Bihar Board Class 10 Political Science Solutions Chapter 3: लोकतंत्र में प्रतिस्पर्धा एवं संघर्ष

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SubjectPolitical Science (राजनीति विज्ञान : लोकतांत्रिक राजनीति भाग 2)
Chapter3. लोकतंत्र में प्रतिस्पर्धा एवं संघर्ष
ClassTenth
CategoryBihar Board Class 10 Solutions

Bihar Board Class 10 Political Science Chapter 3 Solutions

लोकतंत्र में प्रतिस्पर्धा एवं संघर्ष

I. सही विकल्प चुनें।

प्रश्न 1. वर्ष 1975 ई. भारतीय राजनीति में किसलिए जाना जाता है ?
(क) इस वर्ष आम चुनाव हुए थे
(ख) श्रीमती इंदिरा गाँधी प्रधानमंत्री बनी थी
(ग) देश के अंदर आपातकाल लागू हुआ था
(घ) जनता पार्टी की सरकार बनी थी

उत्तर- (ग) देश के अंदर आपातकाल लागू हुआ था

प्रश्न 2. भारतीय लोकतंत्र में सत्ता के विरुद्ध जन आक्रोश किस दशक से प्रारंभ हुआ ?
(क) 1960 के दशक से
(ख) 1970 के दशक से
(ग). 1980 के दशक से
(घ) 1990 के दशक से

उत्तर- (ख) 1970 के दशक से

प्रश्न 3. बिहार में सम्पूर्ण क्रांति का नेतृत्व निम्नलिखित में से किसने किया?
(क) मोरारजी देसाई
(ख) नीतीश कुमार
(ग) इंदिरा गाँधी
(घ) जयप्रकाश नारायण

उत्तर-(घ) जयप्रकाश नारायण

प्रश्न 4. भारत में हुए 1977 ई. के आम चुनाव में किस पार्टी को बहुमत मिला था?
(क) काँग्रेस पार्टी को
(ख) जनता पार्टी को
(ग) कम्युनिस्ट पार्टी को
(घ) किसी पार्टी को भी नहीं

उत्तर- (ख) जनता पार्टी को

प्रश्न 5. ‘चिपको आन्दोलन’ निम्नलिखित में से किससे संबंधित नहीं है ?
(क) अंगूर के पेड़ काटने की अनुमति से
(ख) आर्थिक शोषण से मुक्ति से
(ग) शराबखोरी के विरुद्ध आवाज से
(घ) कांग्रेस पार्टी के विरोध से

उत्तर- (क) अंगूर के पेड़ काटने की अनुमति से

प्रश्न 6. ‘दलित पैंथर्स’ के कार्यक्रम में निम्नलिखित में कौन संबंधित नहीं हैं ?
(क) जाति प्रथा का उन्मूलन
(ख) दलित सेना का गठन
(ग) भूमिहीन गरीब किसान की उन्नति
(घ) औद्योगिक मजदूरों का शोषण से मुक्ति

उत्तर-(ख) दलित सेना का गठन

प्रश्न 7. निम्नलिखित में से कौन ‘भारतीय किसान यूनियन’ के प्रमुख नेता थे?
(क) मोरारजी देसाई
(ख) जैयप्रकाश नारायण
(ग) महेन्द्र सिंह टिकैत
(घ) चौधरी चरण सिंह

उत्तर-(ग) महेन्द्र सिंह टिकैत

प्रश्न 8. ‘ताड़ी-विरोधी आंदोलन’ निम्नलखित में से किस प्रांत में शुरू किया गया?
(क) बिहार
(ख) उत्तर प्रदेश
(ग) आंध्र प्रदेश
(घ) तमलनाडु

उत्तर- (ग) आंध्र प्रदेश

प्रश्न 9. ‘नर्मदा घाटी परियोजना’ किन राज्यों से संबंधित है ?
(क) बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश
(ख) तमिलनाडु, करेल, कर्नाटक
(ग) पं. बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब
(घ) गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश

उत्तर- (घ) गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश

प्रश्न 10. “सूचना के अधिकार आंदोलन’ की शुरूआत कहाँ से हुई ?
(क) राजस्थान
(ख) दिल्ली
(ग) तमिलनाडु
(घ) बिहार

