Bihar Board Class 10 History Solutions Chapter 5: अर्थव्यवस्था और आजीविका

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SubjectHistory (इतिहास : इतिहास की दुनिया भाग 2)
Chapter5. अर्थव्यवस्था और आजीविका
ClassTenth
CategoryBihar Board Class 10 Solutions

Bihar Board Class 10 History Chapter 5 Solutions

अर्थव्यवस्था और आजीविका

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. स्पिनिंग जेनी का आविष्कार कब हुआ ?
(क) 1769
(ख) 1770
(ग) 1773
(घ) 1775
उत्तर- (ख) 1770

प्रश्न 2. सेफ्टी लैम्प का आविष्कार किसने किया?
(क) जेम्स हारग्रीब्ज
(ख) जॉन के
(ग) क्राम्पटन
(घ) हम्फ्री डेवी.
उत्तर- (घ) हम्फ्री डेवी.

प्रश्न 3. बम्बई में सर्वप्रथम सूती कपड़े के मिलों की स्थापना कब हुई ?
(क) 1851
(ख) 1885
(ग). 1907
(घ) 1914
उत्तर– (क) 1851

प्रश्न 4. 1917 ई० में भारत में पहली जूट मिल किस शहर में स्थापित हुआ?
(क) कलकत्ता
(ख) दिल्ली
(ग) बम्बई
(घ) पटना
उत्तर- (क) कलकत्ता

प्रश्न 5. भारत में कोयला उद्योग का प्रारम्भ कब हुआ?
(क) 1907
(ख) 1914
(ग) 1916
(घ) 1919
उत्तर- (ख) 1914.

प्रश्न 6. जमशेदजी टाटा ने टाटा आयरन एण्ड स्टील कम्पनी की स्थापना कब की?
(क) 1854
(ख) 1907
(ग) 1915
(घ) 1919
उत्तर- (ख) 1907

प्रश्न 7. वैज्ञानिक समाजवाद का प्रतिपादन किसने किया?
(क) राबर्ट ओवन
(ख) लुई ब्लांक
(ग) कार्ल मार्क्स
(घ) लाला लाजपत राय
उत्तर- (ग) कार्ल मार्क्स

प्रश्न 8. इंगलैंड में सभी स्त्री एवं पुरुषों को वयस्क मताधिकार कब प्राप्त हुआ?
(क) 1838
(ख) 1881
(ग) 1885
(घ) 1932
उत्तर- (ग) 1885

प्रश्न 9. ‘अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन काँग्रेस’ की स्थापना कब हुई?
(क) 1848
(ख) 1881
(ग) 1885
(घ) 1920
उत्तर- (घ) 1920

प्रश्न 10. भारत के लिए पहला फैक्ट्री एक्ट कब पारित हुआ?
(क) 1838
(ख) 1858
(ग) 1881
(घ) 1911
उत्तर- (ग) 1881

निम्नलिखित में रिक्त स्थानों को भरें:

प्रश्न 1. सन् 1838 ई. में………..चार्टिस्ट आन्दोलन की शुरूआत हुई।
उत्तर-
लंदन म

प्रश्न 2. सन्…………. में मजदूर संघ अधिनियम पारित हुआ।
उत्तर-
1926

प्रश्न 3. न्यूनतम मजदूरी कानून, सन् ……….ई. में पारित हुआ।
उत्तर-
1948

प्रश्न 4. अन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक संघ की स्थापना…………….ई. में हुई।
उत्तर-
1920

प्रश्न 5. प्रथम फैक्ट्री एक्ट में महिलाओं एवं बच्चों की…………………एवं………………….. को निश्चित किया
उत्तर-
आयु, काम का घंटा

सुमेलित करें

उत्तर-

  1. (ङ), 2. (घ), 3. (ख), 4. (ग), 5. (क)।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (20 शब्दों में उत्तर दें)

