Hello Students and Teachers. Are you searching for the Solutions of Bihar Board Class 10 Political Science Chapter 5? If yes then you have come to the right place. On this page, we have presented you with the Solutions of Chapter 5: लोकतंत्र की चुनौतियाँ.
Subject | Political Science (राजनीति विज्ञान : लोकतांत्रिक राजनीति भाग 2) |
Chapter | 5. लोकतंत्र की चुनौतियाँ |
Class | Tenth |
Category | Bihar Board Class 10 Solutions |
Bihar Board Class 10 Political Science Chapter 5 Solutions
लोकतंत्र की चुनौतियाँ
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प्रश्न 1. लोकतंत्र की सफलता निभी करती है
(क) नागरिकों की उदासीनता पर
(ख) नागरिकों की गैर-कानूनी कार्रवाई पर
(ग) नागरिकों की विवेकपूर्ण सहभागिता पर
(घ) नागरिकों द्वारा अपनी जाति के हितों की रक्षा पर
उत्तर- (ग) नागरिकों की विवेकपूर्ण सहभागिता पर
प्रश्न 2. 15वीं लोकसभा चुनाव से पूर्व लोकतंत्र में महिलाओं की भागीदारी थी-
(क) 10 प्रतिशत
(ख) 15 प्रतिशत
(ग) 33 प्रतिशत
(घ) 50 प्रतिशत
उत्तर- (क) 10 प्रतिशत
प्रश्न 3. ‘लोकतंत्र जनता का, जनता के द्वारा तथा जनता के लिए शासन है’ यह कथन है
(क) अरस्तू का
(ख) अब्राहम लिंकन का
(ग) रूसो का
(घ) ग्रीन का
उत्तर- (ख) अब्राहम लिंकन का
प्रश्न 4. नए विश्व सर्वेक्षण के आधार पर भारतवर्ष में मतदाताओं की संख्या है लगभग
(क) 90 करोड़
(ख) 71 करोड़
(ग) 75 करोड़
(घ) 95 करोड़
उत्तर- (ख) 71 करोड़
प्रश्न 5. क्षेत्रवाद की भावना का एक परिणाम है-
(क) अपने क्षेत्र से लगाव
(ख) राष्ट्रहित
(ग) राष्ट्रीय एकता
(घ) अलगाववाद
उत्तर- (घ) अलगाववाद
II. रिक्त स्थानों की पर्ति करें।
प्रश्न 1. भारतीय लोकतंत्र ……………… लोकतंत्र है। (प्रतिनिध्यात्मक/एकात्मक)
उत्तर- प्रतिनिध्यात्मक
प्रश्न 2. न्यायपालिका में…………..”के प्रति निष्ठा होनी चाहिए।
उत्तर- सत्य
प्रश्न 3. भारतीय राजनीति में महिलाओं को……….प्रतिशत आरक्षण देने की मांग की गई है।
उत्तर- 33 प्रतिशत 1
प्रश्न 4. वर्तमान में नेपाल की शासन-प्रणाली…………… है।
उत्तर- लोकतंत्रात्मक
प्रश्न 5. 15वीं लोकसभा चुनाव में यू. पी. ए. द्वारा…………..”सीटों पर विजय प्राप्त की गई।
उत्तर- 265
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. लोकतंत्र जनता का, जनता के द्वारा तथा जनता के लिए शासन है। कैसे ?
उत्तर- लोकतंत्र में जनता सर्वोच्च है (जनता का)। जनता ही अपने प्रतिनिधियों को चुनती है (जनता के द्वारा)। ये प्रतिनिधि जनता की इच्छा अनुसार शासन चलाते हैं और जनता की भलाई के लिए काम करते हैं (जनता के लिए)।
प्रश्न 2. केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच आपसी टकराव से लोकतंत्र कैसे प्रभावित होता है?
उत्तर- केंद्र और राज्य सरकारों के बीच टकराव लोकतंत्र को कमजोर करता है। इससे जनकल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में देरी होती है और विकास कार्य रुक जाते हैं। साथ ही, देश में अस्थिरता का माहौल बन सकता है।
प्रश्न 3. परिवारवाद क्या है ?
उत्तर-परिवारवाद का मतलब है राजनीति या किसी पद पर किसी खास परिवार के लोगों को प्राथमिकता देना, भले ही उनके योग्य उम्मीदवार मौजूद हों। यह योग्यता के बजाय पारिवारिक रिश्तों को तवज्जो देता है।
प्रश्न 4. आर्थिक अपराध का अर्थ स्पष्ट करें।
उत्तर- अर्थव्यवस्था से जुड़े कानूनों को तोड़कर अवैध तरीके से धन कमाने या बचाने के लिए किए गए अपराधों को आर्थिक अपराध कहते हैं। इसमें सरकारी योजनाओं में धोखाधड़ी, जालसाजी, कर चोरी आदि शामिल हैं।
प्रश्न 5. सूचना का अधिकार कानून लोकतंत्र का रखवाला है, कैसे?
