Hello Students and Teachers. Are you searching for the Solutions of Bihar Board Class 10 Hindi वर्णिका Chapter 1? If yes then you have come to the right place. On this page, we have presented you with the Solutions of वर्णिका Chapter 1: दही वाली मंगम्मा.
विषय | हिन्दी (वर्णिका भाग 2) |
अध्याय | 1. दही वाली मंगम्मा |
लेखक | श्रीनिवास |
कक्षा | दसवां |
Category | Bihar Board Class 10 Solutions |
Bihar Board Class 10 Hindi Chapter 1 Solutions
दही वाली मंगम्मा
बोध और अभ्यास
Q1) मंगम्मा का अपनी बहू के साथ किस बात को लेकर विवाद था ?
उत्तर ) संसार का सत्य है कि सास और बहू में स्वतंत्रता की होड़ लगी रहती है। माँ बेटे पर से अपना हक नहीं छोड़ना चाहती और बहू पति पर अधिकार जमाना चाहती है। बहू ने किसी बात लेकर अपने बेटे को खूब पीटा। मंगम्मा अपने पोते कि पिटाई से क्षुब्ध होकर बहू को भला-बुरा कह दिया। बेटे पर अधिकार से लेकर मंगम्मा और उसकी बहू में विवाद था।
Q2) रंगप्पा कौन था और वह मंगम्मा से क्या चाहता था ?
उत्तर ) रंगप्पा शौकीन तबीयत रखनेवाला एक जुआरी था। वह मंगम्मा से कर्ज लेना चाहता था। वही भली-भाँति जानता था कि मंगम्मा अपने बहू-बेटे से अलग रहती है और इसके पास पैसे रहते हैं। माँ बेटे के अन्तर्कलह का वह लाभ उठाना चाहता था।
Q3) बहू ने सास को मनाने के लिए कौन-सा तरीका अपनाया ?
उत्तर ) जब बहू को रंगप्पा के द्वारा ज्ञात हुआ कि उसकी सास ने रंगप्पा को कर्ज देने की स्वीकृति प्रदान की है तब उसने बेटे को ढाल बनाकर पैसे लेने की तरकीब सोचने लगी। वह जानती है कि उसकी सास अपने पोते से बहुत प्यार करती है। अतः, उसने अपने बेटे को दादी के पास ही रहने के लिए भेज दिया।
Q4) इस कहानी की कथावाचक कौन है? उनका परिचय दीजिए ।
उत्तर ) इस कहानी की कथावाचक लेखक की माँ है। लेखक की माँ प्रस्तुत कहानी का द्वितीय केन्द्रीय चरित्र है। कहानी की कथावस्तु लेखक की माँ के द्वारा ताना-बाना बुना गया है। मंगम्मा जब दही बेचने के लिए आती है तो लेखक के घर आती है और बढ़िया दही कुछ-न-कुछ बेंच कर जाती है। धीरे-धीरे मंगम्मा और लेखक की माँ में घनिष्ठता बढ़ती चली गई। मंगम्मा अपने घर-गृहस्थी का सारा हाल सुनाती है और लेखक की माँ उसे कुछ-न-कुछ सुझाव देती है। सास और बहू के अन्तर्कलह से परिवार बिखर जाता है। बेटे को समस्त सुख अर्पित करनेवाली माँ बहू के आते ही बेटे से अलग हो जाती है। मंगम्मा के अन्तर्व्यथा को सुनकर लेखक की माँ का मन भी बोझिल हो जाता है। ममता की मूर्तिमान रहनेवाली नारी दुर्गा क्यों बन जाती है। इसका ज्वलंत उदाहरण लेखक की माँ को देखना-सुनना पड़ता है। जब कोई एक-दूसरे को पसंद नहीं करता तब छोटी बातें भी बड़ी हो जाती हैं। मंगम्मा की बातें सुनते-सुनते लेखिका की माँ का हृदय द्रवित हो जाता है।
Q5) मंगम्मा का चरित्र-चित्रण कीजिए ।
उत्तर ) मंगम्मा ने अपनी बहू नंजम्मा को पोते को लेकर डाँटा था। एक दिन अपने बेटे की किसी गलती पर उनकी माँ नंजम्मा उसे पीट रही थी। पहले तो कुछ देर मंगम्मा चुप रही किन्तु जब रहा न गया तो मंगम्मा ने बहू से कहाँ- “क्यों री राक्षसी इस छोटे से बच्चे को क्यों पीट रही है ?” बस बहू चढ़ बैठी। खूब सुनाई उसने। जब मंगम्मा ने कहा कि मैं तुम्हारे घरवाले की माँ हूँ तो बहू ने भी कहा-“मैं भी इसकी माँ हूँ। मुझे क्या अकल सिखाने चली है ?” बात बढ़ गई। जब मंगम्मा ने बेटे से शिकायत की तो उसने कहा वह अपने बेटे को मारती है तो तुम क्यों उस झगड़े में पड़ती हो? मंगम्मा ने कहा- ‘बीबी ने तुझ पर जादू फेरा है बस, उसी दोपहर बहू ने मंगम्मा के बर्तन भांडे अलग कर दिए।
