओडिशा का जीवन रेखा’ के नाम से जाना जाता है

रिहन्द परियोजना

  • स्थान: रिहन्द नदी, उत्तर प्रदेश
  • उद्देश्य: सिंचाई, जल विद्युत उत्पादन
  • प्रमुख बांध: रिहन्द बांध (100 मीटर ऊंचा)
  • सिंचाई: 12 लाख हेक्टेयर
  • जल विद्युत उत्पादन: 300 मेगावाट

विशेषताएं:

‘उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी नदी घाटी परियोजना’

तुंगभद्रा परियोजना

  • स्थान: तुंगभद्रा नदी, कर्नाटक & आंध्र प्रदेश
  • उद्देश्य: सिंचाई, जल विद्युत उत्पादन
  • प्रमुख बांध: तुंगभद्रा बांध (82 मीटर ऊंचा)
  • सिंचाई: 3.8 लाख हेक्टेयर
  • जल विद्युत उत्पादन: 400 मेगावाट

विशेषताएं:

‘दक्षिण भारत की सबसे बड़ी नदी घाटी परियोजना’

प्रश्न 8. भारत के किन्हीं चार परमाणु विद्युत गृह का उल्लेख कीजिए तथा उनकी विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-

भारत के चार प्रमुख परमाणु विद्युत गृह और उनकी विशेषताएं:

तारापुर परमाणु विद्युत गृह (महाराष्ट्र):
यह भारत का पहला परमाणु विद्युत गृह है, जो 1969 में स्थापित हुआ था।
यह दो यूनिटों (160 मेगावाट क्षमता) का संयंत्र है।
यह भारी पानी (D2O) मॉडरेटेड और प्राकृतिक यूरेनियम (U) ईंधन का उपयोग करता है।
यह ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन नहीं करता है और ऊर्जा का एक स्वच्छ स्रोत है।


ककरापार परमाणु विद्युत गृह (गुजरात):
यह भारत का दूसरा परमाणु विद्युत गृह है, जो 1993 में स्थापित हुआ था।
यह दो यूनिटों (220 मेगावाट क्षमता) का संयंत्र है।
यह भारी पानी (D2O) मॉडरेटेड और प्राकृतिक यूरेनियम (U) ईंधन का उपयोग करता है।
यह ऊर्जा का एक विश्वसनीय स्रोत है और बिजली की कमी को कम करने में मदद करता है।

रावतभाटा परमाणु विद्युत गृह (राजस्थान):
यह भारत का तीसरा परमाणु विद्युत गृह है, जो 1973 में स्थापित हुआ था।
यह दस यूनिटों (1000 मेगावाट क्षमता) का संयंत्र है।
यह भारी पानी (D2O) मॉडरेटेड और प्राकृतिक यूरेनियम (U) ईंधन का उपयोग करता है।
यह देश के ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

कूडनकुलम परमाणु विद्युत गृह (तमिलनाडु):
यह भारत का नवीनतम परमाणु विद्युत गृह है, जो 2013 में स्थापित हुआ था।
यह दो यूनिटों (1000 मेगावाट क्षमता) का संयंत्र है।
यह हल्का पानी (H2O) मॉडरेटेड और समृद्ध यूरेनियम (U) ईंधन का उपयोग करता है।
यह बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद करता है।

इन चारों परमाणु विद्युत गृहों की कुछ सामान्य विशेषताएं:

ये सभी परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) और भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम (NPCIL) द्वारा संचालित हैं।
ये सभी उच्च सुरक्षा मानकों के साथ काम करते हैं।
ये सभी ऊर्जा का एक स्वच्छ और विश्वसनीय स्रोत प्रदान करते हैं।
ये सभी देश के ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
नोट:

भारत में 22 परमाणु विद्युत गृह हैं, जिनकी कुल क्षमता 6780 मेगावाट है।
भारत सरकार परमाणु ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और 2030 तक 22,480 मेगावाट क्षमता का लक्ष्य रखा गया है।

प्रश्न 9. संक्षिप्त भौगोलिक टिप्पणी लिखें- सौर-ऊर्जा, पवन ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा, बायो गैस एवं ज्वारीय ऊर्जा।

उत्तर- सौर ऊर्जा
सौर ऊर्जा, सूर्य से प्राप्त ऊर्जा है। यह ऊर्जा सूर्य के प्रकाश और ऊष्मा के रूप में पृथ्वी पर पहुंचती है। सौर ऊर्जा का उपयोग बिजली उत्पादन, पानी गर्म करने, और खाना पकाने के लिए किया जाता है। सौर ऊर्जा एक स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है।

पवन ऊर्जा
पवन ऊर्जा, हवा से प्राप्त ऊर्जा है। हवा के चलने से पवनचक्कियां घूमती हैं, और इन पवनचक्कियों से बिजली का उत्पादन होता है। पवन ऊर्जा एक स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है।