उत्तर- (क) राजस्थान

प्रश्न 11. ‘सूचना का अधिकार’ संबंधी कानून कब बना?
(क) 2004 ई. में
(ख) 2005 ई. में
(ग) 2006 ई० में
(घ) 2007 ई. में

उत्तर- (ख) 2005 ई. में

प्रश्न 12. नेपाल में सप्तदलीय गठबंधन का मुख्य उद्देश्य क्या है ?
(क) राजा को देश छोड़ने पर मजबूर करना
(ख) लोकतंत्र की स्थापना करना
(ग) भारत-नेपाल के बीच संबंधों को और बेहतर बनाना
(घ) सर्वदलीय सरकार की स्थापना करना

उत्तर- (ख) लोकतंत्र की स्थापना करना

प्रश्न 13. बोलिविया में जनसंघर्ष का मुख्य कारण था
(क) पानी की कीमत में वृद्धि
(ख) खाद्यान्न की कीमत में वृद्धि
(ग) पेट्रोल की कीमत में वृद्धि ।
(घ) जीवन रक्षक दवाओं की कीमत में वृद्धि

उत्तर- (क) पानी की कीमत में वृद्धि

प्रश्न 14. श्रीलंका कब आजाद हुआ ?
(क) 1947 में
(ख) 1948 में
(ग) 1949 में
(घ) 1950 में

उत्तर- (क) 1947 में

प्रश्न 15. राजनीतिक दल का आशय है
(क) अफसरों के समूह से
(ख) सेनाओं के समूह से
(ग) व्यक्तियों के समूह से
(घ) किसानों के समूह से

उत्तर- (ग) व्यक्तियों के समूह से

प्रश्न 16. निम्नलिखित में से कौन-सा प्रमुख उद्देश्य प्रायः सभी राजनीतिक दलों का होता है ?
(क) सत्ता प्राप्त करना
(ख) सरकारी पदा का प्राप्त करना
(ग) चुनाव लड़ना
(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- (क) सत्ता प्राप्त करना

प्रश्न 17. राजनीतिक दलों की नींव सर्वप्रथम किस देश में पड़ी ?
(क) ब्रिटेन
(ख) भारत में
(ग) फ्रांस में
(घ) संयुक्त राज्य अमेरिका में

उत्तर-(क) ब्रिटेन

प्रश्न 18. निम्नलिखित में किसे लोकतंत्र का प्राण माना जाता है ?
(क) सरकार को
(ख) न्यायपालिका को
(ग) संविधान को
(घ) राजनीतिक दल को

उत्तर- (घ) राजनीतिक दल को

प्रश्न 19. निम्नलिखित में कौन-सा कार्य राजनीतिक दल नहीं करता है?
(क) चुनाव लड़ना
(ख) सरकार की आलोचना करना
(ग) प्राकृतिक आपदा में राहत से
(घ) अफसरों की बहाली संबंधित

उत्तर- (घ) अफसरों की बहाली संबंधित

प्रश्न 20. निम्नलिखित में कौन-सा विचार लोकतंत्र में राजनीतिक दलों से मेल नहीं खाता है ?
(क) राजनीतिक दल लोगों की भावनाओं एवं विचारों को जोड़कर सरकार के सामने रखता
(ख) राजनीतिक दल देश में एकता और अखंडता स्थापित करने का साधन है।
(ग) देश के विकास के लिए सरकारी नीतियों में राजनीतिक दल बाधा उत्पन्न करता है।
(घ) राजनीतिक दल विभिन्न वर्गों, जातियों, धर्मों की समस्याएं सरकार तक पहुंचाता है।
उत्तर-
(ग) देश के विकास के लिए सरकारी नीतियों में राजनीतिक दल बाधा उत्पन्न करता है।

प्रश्न 21. किस देश में बहुदलीय व्यवस्था नहीं है ?
(क) पाकिस्तान
(ख) भारत
(ग) बांग्लादेश
(घ) ब्रिटेन