उत्तर- सूचना का अधिकार कानून सरकार को पारदर्शी बनाता है। इससे जनता को सरकार के कामकाज की जानकारी मिलती है, जिससे भ्रष्टाचार कम होता है और लोकतंत्र मजबूत होता है।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. लोकतंत्र से क्या समझते हैं ?
उत्तर- लोकतंत्र का मतलब है “लोगों का शासन” (“लोक” का अर्थ है लोग और “तंत्र” का अर्थ है शासन)। यह ऐसी शासन व्यवस्था है जहां जनता सर्वोपरि होती है। लोकतंत्र में जनता को अपने शासक चुनने का अधिकार होता है। साथ ही, जनता यह तय करती है कि सरकार किस तरह से चले।
प्रश्न 2. गठबंधन की राजनीति कैसे लोकतंत्र को प्रभावित करती है?
उत्तर- गठबंधन की राजनीति लोकतंत्र को कई तरह से प्रभावित करती है, कुछ सकारात्मक और कुछ नकारात्मक:
सकारात्मक प्रभाव:
- विभिन्न विचारधाराओं को शामिल कर सकती है, जिससे सरकार अधिक समावेशी बनती है।
- छोटे दलों को सत्ता में भाग लेने का मौका मिलता है।
नकारात्मक प्रभाव:
- सरकार को स्थिरता बनाए रखने के लिए गठबंधन के सहयोगियों को खुश रखना पड़ सकता है, जिससे नीति निर्माण धीमा हो सकता है।
- नीतियां गठबंधन के बीच समझौतों पर आधारित हो सकती हैं, जो हमेशा जनता के सर्वोत्तम हित में न हों।
- कुल मिलाकर, गठबंधन की राजनीति लोकतंत्र को जटिल बनाती है, इसके फायदे और नुकसान दोनों होते हैं।
प्रश्न 3. नेपाल में किस तरह की शासन व्यवस्था है ? लोकतंत्र की स्थापना में वहाँ क्या-क्या बाधाएँ हैं?
उत्तर- नेपाल में संघीय लोकतांत्रिक गणतंत्र व्यवस्था है।
लोकतंत्र की स्थापना में नेपाल को कई बाधाओं का सामना करना पड़ा, जिनमें:
- राजनीतिक दलों में अस्थिरता और कमजोर गठबंधन
- जातीय और क्षेत्रीय विवाद
- गरीबी और आर्थिक विकास की धीमी गति
- भ्रष्टाचार
- ये बाधाएं मजबूत और स्थिर लोकतंत्र के विकास में चुनौती बनी हुई हैं।
प्रश्न 4. क्या शिक्षा का अभाव लोकतंत्र के लिए चुनौती है ?
उत्तर- हां, शिक्षा का अभाव लोकतंत्र के लिए एक बड़ी चुनौती है। शिक्षित नागरिक ही अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों को समझ सकते हैं। वे सही नेताओं का चुनाव कर सकते हैं और सरकार की जवाबदेही तय कर सकते हैं। अशिक्षित जनता को बहलावे में आना आसान होता है, जिससे लोकतंत्र कमज़ोर हो जाता है।
प्रश्न 5. आतंकवाद लोकतंत्र की चुनौती है। कैसे?
उत्तर- हां, आतंकवाद लोकतंत्र के लिए एक बड़ी चुनौती है। यह इस प्रकार है:
- भय का माहौल बनाता है: आतंकवादी हमले लोगों में भय पैदा करते हैं, जिससे स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति कमजोर होती है।
- सामाजिक सौहार्द बिगाड़ता है: आतंकी अक्सर धर्म, जाति आदि के आधार पर निशाना बनाते हैं, जिससे समाज में दरार पैदा होती है।
- सरकार की छवि खराब करता है: जब आतंकी हमले होते हैं, तो सरकार की सुरक्षा देने में नाकामी उजागर होती है।
- लोकतांत्रिक प्रक्रिया में बाधा: आतंक का डर लोगों को चुनाव में भाग लेने से रोक सकता है।
इसलिए, लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए आतंकवाद से सख्ती से निपटना जरूरी है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. वर्तमान भारतीय राजनीति में लोकतंत्र की कौन-कौन-सी चुनौतियाँ हैं ? विवेचना करें।
उत्तर- वर्तमान भारतीय राजनीति में लोकतंत्र अनेक चुनौतियों का सामना कर रहा है। इनमें प्रमुख हैं:
- धनबल और अपराधीकरण: चुनावों में धनबल और अपराधियों का बढ़ता प्रभाव लोकतंत्र के लिए खतरा है। चुनाव लड़ने के लिए भारी धन की आवश्यकता, राजनीतिक दलों द्वारा अपराधियों का इस्तेमाल, और चुनावों में धांधली लोकतंत्र को कमजोर करते हैं।
- जातिवाद और धार्मिक कट्टरपंथ: जातिवाद और धार्मिक कट्टरपंथ राजनीतिक दलों द्वारा वोट बैंक के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। इससे समाज में विभाजन पैदा होता है और लोकतांत्रिक मूल्यों को क्षति पहुंचती है।
- भ्रष्टाचार: राजनीति में भ्रष्टाचार एक बड़ी चुनौती है। भ्रष्टाचार से लोगों का सरकार में विश्वास कम होता है और लोकतंत्र के प्रति अरुचि पैदा होती है।
- कमजोर नागरिक भागीदारी: नागरिकों की राजनीतिक प्रक्रिया में भागीदारी कम होती जा रही है। लोग चुनावों में मतदान नहीं करते हैं और राजनीतिक मुद्दों पर अपनी राय नहीं रखते हैं।
- सामाजिक-आर्थिक असमानता: गरीबी, बेरोजगारी, और सामाजिक-आर्थिक असमानता लोकतंत्र के लिए खतरा हैं। इन समस्याओं से लोगों में असंतोष पैदा होता है और वे लोकतंत्र से निराश होते हैं।
इन चुनौतियों से निपटने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
- चुनाव सुधार, जैसे कि चुनावों में धनबल और अपराधियों का इस्तेमाल रोकना
- जातिवाद और धार्मिक कट्टरपंथ के खिलाफ जागरूकता फैलाना
- भ्रष्टाचार को कम करने के लिए कड़े कानून बनाना और उन्हें लागू करना
- नागरिकों की राजनीतिक प्रक्रिया में भागीदारी को बढ़ावा देना
- सामाजिक-आर्थिक असमानता को कम करने के लिए सरकार द्वारा ठोस कदम उठाना
प्रश्न 2. बिहार की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी लोकतंत्र के विकास में कहाँ तक सहायक है?