प्रश्न 1. फैक्ट्री प्रणाली के विकास के किन्हीं दो कारणों को बतायें।
उत्तर-

1. मशीनों का आविष्कार

2. बड़े पैमाने पर उत्पादन की मांग।

प्रश्न 2. बुर्जुआ वर्ग की उत्पति कैसे हुई ?
उत्तर-
यूरोप में सामंतवाद के पतन के साथ व्यापारियों और दस्तकारों का एक नया वर्ग उभरा, जिसे बुर्जुआ वर्ग कहते हैं।

प्रश्न 3. अठारहवीं शताब्दी में भारत के मुख्य उद्योग कौन-कौन से थे?

उत्तर-अठारहवीं शताब्दी में भारत के मुख्य उद्योगों में कपड़ा उद्योग, जहाज निर्माण और हस्तशिल्प उद्योग शामिल थे।

प्रश्न 4. निरुद्योगीकरण से आपका क्या तात्पर्य है ?
उत्तर
– निरूद्योगीकरण का मतलब उन लोगों की संख्या में वृद्धि है जिनके पास करने के लिए काम नहीं है।

प्रश्न 5. औद्योगिक आयोग की नियुक्ति कब हुई ? इसके क्या उद्देश्य थे?
उत्तर-
औद्योगिक आयोग की स्थापना 1916 में हुई थी। इसका उद्देश्य भारत में उद्योगों के विकास का मार्ग प्रशस्त करना था।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (60 शब्दों में उत्तर दें)

प्रश्न 1. औद्योगीकरण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
औद्योगीकरण समाज के उस बदलाव को कहते हैं, जहां बड़े पैमाने पर उद्योग-धंधे लगते हैं और मशीनों का इस्तेमाल बढ़ जाता है. सामान कम लागत में और जल्दी बनने लगते हैं. इस दौरान गाँव से शहरों की तरफ लोगों का आना-जाना भी बढ़ता है.

प्रश्न 2. औद्योगीकरण ने मजदूरों की आजीविका को किस तरह प्रभावित किया ?
उत्तर-
औद्योगीकरण ने मजदूरों की आजीविका को दो तरह से प्रभावित किया:

  • कई हस्तशिल्पी बेरोज़गार हो गए क्योंकि कारखानों में मशीनों ने तेजी से और सस्ता सामान बनाना शुरू कर दिया।
  • दूसरी तरफ, कारखानों में नए रोज़गार भी पैदा हुए लेकिन वेतन कम और काम के घंटे बहुत ज़्यादा थे।

प्रश्न 3. स्लम पद्धति की शुरुआत कैसे हुई?

उत्तर- गरीबी और औद्योगिकरण के कारण स्लम पद्धति शुरू हुई। गरीबों के पास रहने के लिए पैसे नहीं थे, इसलिए उन्हें शहरों के बाहरी इलाकों में झुग्गियों में रहना पड़ा। साथ ही, कारखानों में काम करने के लिए गांवों से लोगों के शहरों की ओर पलायन से भी स्लम का विकास हुआ।

प्रश्न 4. न्यूनतम मजदूरी कानून कब पारित हुआ और इसके क्या उद्देश्य थे?

उत्तर- न्यूनतम मजदूरी कानून 1948 में पारित किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य श्रमिकों को कम से कम मजदूरी का दिलाना सुनिश्चित करना था, जिससे उनकी जीवन यापन की स्थिति में सुधार हो सके।

प्रश्न 5. कोयला एवं लौह उद्योग ने औद्योगीकरण को गति प्रदान की। कैसे?