उत्तर-(घ) ब्रिटेन

प्रश्न 22. गठबंधन की सरकार बनाने की संभावना किस प्रकार की दलीय व्यवस्था में रहती है ?
(क) एकदलीय व्यवस्था
(ख) द्विदलीय व्यवस्था
(ग) बहुदलीय व्यवस्था
(घ) उपर्युक्त में किसी से भी नहीं

उत्तर- (ग) बहुदलीय व्यवस्था

प्रश्न 23. किसी भी देश में राजनीतिक स्थायित्व के लिए निम्नलिखित में क्या नहीं आवश्यक
(क) सभी दलों द्वारा सरकार को रचनात्मक सहयोग देना
(ख) किसी भी ढंग से सरकार को अपदस्थ करना
(ग) निर्णय-प्रक्रिया में सरकार द्वारा सबकी सहमति लेना
(घ) सरकार द्वारा विरोधी दलों में नजरबंद करना

उत्तर-(ख) किसी भी ढंग से सरकार को अपदस्थ करना

प्रश्न 24. निम्नलिखित में कौन-सी चुनौती राजनीतिक दलों को नहीं है ?
(क) राजनीतिक दलों के भीतर समय पर सांगठनिक चुनाव नहीं होना
(ख) राजनीतिक दलों में युवाओं और महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलना
(ग) राजनीतिक दलों द्वारा जनता की समस्याओं को सरकार के पास रखना
(घ) विपरीत सिद्धांत रखनेवाले राजनीतिक दलों से गठबंधन करना

उत्तर-(ख) राजनीतिक दलों में युवाओं और महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलना

प्रश्न 25. दल-बदल कानून निम्नलिखित में से किस पर लागू होता है ?
(क) सांसदों एवं विधायकों पर
(ख) राष्ट्रपति पर
(ग) उपराष्ट्रपति पर
(घ) उपर्युक्त में सभी पर

उत्तर- (क) सांसदों एवं विधायकों पर

प्रश्न 26. राजनीतिक दलों की मान्यता और उसका चिह्न किसके द्वारा प्रदान किया जाता है ?
(क) राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा
(ख) प्रधानमंत्री सचिवालय द्वारा
(ग) निर्वाचन आयोग द्वारा
(घ) संसद द्वारा

उत्तर-(ग) निर्वाचन आयोग द्वारा

प्रश्न 27. निम्नलिखित में कौन राष्ट्रीय दल नहीं है ?
(क) राष्ट्रीय जनता दल
(ख) बहुजन समाज पार्टी
(ग) लोक जनशक्ति पार्टी
(घ) भारतीय जनता पार्टी

उत्तर-(ग) लोक जनशक्ति पार्टी

प्रश्न 28. जनता दल (यूनाइटेड) पार्टी का गठन कब हुआ?
(क) 1992 में
(ख) 1999 में
(ग) 2000 में
(घ) 2004 में

उत्तर-(ख) 1999 में

II. (i) मिलान करें-

उत्तर-

  1. साइकिल
  2. लालटेन
  3. बंगला
  4. तीर।

(ii) मिलान करें-

उत्तर-

  1. य. पी. ए.
  2. एनडीए.
  3. राष्ट्रीय दल
  4. क्षेत्रीय पार्टी।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. बिहार में हए ‘छात्र आंदोलन’ के प्रमख कारण थे?

उत्तर- बिहार में मार्च 1974 में छात्रों द्वारा चलाए गए आंदोलन के पीछे दो मुख्य कारण थे:

  • बेरोजगारी में वृद्धि: शिक्षित युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों की कमी ने उनकी निराशा को बढ़ा दिया था।
  • खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि: महंगाई बढ़ने से आम जनता का जीवन कठिन हो गया था, छात्र भी इससे प्रभावित हुए।

इन दोनों कारणों ने मिलकर बिहार में छात्र आंदोलन को जन्म दिया।

प्रश्न 2. ‘चिपको आंदोलन के मुख्य उद्देश्य क्या थे?