भू-तापीय ऊर्जा
भू-तापीय ऊर्जा, पृथ्वी के अंदर मौजूद ऊष्मा से प्राप्त ऊर्जा है। यह ऊर्जा पृथ्वी के केंद्र में मौजूद पिघले हुए लावा से निकलती है। भू-तापीय ऊर्जा का उपयोग बिजली उत्पादन, पानी गर्म करने, और घरों को गर्म करने के लिए किया जाता है। भू-तापीय ऊर्जा एक स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है।

बायो गैस
बायो गैस, जैविक पदार्थों के अपघटन से प्राप्त ऊर्जा है। जैविक पदार्थों में गोबर, पत्तियां, और लकड़ी शामिल हैं। बायो गैस का उपयोग खाना पकाने, बिजली उत्पादन, और वाहनों को चलाने के लिए किया जाता है। बायो गैस एक स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है।

ज्वारीय ऊर्जा
ज्वारीय ऊर्जा, समुद्र के ज्वार-भाटा से प्राप्त ऊर्जा है। ज्वार-भाटा के दौरान समुद्र का जल स्तर ऊपर-नीचे होता है। इस ऊर्जा का उपयोग बिजली उत्पादन के लिए किया जाता है। ज्वारीय ऊर्जा एक स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है।

निष्कर्ष:

सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा, बायो गैस, और ज्वारीय ऊर्जा, सभी स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत हैं। इन ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करके हम प्रदूषण को कम कर सकते हैं और पर्यावरण को बचा सकते हैं।

प्रश्न 10. शक्ति संसाधनों के संरक्षण हेतु कौन-कौन से कदम उठाये जा सकते हैं ? आप उसमें कैसे मदद पहुंचा सकते हैं?
उत्तर-

शक्ति संसाधनों के संरक्षण हेतु कदम और आपकी मदद:

  1. ऊर्जा दक्षता:
  • विद्युत उपकरणों का कम उपयोग: बिजली का उपयोग कम करने के लिए, एलईडी बल्ब, पंखे और ऊर्जा-कुशल उपकरणों का उपयोग करें।
  • प्राकृतिक प्रकाश का उपयोग: दिन के समय में, घरों और कार्यालयों में रोशनी के लिए प्राकृतिक प्रकाश का उपयोग करें।
  • ऊर्जा-कुशल उपकरणों का उपयोग: ऊर्जा-कुशल उपकरणों का उपयोग करें जैसे कि स्टार-रेटेड उपकरण, सौर ऊर्जा से चलने वाले उपकरण आदि।
  1. नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग:
  • सौर ऊर्जा: सौर ऊर्जा का उपयोग बिजली, खाना पकाने और पानी गर्म करने के लिए किया जा सकता है।
  • पवन ऊर्जा: पवन ऊर्जा का उपयोग बिजली उत्पन्न करने के लिए किया जा सकता है।
  • जल ऊर्जा: जल ऊर्जा का उपयोग बिजली उत्पन्न करने के लिए किया जा सकता है।
  1. ऊर्जा संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाना:
  • परिवार और दोस्तों को ऊर्जा बचाने के लिए प्रेरित करें।
  • ऊर्जा संरक्षण के महत्व के बारे में स्कूलों और समुदायों में जागरूकता फैलाएं।

आपकी मदद:

  • ऊर्जा बचाने के लिए व्यक्तिगत प्रयास करें।
  • ऊर्जा संरक्षण के लिए योजनाओं और कार्यक्रमों में भाग लें।
  • ऊर्जा संरक्षण के महत्व के बारे में दूसरों को शिक्षित करें।

निष्कर्ष:

शक्ति संसाधनों का संरक्षण आज के समय में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक है। ऊर्जा बचाने के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। हम सब मिलकर ऊर्जा संसाधनों का संरक्षण कर सकते हैं और एक स्थायी भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।

मानचित्र कार्य

भारत के मानचित्र पर निम्नलिखित को दिखाइए और उनके नाम लिखिये :

प्रश्न 1.कोयला खदानें : घरिया, बोकारो, रानीगंज, कोरबा, तालचर, सिंगरेनी एवं नेवेली।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 2.तेल क्षेत्र : डिगबोई, कलोल, अंकलेश्वर, बसीन, मुम्बई हाई।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 3.तेलशोधक कारखाने : भटिंडा, पानीपत, मथुरा, जामनगर, मंगलौ, तातीपाका, हल्दिया, गुवाहाटी, बरौनी
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 4.परमाणु शक्ति केन्द्र : कैगा कालपक्कम, रावती तट, नरौरा, काकरापारा, तारापुर।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

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