उत्तर- कोयला औद्योगिक क्रांति के लिए ईंधन का मुख्य स्रोत था, जिसने मशीनों को चलाया। लौह से मजबूत मशीनें, उपकरण और रेलवे पटरियां बनाई गईं। इस प्रकार, कोयला और लौह उद्योग ने मिलकर औद्योगीकरण को गति प्रदान की।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (लगभग 150 शब्दों में उत्तर दें)

प्रश्न 1. औद्योगीकरण क कारणों का उल्लेख करें।

उत्तर- औद्योगीकरण कई महत्वपूर्ण कारकों का नतीजा था-

  • कृषि क्रांति: बेहतर कृषि तकनीकों से खाद्यान्न उत्पादन बढ़ा, जिससे लोगों को कम मेहनत में ज्यादा अनाज मिलने लगा. इससे अतिरिक्त जनशक्ति उद्योगों में काम करने के लिए उपलब्ध हुई.
  • जनसंख्या वृद्धि: 18वीं सदी में यूरोप में जनसंख्या तेजी से बढ़ी. इससे उपभोक्ताओं की मांग बढ़ी और वस्तुओं के बड़े पैमाने पर उत्पादन की ज़रूरत महसूस हुई.
  • पूंजी का संचय: व्यापार और उपनिवेशवाद से यूरोप में धन का संचय हुआ. इस पूंजी को उद्योगों में लगाया गया, जिससे नई मशीनों को बनाया जा सका.
  • नई तकनीकें: औद्योगिक क्रांति के दौरान कई महत्वपूर्ण आविष्कार हुए, जैसे वाष्प इंजन, कताई और बुनाई मशीनें. इन तकनीकों ने उत्पादन प्रक्रिया को तेज और आसान बना दिया.
  • सरकारी नीतियां: कुछ यूरोपीय देशों ने सरकारी नीतियों के जरिए उद्योगों को प्रोत्साहन दिया. उदाहरण के लिए, उन्होंने आयात शुल्क लगाकर विदेशी सामानों को महंगा कर दिया ताकि लोग स्थानीय उत्पादों को खरीदें.

प्रश्न 2. औद्योगीकरण के परिणामस्वरूप होनेवाले परिवर्तनों पर प्रकाश डालें।

उत्तर- औद्योगीकरण ने समाज में व्यापक परिवर्तन लाए:

  • शहरीकरण (Urbanization): कारखानों की स्थापना के लिए शहरों की ओर लोगों का पलायन बढ़ा. इससे शहरों का आकार बढ़ा और नई सामाजिक संरचना बनी.
  • मशीनों का विकास (Growth of Machines): हथकरघों की जगह तेजी से उत्पादन करने वाली मशीनों ने ले ली. इससे वस्तुओं का सस्ता और बड़े पैमाने पर उत्पादन संभव हुआ.
  • आर्थिक वृद्धि (Economic Growth): औद्योगिक उत्पादन बढ़ने से व्यापार और धन का सृजन हुआ. इससे जीवन-स्तर में सुधार आया.
  • सामाजिक असमानता (Social Inequality): कारखानों में मालिक और मजदूरों का विभाजन हुआ. मजदूरों को कम मजदूरी में कठिन परिस्थितियों में काम करना पड़ता था.
  • पर्यावरण को क्षति (Environmental Damage): कारखानों से निकलने वाले प्रदूषण ने वायु और जल को दूषित किया.

प्रश्न 3. उपनिवेशवाद से आप क्या समझते हैं ? औद्योगीकरण ने उपनिवेशवाद को जन्म दिया। कैसे?
उत्तर-
उपनिवेशवाद का मतलब होता है किसी शक्तिशाली देश द्वारा कमज़ोर देश पर अपना राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक दबदबा कायम करना और उसे अपना गुलाम बना लेना।

औद्योगीकरण ने उपनिवेशवाद को कई तरह से जन्म दिया:

  • कच्चे माल की ज़रूरत: कारखानों में बने सामानों को बनाने के लिए कच्चे माल की ज़रूरत होती है, जैसे कपास, धातु आदि। यूरोप में कच्चे माल की कमी थी, इसलिये उपनिवेशों से सस्ता कच्चा माल हासिल किया जाता था।
  • बाज़ार की तलाश: औद्योगीकरण के कारण कारखानों में बहुत सामान बनने लगा। इस सामान को बेचने के लिए नए बाज़ारों की ज़रूरत पड़ी। उपनिवेशों को ये सारा सामान बेचा जाता था।
  • निवेश के अवसर: औद्योगिक देशों के पास बहुत पैसा था। इस पैसे को उपनिवेशों में लगाकर और भी ज़्यादा मुनाफा कमाया जाता था।

इस तरह उपनिवेशवाद औद्योगीकरण का ही एक नतीजा था।.