उत्तर- चिपको आंदोलन पर्यावरण संरक्षण का एक महत्वपूर्ण आंदोलन था। इसके मुख्य उद्देश्य थे:

  • वृक्षों को कटने से बचाना: यह आंदोलन पेड़ों को काटे जाने से रोकने के लिए शुरू हुआ था। लोगों ने पेड़ों को गले लगाकर (चिपककर) वनों की कटाई का विरोध किया था।
  • पर्यावरण संतुलन बनाए रखना: वनों की अंधाधुंध कटाई से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को रोकना आंदोलन का एक प्रमुख लक्ष्य था।
  • स्थानीय समुदायों के अधिकारों की रक्षा करना: वनों पर निर्भर रहने वाले स्थानीय समुदायों के हितों की रक्षा करना भी इस आंदोलन का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य था।

इन उद्देश्यों के चलते चिपको आंदोलन ने पर्यावरण जागरूकता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई।

प्रश्न 3. स्वतंत्र राजनीतिक संगठन कौन होता है ?

उत्तर- स्वतंत्र राजनीतिक संगठन वो समूह होता है जो किसी भी राजनीतिक दल से संबद्ध न होकर किसी खास मुद्दे या विचारधारा को लेकर काम करता है। इसका उद्देश्य सरकार या राजनीतिक दलों को प्रभावित कर सामाजिक परिवर्तन लाना होता है।

प्रश्न 4. भारतीय किसान यूनियन की मुख्य मांगें क्या थीं?

उत्तर- भारतीय किसान यूनियन की मुख्य मांगों में कृषि उपज के लिए उचित मूल्य, कर्ज माफी, बिजली के दाम कम करना और सिंचाई के लिए बेहतर सुविधाएं शामिल थीं।

प्रश्न 5. सूचना के अधिकार आंदोलन के मुख्य उद्देश्य क्या थे?

उत्तर- सूचना के अधिकार आंदोलन के मुख्य उद्देश्य थे:

  • सरकार में पारदर्शिता लाना – जनता को यह अधिकार मिले कि वे सरकारी कामकाज की जानकारी प्राप्त कर सकें।
  • भ्रष्टाचार कम करना – सूचना के मिलने से भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करना आसान होता है।
  • नागरिकों को सशक्त बनाना – सूचना पाने के अधिकार से जनता सशक्त बनती है और सरकार को जवाबदेह ठहरा सकती है।

प्रश्न 6. राजनीतिक दल की परिभाषा दें।

उत्तर- राजनीतिक दल समान विचारधारा रखने वाले लोगों का संगठन होता है। ये दल मिलकर चुनाव लड़ते हैं और जीतने के बाद अपने विचारों के अनुसार देश चलाने का प्रयास करते हैं।

प्रश्न 7. किस आधार पर आप कह सकते हैं कि राजनीतिक दल जनता एवं सरकारों के बीच कड़ी का काम करता है ?

उत्तर- राजनीतिक दल जनता की आवाज़ को सरकार तक पहुंचाता है और साथ ही सरकार की नीतियों को जनता तक स्पष्ट करता है। इस प्रकार यह जनता और सरकार के बीच कड़ी का काम करता है।

प्रश्न 8. दल-बदल कानून क्या है ?
उत्तर-
दल-बदल कौनून विधायकों और सांसदों के एक दल से दूसरे दल में पलायन को रोकने के लिए संविधान में संशोधन कर कानून बनाया गया है। इसे ही दल-बदल कानून कहते हैं।

प्रश्न 9. राष्ट्रीय राजनीतिक दल किसे कहते हैं?

उत्तर- राष्ट्रीय राजनीतिक दल वैसे सामाजिक दल हैं जिनका अस्तित्व पूरे देश में होता है उनके कार्यक्रम एवं नीतियाँ राष्ट्रीय स्तर के होते हैं। इनकी इकाइयाँ राज्य स्तर पर भी होती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. जनसंघर्ष से भी लोकतंत्र मजबूत होता है। क्या आप इस कथन से सहमत हैं ? अपने पक्ष में उत्तर दें।

