Bihar Board Class 10 History Solutions Chapter 8: प्रेस एवं सस्कृतिक राष्ट्रवाद

Hello Students and Teachers. Are you searching for the Solutions of Bihar Board Class 10 History Chapter 8? If yes then you have come to the right place. On this page, we have presented you with the Solutions of Chapter 8: प्रेस एवं सस्कृतिक राष्ट्रवाद

SubjectHistory (इतिहास : इतिहास की दुनिया भाग 2)
Chapter8. प्रेस एवं सस्कृतिक राष्ट्रवाद
ClassTenth
CategoryBihar Board Class 10 Solutions

Bihar Board Class 10 History Chapter 8 Solutions

प्रेस एवं सस्कृतिक राष्ट्रवाद

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. महात्मा गाँधी ने किस पत्र का संपादन किया?
(क) कामनबील
(ख) यंग इंडिया
(ग) बंगाली
(घ) बिहारी
उत्तर- (ख) यंग इंडिया

प्रश्न 2. किस पत्र ने रातों-रात वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट से बचने के लिए अपनी भाषा बदल दी ?
(क) हरिजन
(ख) भारत मित्र
(ग) अमृतबाजर पत्रिका
(घ) हिन्दुस्तान रिव्यू
उत्तर- (ग) अमृतबाजर पत्रिका

प्रश्न 3. 13वीं सदी में किसने ब्लॉक प्रिंटिंग के नमूने यूरोप में पहुँचाए ?
(क) मार्कोपोलो
(ख) निकितिन
(ग) इत्सिंग
(घ) मेगास्थनीज
उत्तर- (क) मार्कोपोलो

प्रश्न 4. गुटेनबर्ग का जन्म किस देश में हुआ था?
(क) अमेरिका
(ख) जर्मनी
(ग) जापान
(घ) इंगलैंड
उत्तर- (ख) जर्मनी

प्रश्न 5. गुटेनबर्ग ने सर्वप्रथम किस पुस्तक की छपाई की ?
(क) कुरान
(ख) गीता
(ग) हदीस
(घ) बाइबिल
उत्तर- (घ) बाइबिल

प्रश्न 6. इंगलैंड में मुद्रणकला को पहुँचाने वाला कौन था ?
(क) हैमिल्टन
(ख) कैक्सटन
(ग) एडिसन
(घ) स्मिथ
उत्तर- (ख) कैक्सटन

प्रश्न 7. किसने कहा “मुद्रण ईश्वर की दी हुई महानतम् देन है, सबसे बड़ा तोहफा”?
(क) महात्मा गाँधी
(ख) मार्टिन लूथर
(ग) मुहम्मद पैगम्बर
(घ) ईसा मसीह
उत्तर- (ख) मार्टिन लूथर

प्रश्न 8. रूसो कहाँ का दार्शनिक था? ।
(क) फ्रांस
(ख) रूस
(ग) अमेरिका
(घ) इंगलैंड
उत्तर- (क) फ्रांस

प्रश्न 9. विश्व में सर्वप्रथम मुद्रण की शुरूआत कहाँ हई?
(क) भारत
(ख) जापान
(ग) चीन
(घ) अमेरिका
उत्तर- (ग) चीन

प्रश्न 10. किस देश की सिविल सेवा परीक्षा ने मुद्रित पुस्तकों (सामग्रियों) की माँग बढ़ाई?
(क) मिस्र
(ख) भारत
(ग) चीन
(घ) जापान
उत्तर- (ग) चीन

निम्नलिखित में रिक्त स्थानों को भरें:

प्रश्न 1. 1904-05 के रूस-जापान युद्ध में…………… की पराजय हुई।
उत्तर-
रूस

प्रश्न 2. फिरोजशाह मेहता ने ……………का संपादन किया।
उत्तर-
बाम्बे कॉनिकल

प्रश्न 3. वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट……………ई. में पास किया गया।
उत्तर-
1878 ई,

प्रश्न 4. भारतीय समाचार पत्रों के मुक्तिदाता के रूप में……………को विभूषित किया गया।
उत्तर-
चार्ल्स मेटकॉफ

प्रश्न 5. अल-हिलाल का सम्पादन…………ने किया।
उत्तर
– मौलाना आजाद

सुमेलित करें:

उत्तर-
(i) (ग),
(ii) (क),
(iii) (घ),
(iv) (ङ),
(v) (ख)।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (20 शब्दों में उत्तर दें)

प्रश्न 1. निम्नांकित के बारे में 20 शब्दों में लिखो:

उत्तर-
(क) छापाखाना
-वह स्थान जहाँ मुद्रण यंत्र के उपयोग से छपाई कार्य किया जाता है। छापाखाना कहलाता है।

(ख) गटेनबर्ग – जर्मनी के मेन्जनगर के कृषक-जमींदार व्यापारी परिवार में जन्मा व्यक्ति जिसने मुद्रण कला के ऐतिहासिक शोध को संघटित एवं एकत्रित किया।

(ग) बाइबिल- इसाइयों का पवित्र धर्म ग्रंथ जिसमें ईसा मसीह के बारे में वर्णन मिलता है।

(घ) रेशम मार्ग- समरकन्द-पर्शिया-सिरिया मार्ग को ही रेशम मार्ग कहा जाता है यह व्यापारिक मार्ग है।

(ङ) मराठा- बाल गंगाधर तिलक के संपादन में 1881 में बंबई से अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित समाचारपत्र।

(च) यंग इंडिया– महात्मा गाँधी द्वारा प्रकाशित एक पत्रिका जो राष्ट्रवादी विचारों से ओत-प्रोत था।

(छ) वर्नाक्यलर प्रेस एक्ट- 1878 में लार्ड लिटन द्वारा लाया गया प्रेस एक्ट जो भारतीय भाषाओं में छपने वाले समाचारपत्रों एवं पत्रिकाओं को प्रतिबंधित करता है।

(ज) सर सैय्यद अहमद- अलीगढ़ जर्नल नामक पत्र के सम्पादक जिसने राष्ट्रवादी आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।

(झ) प्रोटेस्टेन्टवाद– मार्टिन लूथर द्वारा पोप के आधिपत्य का विरोध करने के लिए अपनाया गया मार्ग प्रोटेस्टेंटवाद कहलाता है।

(ञ) मार्टिन लथर- एक धर्म सुधारक जिसने रोमन कैथोलिक चर्च की कुरीतियों की आलोचना करते हुए अपनी 95वें स्थापनाएँ लिखीं।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर (60 शब्दों में उत्तर दें)

प्रश्न 1. गेटेनबर्ग ने मुद्रण यंत्र का विकास कैसे किया.?

उत्तर- जोहान्स गुटेनबर्ग ने जंगम धातु की टाइपों (मोहरों) को बनाने की विधि विकसित की। ये टाइपें स्याही लगाकर कागज पर दबाई जा सकती थीं, जिससे तेजी से और एक जैसी छपाई हो सके। इसी तकनीक पर आधारित उनका मुद्रण यंत्र सूचना के प्रसार में क्रांतिकारी साबित हुआ।

प्रश्न 2. छापाखाना यूरोप में कैसे पहँचा?

उत्तर- जंगम छापाखाने तो यूरोप में पहले से ही मौजूद थे, लेकिन छापाखानों का चलन यानी किताबें छापने की तकनीक 15वीं सदी में जर्मनी के योहान गुटेनबर्ग के आविष्कार से यूरोप पहुँची। उन्होंने जंगम धातु के अक्षरों वाली छापाखाना मशीन बनाई थी।

प्रश्न 3. इन्क्वीजीशन से आप क्या समझते हैं। इसकी जरूरत क्यों पड़ी?

उत्तर- इन्क्वीजीशन कैथोलिक चर्च द्वारा चलाया गया एक अभियान था, जिसका उद्देश्य ईसाई धर्म से भटकाव रोकना और विधर्मियों को दण्डित करना था। 15वीं और 18वीं शताब्दी के दौरान स्पेन और इटली में यह बहुत सक्रिय था। चर्च को लगा कि लोग सच्चे ईसाई धर्म से दूर जा रहे हैं, इसलिए उन्होंने इसे रोकाने के लिए कठोर कदम उठाए।

प्रश्न 4. पाण्डुलिपि क्या है ? इसकी क्या उपयोगिता है?

उत्तर- पाण्डुलिपि हाथ से लिखा हुआ दस्तावेज है, जैसे कोई हस्तलिखित पुस्तक या पत्र। ये प्राचीन ज्ञान और इतिहास को सहेजने में महत्वपूर्ण हैं। इनका अध्ययन करके हमें अतीत की जानकारी मिलती है।

प्रश्न 5. लार्ड लिटन ने राष्ट्रीय आन्दोलन को गतिमान बनाया। कैसे?