प्रश्न 4. कुटीर उद्योग के महत्व एवं उसकी उपयोगिता पर प्रकाश डालें।

उत्तर- कुटीर उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। इनका महत्व कई रूपों में है:

  • आजीविका का साधन: ये ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं, खासकर महिलाओं और पारंपरिक कारीगरों को।
  • अतिरिक्त आय: किसानों के लिए फसलों के अलावा ये अतिरिक्त आमदनी का जरिया बनते हैं।
  • रोजमर्रा की वस्तुएं: ये बर्तन, कपड़े, खाद्य पदार्थ जैसी दैनिक उपयोग की वस्तुएँ बनाते हैं, जो सस्ती और सुलभ होती हैं।
  • कौशल संरक्षण: ये पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तशिल्प और शिल्प कौशल को जीवित रखते हैं।
  • विदेशी मुद्रा: हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पाद विदेशों में निर्यात होकर विदेशी मुद्रा कमाने में सहायक होते हैं।

संक्षेप में, कुटीर उद्योग आत्मनिर्भरता, कौशल संरक्षण और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

प्रश्न 5. औद्योगीकरण ने सिर्फ आर्थिक ढाँचे को ही प्रभावित नहीं किया बल्कि राजनैतिक परिवर्तन का भी मार्ग प्रशस्त किया। कैसे?

उत्तर- बिल्कुल सही कहा गया है कि औद्योगीकरण ने सिर्फ आर्थिक ही नहीं बल्कि राजनीतिक परिदृश्य को भी काफी प्रभावित किया। आइए देखें कैसे:

  • नए सामाजिक वर्गों का उदय: कारखानों में काम करने वाले मजदूरों का एक नया सामाजिक वर्ग बना. इन मजदूरों ने बेहतर वेतन और काम करने की परिस्थितियों की मांग को लेकर आवाज उठाई, जिससे मजदूर आंदोलन और ट्रेड यूनियन का जन्म हुआ. इन आंदोलनों ने सरकारों पर दबाव डाला और श्रमिकों के अधिकारों के लिए राजनीतिक बदलाव की मांग की.
  • राजनीतिक विचारधाराओं का विकास: औद्योगीकरण के साथ पूंजीवाद और समाजवाद जैसी विचारधाराएं सामने आईं. पूंजीपतियों का राजनीतिक दबदबा बढ़ा तो वहीं दूसरी तरफ मजदूर वर्ग ने समाजवाद को अपनाया. इस विचारधाराओं के टकराव ने राजनीतिक दलों के गठन और राजनीतिक प्रणालियों में बदलाव को जन्म दिया.
  • राष्ट्रवाद का उदय: औद्योगीकरण की दौड़ में आगे निकलने के लिए देशों ने उपनिवेशवाद का सहारा लिया. इस उपनिवेशवाद के खिलाफ राष्ट्रवाद की भावना उभरी. उपनिवेशों में रहने वाले लोगों ने अपने देश की आज़ादी के लिए संघर्ष किया, जिसने वैश्विक राजनीतिक परिदृश्य को बदल कर रख दिया.

इस प्रकार, औद्योगीकरण ने नए सामाजिक वर्गों के उदय, राजनीतिक विचारधाराओं के विकास और राष्ट्रवाद के उदय को बढ़ावा देकर राजनीतिक बदलावों का मार्ग प्रशस्त किया.

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