उत्तर- हां, मैं इस कथन से सहमत हूं कि जनसंघर्ष लोकतंत्र को मजबूत बनाता है। लोकतंत्र जनता का शासन, जनता के लिए होता है। लेकिन कभी-कभी सरकारें जनता की आवाज़ को अनदेखा कर सकती हैं या गलत नीतियां बना सकती हैं। ऐसे में शांतिपूर्ण जनसंघर्ष सरकार को जगाने का काम करते हैं।

  • जनसंघर्ष सरकार को जवाबदेह बनाते हैं: लोगों की शिकायतों को उजागर कर सरकार को जवाबदेह बनाते हैं।
  • जनता की भागीदारी बढ़ाते हैं: लोगों को सरोकारों के लिए लामबंद करते हैं, जिससे उनकी लोकतंत्र में भागीदारी बढ़ती है।
  • नीतियों में सुधार लाते हैं: सरकार गलत नीतियों को सुधारने के लिए दबाव बनाते हैं।

इस प्रकार, शांतिपूर्ण जनसंघर्ष लोकतंत्र को मजबूत बनाकर इसे और अधिक जनवादी बनाते हैं।

प्रश्न 2. किस आधार पर आप कह सकते हैं कि बिहार से शुरू हुआ ‘छात्र आंदोलन’ का स्वरूप राष्ट्रीय हो गया? ।
उत्तर-
बिहार से शुरू हुआ छात्र आंदोलन कई कारणों से राष्ट्रीय स्वरूप ले गया:

  • छात्रों की असंतुष्टि का व्यापक होना: बिहार में छात्रों की जो समस्याएँ थीं, जैसे खराब शिक्षा व्यवस्था, भ्रष्टाचार, और बेरोज़गारी, वे पूरे देश में कमोबेश मौजूद थीं. इस वजह से, अन्य राज्यों के छात्र भी बिहार के छात्रों से सहानुभूति रखने लगे और अपने-अपने राज्यों में भी इसी तरह के मुद्दों को लेकर प्रदर्शन करने लगे.
  • मीडिया का प्रसार: उस समय रेडियो और राष्ट्रीय समाचार पत्रों ने बिहार आंदोलन को व्यापक कवरेज दी. इससे देश भर के लोगों को बिहार में हो रहे छात्र आंदोलन की जानकारी मिली और वे इससे जुड़े मुद्दों से सहमत होते हुए समर्थन देने लगे.
  • जयप्रकाश नारायण का नेतृत्व: जाने-माने समाजसेवी जयप्रकाश नारायण (जेपी) ने बिहार आंदोलन को अपना समर्थन दिया. उनकी राष्ट्रीय छवि और जनमानस में सम्मान के कारण, छात्र आंदोलन को देशव्यापी पहचान मिली. जेपी के नेतृत्व में यह आंदोलन सिर्फ छात्र आंदोलन न रहकर, एक व्यापक जन आंदोलन बन गया.

इस प्रकार, बिहार से शुरू हुआ छात्र आंदोलन छात्रों की साझा समस्याओं, मीडिया के प्रसार और जयप्रकाश नारायण जैसे राष्ट्रीय नेताओं के समर्थन के कारण राष्ट्रीय स्वरूप ले गया.

प्रश्न 3. निम्नलिखित वक्तव्यों को पढ़ें और अपने पक्ष में उत्तर दें
(क) क्षेत्रीय भावना लोकतंत्र को मजबूत करती है।
(ख) दबाव समूह स्थायी तत्वों का समूह है। इसलिए इसे समाप्त कर देना चाहिए।
(ग) जनसंघर्ष लोकतंत्र का विरोधी है।
(घ) भारत के लोकतंत्र के लिए हुए आंदोलन में महिलाओं की भूमिका नगण्य है।