उत्तर- लॉर्ड लिटन की दमनकारी नीतियों और भेदभावपूर्ण नियमों, जैसे वर्नाक्यूलर प्रेस अधिनियम ने भारतीयों में असंतोष को जन्म दिया और राष्ट्रीय चेतना को बल दिया. इस असंतोष ने राष्ट्रीय आंदोलन को गति प्रदान की.

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (लगभग 150 शब्दों में उत्तर दें)

प्रश्न 1. मुद्रण क्रांति ने आधुनिक विश्व को कैसे प्रभावित किया ?

उत्तर- मुद्रण क्रांति ने आधुनिक विश्व को कई तरह से प्रभावित किया:

  • ज्ञान का प्रसार: मुद्रण से पहले, ज्ञान हस्तलिखित पुस्तकों तक सीमित था, जो दुर्लभ और महंगी थीं। मुद्रित पुस्तकों से ज्ञान का तेजी से प्रसार हुआ। लोगों को विज्ञान, इतिहास, साहित्य आदि विषयों की जानकारी मिलने लगी।
  • धर्म सुधार आंदोलन: मुद्रित पुस्तकों ने धर्म सुधार आंदोलनों को बल दिया। मार्टिन लूथर जैसे विचारकों के लेख आसानी से लोगों तक पहुंचे, जिससे चर्च के अधिकार को चुनौती मिली।
  • राष्ट्रवाद की भावना: मुद्रण ने साझी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा दिया। इसने राष्ट्रीय चेतना जगाने में मदद की और राष्ट्रवाद की भावना को मजबूत किया।
  • विज्ञान का विकास: मुद्रित वैज्ञानिक कार्यों के आदान-प्रदान से वैज्ञानिक खोजों को गति मिली। नये आविष्कारों की जानकारी तेजी से फैली।
  • शिक्षा का प्रसार: मुद्रित पुस्तकों की उपलब्धता से शिक्षा का प्रसार हुआ। स्कूलों और कॉलेजों की संख्या बढ़ी। साक्षरता दर में वृद्धि हुई।

प्रश्न 2. 19वीं सदी में भारत में प्रेस के विकास को रेखांकित करें।

उत्तर- 19वीं सदी में भारत में प्रेस का तेजी से विकास हुआ।

  • शुरुआत में अंग्रेजों द्वारा अंग्रेजी भाषा में समाचार पत्र निकाले गए, जिनका मुख्य पाठक वर्ग अंग्रेज अफसर ही थे।
  • 18वीं सदी के अंत में भारतीय भाषाओं में भी पत्र निकलने लगे। उदाहरणार्थ – बंगाल में “बंगदूत” (1818)।
  • 19वीं सदी के मध्य तक सामाजिक सुधारकों ने अपने विचारों को फैलाने के लिए पत्र निकाले। उदाहरणार्थ – राजा राम मोहन राय का “संवाद कोउमुदी” (1821)।
  • इसी दौरान स्वदेशी पत्रकारिता का उदय हुआ। भारतीय स्वामित्व वाले समाचार पत्रों ने ब्रिटिश राज की आलोचना कर राष्ट्रीय चेतना जगाई। उदाहरणार्थ – बाल गंगाधर तिलक का “केसरी” (1881)।
  • ब्रिटिश सरकार ने प्रेस की स्वतंत्रता को नियंत्रित करने के लिए कई कानून बनाए, जैसे – वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट (1878)। परंतु प्रेस ने स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई।
  • इस प्रकार 19वीं सदी में प्रेस ने भारत में विचारों के प्रसार, सामाजिक सुधार और राष्ट्रवाद के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

प्रश्न 3. भारतीय प्रेस की विशेषताओं को लिखें।

उत्तर-भारतीय प्रेस की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं:

  • राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका: भारतीय प्रेस ने केवल समाचार प्रकाशित करने के अलावा राष्ट्र निर्माण में भी अहम योगदान दिया। इसने राष्ट्रीय चेतना जगाने, ब्रिटिश शासन के विरुद्ध लोगों को एकजुट करने और स्वतंत्रता आंदोलन को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • विचारों का प्रसार: प्रेस ने विभिन्न विचारों और मतों को जनता तक पहुँचाने का काम किया। इससे देश में सार्वजनिक चेतना का विकास हुआ और लोगों में जागरूकता आई।
  • सरकार की आलोचना: स्वतंत्र प्रेस ने सरकार की गलत नीतियों और जनता के साथ हो रहे अन्याय का निरपक्ष रूप से पर्दाफाश किया। इससे सरकार को जवाबदेह बनाया गया।
  • विविधता में एकता: भारत एक बहुभाषी और बहुधर्मीय देश है। प्रेस ने विभिन्न भाषाओं में समाचार प्रकाशित कर देश की सांस्कृतिक विविधता को बनाए रखने में मदद की।

प्रश्न 4. राष्ट्रीय आन्दोलन को भारतीय प्रेस ने कैसे प्रभावित किया ?