Q6) कहानी का सारांश प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर ) प्रस्तुत कहानी कन्नड़ कहानियाँ (नेशल बुक ट्रस्ट, इंडिया) से सभार ली गयी है। इस कहानी का अनुवाद बी आर नारायण ने किया है। इस कहानी का प्रमुख केन्द्रीय चरित्र मंगम्मा और द्वितीय चरित्र लेखक की माँ है। मंगम्मा पति विरक्ता हो घर के अन्तर्कलह से दुःखी होकर वह जीवन-यापन करने के लिए दही बेचती है। वह गांव से शहर जाती है और दही बेचकर कुछ पैसे संचय करती है। संचय का सत्य है कि सास और बहू में स्वतंत्रता की होड़ लगी रहती है। माँ बेटे पर से अपना हक नहीं छोड़ती और बहू पति पर अधिकार जमाना चाहती है। पोते की पिटाई से क्षुब्ध मंगम्मा अपनी बहू को भला-बुरा कह देती है।
सास और बहू का विवाद घर में अन्तर्कलह को जन्म दे देता है। बहू-और-बेटे मंगम्मा को अलग रहने के लिए विवश कर देते हैं। दही बेचकर किसी तरह जीवन मापन करने वाली मंगम्मा कुछ पैसे इकट्ठा कर लेती है। जब बहू को यह ज्ञात हो जाता है कि उसकी सास रंगप्पा को कर्ज देनेवाली ही तो वह अपने को बेटे को ढाल बनाती है। वह बेटे को दादी के पास ही रहने के लिए उसकाती है। धीरे-धीरे सास और बहू में संबंध सुधरता जाता है। एक दिन मंगम्मा स्वयं बहू को लेकर दही बेचने के लिए जाती है।
लोगों से अपनी बहू का परिचय देती है और कहती है कि अब दही उसकी बहू ही बेचने के लिए आयेगी। वस्तुतः इस कहानी के द्वारा यह सीख दी गई है कि पानी में खड़े बच्चे का पाव खींचनेवाले मगरमच्छ जैसी दशा बहू की है और ऊपर से बाँह पकड़कर बचाने जैसी दशा माँ की होती है।
Bihar Board Solutions for Class 10 Hindi are available for students who wish to score good marks in their board exams. These solutions are prepared by subject experts and are very helpful for students to understand the concepts properly and score well in their exams. Bihar Board Solutions for Class 10 Hindi cover all the chapters of the Bihar Board textbook prescribed for class 10 students. The solutions are designed in such a way that they help students to understand the concepts easily and solve the questions quickly.
Bihar Board Solutions for Class 10 Hindi उन छात्रों के लिए उपलब्ध है जो अपनी बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते हैं। ये समाधान विषय विशेषज्ञों द्वारा तैयार किए गए हैं और छात्रों के लिए अवधारणाओं को ठीक से समझने और अपनी परीक्षा में अच्छा स्कोर करने में बहुत मददगार हैं। कक्षा 10 हिंदी के लिए Bihar Board Solutions for Class 10 Hindi के छात्रों के लिए निर्धारित बिहार बोर्ड की पाठ्यपुस्तक के सभी अध्यायों को कवर करता है। समाधान इस तरह से डिज़ाइन किए गए हैं कि वे छात्रों को अवधारणाओं को आसानी से समझने और प्रश्नों को जल्दी हल करने में मदद करते हैं।