उत्तर-
(क) क्षेत्रीय भावना उग्र होने पर क्षेत्रवाद की स्थिति पैदा होती है जिससे देश की अखंडता खतरे में पड़ जाती है। अतः क्षेत्रीय भावना कुछ हद तक लोकतंत्र के लिए अभिशाप । बन सकती है।
(ख) वास्तव में दबाव समूह ऐसे संगठन होते हैं जो सरकार की नीतियों को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं। अत: यह कहना कि दबावं समूह स्वार्थी तत्वों का समूह है, बिल्कुल ही निराधार है। इसे समाप्त करने का कोई औचित्य नहीं है।
(ग) जनसंघर्ष से ही लोकतंत्र का विकास होता है। लोकतंत्र को मजबूत बनाने एवं इसे और सुदृढ़ करने में जनसंघर्ष की अहम भूमिका होती है। अतः लोकतंत्र जब संघर्ष के द्वारा विकसित होता है यह लोकतंत्र का विरोधी नहीं बल्कि लोकतंत्र के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक माध्यम होता है।
(घ) यह कहना कि लोकतंत्र के लिए हुए आंदोलन में महिलाओं की भूमिका नगण्य है, सरासर गलत है। ज्ञातव्य हो कि चिपको आंदोलन एवं ताड़ी विरोधी आंदोलन में महिलाओं ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। इसके अतिरिक्त नर्मदा बचाव आंदोलन की मुखिया मेधा ने इस आंदोलन
को राष्ट्रव्यापी बना दिया। अतः समय-समय पर लोकतंत्र के लिए हुए आंदोलन में महिलाओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।

प्रश्न 4. राजनीतिक दल को लोकतंत्र का प्राण क्यों कहा जाता है ?

उत्तर- दलों को लोकतंत्र का प्राण इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये दल लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. आइए देखें कैसे:

  • प्रतिनिधित्व: राजनीतिक दल समान विचारधारा रखने वाले लोगों का समूह होते हैं. ये दल चुनावों में खड़े होकर जनता के विचारों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
  • नीति निर्माण: दल चुनाव जीतकर सरकार बनाते हैं और अपनी नीतियों को लागू करते हैं. इससे जनता को यह चुनने का मौका मिलता है कि वो किस तरह की सरकार चाहते हैं.
  • चुनाव प्रक्रिया: दल उम्मीदवार खड़े करके और चुनाव प्रचार करके स्वस्थ्य चुनाव प्रक्रिया को बढ़ावा देते हैं.
  • विपक्षी दल: सत्ताधारी दल को सही रास्ते पर रखने के लिए विपक्षी दल सरकार की आलोचना करते हैं और उन्हें जवाबदेह बनाते हैं.
  • जन जागरूकता: राजनीतिक दल लोगों को राजनीतिक मुद्दों के बारे में जागरूक करते हैं और उनकी राजनीतिक भागीदारी को बढ़ावा देते हैं.

संक्षेप में, राजनीतिक दल लोकतंत्र को गतिशील बनाते हैं और जनता की आवाज़ को सरकार तक पहुंचाते हैं. ये दल ही लोकतंत्र के प्राण हैं.

प्रश्न 5. राजनीतिक दल राष्ट्रीय विकास में किस प्रकार योगदान करते हैं ?

उत्तर- राजनीतिक दल राष्ट्रीय विकास में कई महत्वपूर्ण तरीकों से योगदान करते हैं:

  • नीति निर्माण: दल विभिन्न विचारधाराओं और नीतियों को जनता के सामने रखते हैं. चुनाव जीतने वाली पार्टी अपनी नीतियों को लागू कर देश के विकास का मार्ग प्रशस्त करती है.
  • जिम्मेदार सरकार: सत्ताधारी दल जनता के प्रति जवाबदेह होता है. विपक्षी दल सरकार के कार्यों की समीक्षा कर उसे सही दिशा दिखाते हैं. इससे भ्रष्टाचार कम होता है और सरकार को जवाबदेह बनाकर विकास में तेजी आती है.
  • सामाजिक समरसता: राजनीतिक दल विभिन्न समुदायों के लोगों को एक मंच पर लाते हैं. इससे सामाजिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता मजबूत होती है, जो विकास के लिए जरूरी है.
  • जन-भागीदारी: दल लोगों की समस्याओं को उठाकर उन्हें राजनीतिक प्रक्रिया में शामिल करते हैं. इससे लोगों में जागरूकता बढ़ती है और वे विकास में सक्रिय भूमिका निभाते हैं.