उत्तर- भारतीय प्रेस ने राष्ट्रीय आन्दोलन को महत्वपूर्ण प्रभावित किया:

  • जागृति फैलाना: समाचार पत्रों ने देश भर में ब्रिटिश शासन की ज्यादतियों और राष्ट्रीय आंदोलनों की खबरें फैलाईं, जिससे लोगों में राष्ट्रीय चेतना जगी।
  • जनाक्रोश पैदा करना: लेखों और रिपोर्टों के माध्यम से प्रेस ने भेदभावपूर्ण नीतियों और आर्थिक शोषण को उजागर किया, जिससे जनता में सरकार के खिलाफ रोष पैदा हुआ।
  • राष्ट्रीय विचारधारा को मजबूत बनाना: स्वतंत्रता सेनानियों के विचारों और भाषणों को प्रकाशित कर प्रेस ने राष्ट्रीय एकता और स्वराज की भावना को मजबूत बनाया।
  • सरकार पर दबाव: प्रेस ने सरकार की दमनकारी नीतियों का विरोध किया और जनता की आवाज बनकर सरकार पर दबाव बनाया।
  • संगठन को बढ़ावा: समाचार पत्रों ने विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को एकजुट होने और आंदोलनों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।

इस प्रकार, भारतीय प्रेस ने विचारों के प्रसार, जन जागरण और राष्ट्रीय आंदोलन को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

प्रश्न 5. मुद्रण यंत्र की विकास यात्रा को रेखांकित करें। यह आधुनिक स्वरूप में कैसे पहुंचा।

उत्तर- मुद्रण यंत्र का सफर प्राचीन चीन से शुरू होता है, जहाँ लगभग 105 ईस्वी में पहली बार लकड़ी के ब्लॉकों पर उकेरे अक्षरों से छपाई की गई थी।

हालाँकि, आधुनिक मुद्रण यंत्र का श्रेय 15वीं सदी के जर्मन लोहार जोहान्स गुटेनबर्ग को जाता है। उन्होंने धातु की अलग-अलग अक्षरों (मूवेबल टाइप) को बनाने और उन्हें स्याही लगाकर कागज पर छापने की तकनीक विकसित की। इससे तेजी से और बड़े पैमाने पर किताबें छापना संभव हुआ।

धीरे-धीरे छपाई प्रेस का विकास होता गया। इसमें रोटरी प्रेस, लिथोग्राफी जैसी तकनीकें शामिल हुईं। 20वीं सदी में तो ऑफसेट प्रिंटिंग और डिजिटल प्रिंटिंग ने क्रांति ला दी। आज कम्प्यूटर और इंटरनेट के साथ मिलकर मुद्रण यंत्र सूचना के प्रसार का एक अविश्वसनीय माध्यम बन गया है।

The Bihar Board Class 10 History Solutions provide students with a detailed and comprehensive guide to the subject matter. The solutions are designed to help students understand the concepts and principles involved in the study of history. The solutions are based on the latest Bihar Board textbooks and are regularly updated to reflect new developments in the field of history. The Bihar Board Class 10 History Solutions are an invaluable resource for students preparing for their History examinations. The solutions provide clear and concise explanations of all the key concepts and principles covered in the syllabus.

Bihar Board Class 10 History Solutions छात्रों को विषय वस्तु के लिए एक विस्तृत और व्यापक मार्गदर्शिका प्रदान करता है। समाधान छात्रों को इतिहास के अध्ययन में शामिल अवधारणाओं और सिद्धांतों को समझने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। समाधान नवीनतम बिहार बोर्ड की पाठ्यपुस्तकों पर आधारित हैं और इतिहास के क्षेत्र में नए विकास को दर्शाने के लिए नियमित रूप से अपडेट किए जाते हैं। Bihar Board Class 10 History Solutions इतिहास की परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए एक अमूल्य संसाधन है। समाधान पाठ्यक्रम में शामिल सभी प्रमुख अवधारणाओं और सिद्धांतों की स्पष्ट और संक्षिप्त व्याख्या प्रदान करते हैं।

Leave a Comment