इस प्रकार, राजनीतिक दल नीति निर्माण, जवाबदेही सुनिश्चित करने, सामाजिक सद्भाव बनाए रखने और जन-भागीदारी को बढ़ावा देकर राष्ट्रीय विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

प्रश्न 6. राजनीतिक दलों के प्रमुख कार्य बताएँ।

उत्तर- राजनीतिक दलों के प्रमुख कार्य
राजनीतिक दल लोकतंत्र की रीढ़ हैं। उनके कई महत्वपूर्ण कार्य हैं:

  • विचारधारा को बढ़ावा देना: राजनीतिक दल एक विशेष विचारधारा, जैसे समाजवाद, पूंजीवाद या राष्ट्रवाद को मानते हैं। वे जनता के बीच अपनी विचारधारा को फैलाते हैं और नीतियां बनाते समय इन विचारों को ध्यान में रखते हैं।
  • निर्वाचन प्रक्रिया में भाग लेना: दल उम्मीदवार खड़े करते हैं और चुनाव लड़ते हैं। वे जनता से वोट मांगते हैं और सत्ता हासिल करने का प्रयास करते हैं।
  • सरकार चलाना: चुनाव जीतने के बाद, दल सरकार बनाती है और अपने घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा करने का प्रयास करती है। वे कानून बनाती हैं और देश के विकास के लिए नीतियां बनाती हैं।
  • विपक्षी दल की भूमिका: हारे हुए दल विपक्ष में बैठते हैं। वे सरकार की आलोचना करते हैं, गलत नीतियों को रोकने का प्रयास करते हैं और लोगों को सरकार के जवाबदेह ठहराने में मदद करते हैं।
  • राजनीतिक नेतृत्व प्रदान करना: दल भविष्य के नेताओं को तैयार करते हैं और उन्हें चुनावों में खड़ा करते हैं। यह नेताओं को जमीनी सरोकारों से जोड़े रखता है।

संक्षेप में, राजनीतिक दल विचारों को व्यक्त करते हैं, नेतृत्व देते हैं, सरकार चलाते हैं और लोकतंत्र को मजबूत बनाते हैं।

प्रश्न 7. राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों को मान्यता कौन प्रदान करते हैं और इसके मापदंड क्या हैं ?

उत्तर-
राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों को मान्यता वाला: भारत निर्वाचन आयोग (ECI)

राष्ट्रीय दल मान्यता के मापदंड:

लोकसभा/विधानसभा चुनावों में प्रदर्शन:

  • लोकसभा चुनावों में कम से कम 4 अलग-अलग राज्यों से 6% कुल वैध मत प्राप्त करें और 4 सीटें जीतें।
  • कम से कम 3 अलग-अलग राज्यों से 2% लोकसभा सीटें जीतें।
  • 4 या अधिक राज्यों में राज्य स्तरीय दल का दर्जा प्राप्त करें।

संगठनात्मक संरचना:

  • कम से कम 1000 सदस्य होने चाहिए।
  • कम से कम 5 राज्यों में इकाइयां स्थापित होनी चाहिए।
  • राष्ट्रीय/राज्य स्तरीय समितियां गठित होनी चाहिए।
राज्य स्तरीय दल मान्यता के मापदंड:

विधानसभा चुनावों में प्रदर्शन:

  • संबंधित राज्य में 6% कुल वैध मत प्राप्त करें और 2 सीटें जीतें।
  • लोकसभा/विधानसभा चुनावों में 2% सीटें जीतें।

संगठनात्मक संरचना:

  • संबंधित राज्य में 500 सदस्य होने चाहिए।
  • राज्य में इकाइयां स्थापित होनी चाहिए।
  • राज्य स्तरीय समिति गठित होनी चाहिए।

मान्यता के लाभ:

चुनाव चिह्न का आरक्षण
चुनाव प्रचार में सुविधाएं
चुनाव आयोग से वित्तीय सहायता
मीडिया कवरेज
कानूनी सुविधाएं

नोट:

  • मान्यता प्राप्त दलों को चुनाव आयोग के नियमों का पालन करना होता है।
  • मान्यता न मिलने पर, दल पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त दल बन जाता है।
  • मान्यता प्राप्त दल को हर 5 साल में अपनी मान्यता का नवीनीकरण करवाना होता है।

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