उत्तर-बिहार की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी लोकतंत्र के विकास में सहायक है, लेकिन अभी बहुत सी चुनौतियाँ बाकी हैं।
** सकारात्मक प्रभाव **
- महिलाओं के मुद्दों को प्रमुखता: महिला राजनेता शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी महिलाओं से जुड़ी समस्याओं को उठाती हैं, जो लोकतंत्र को समावेशी बनाता है।
- निर्णय-प्रक्रिया में विविधता: महिलाओं का नजरिया नीति निर्माण में संतुलन लाता है, जो लोकतांत्रिक शासन को मजबूत करता है।
- समाज में जागरूकता: महिला नेताओं की सफलता समाज में अन्य महिलाओं को राजनीति में आने के लिए प्रेरित करती है।
** चुनौतियाँ **
- सामाजिक रूढ़ियाँ: पितृसत्तात्मक सोच महिलाओं को राजनीति में आने से रोकती है।
- पार्टी प्रणाली में कम प्रतिनिधित्व: राजनीतिक पार्टियों में महिलाओं के लिए अभी भी कम सीटें हैं।
- हिंसा और धमकियाँ: कई बार महिला राजनेताओं को हिंसा और धमकियों का सामना करना पड़ता है।
निष्कर्ष
बिहार में महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी बढ़ रही है, जो लोकतंत्र के लिए सकारात्मक संकेत है। लेकिन सामाजिक बदलाव और पार्टियों के सहयोग से महिलाओं की भूमिका को और मजबूत बनाया जा सकता है।
प्रश्न 3. परिवारवाद और जातिवाद बिहार में किस तरह लोकतंत्र को प्रभावित करता है ?
उत्तर- बिहार में परिवारवाद और जातिवाद लोकतंत्र को काफी प्रभावित करते हैं:
- परिवारवाद: राजनीतिक दलों में नेताओं के परिवार के लोगों को टिकट मिलना आम है, भले ही उनकी योग्यता न हो। इससे अन्य योग्य उम्मीदवारों के अवसर कम हो जाते हैं और मतदाता भी नेता को चुनने के बजाय पार्टी या परिवार को चुनने लगते हैं।
- जातिवाद: चुनाव जाति के आधार पर लड़े जाते हैं। नेता जातिगत समीकरणों को साधने की कोशिश करते हैं, योग्यता और विचारधारा गौण हो जाती है। इससे जाति के बीच का टकराव बढ़ता है और विकास के मुद्दे पीछे छूट जाते हैं।
इस प्रकार परिवारवाद और जातिवाद लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों, जैसे समानता और योग्यता के आधार पर शासन को चुनौती देते हैं।
प्रश्न 4. क्या चुने हुए शासक लोकतंत्र में अपनी मर्जी से सब कुछ कर सकते हैं ?
उत्तर- नहीं, लोकतंत्र में चुने हुए शासक अपनी मर्जी से सब कुछ नहीं कर सकते। लोकतंत्र में शासन व्यवस्था का आधार संविधान होता है। चुने हुए शासक को संविधान के दायरे में रहकर ही काम करना होता है।
संविधान जनता के मौलिक अधिकारों की रक्षा करता है और शासक को एक सीमित दायरे में काम करने के लिए बाध्य करता है। साथ ही, जनता द्वारा चुने जाने के कारण, शासक को जनता की इच्छाओं का भी ध्यान रखना होता है।
इसलिए, लोकतंत्र में निर्णय लेने की प्रक्रिया में जनता की सहभागिता अहम होती है। जनता अपने मताधिकार के माध्यम से ऐसे प्रतिनिधियों को चुनती है जो उनके हितों का ख्याल रखें।
प्रश्न 5. न्यायपालिका की भूमिका लोकतंत्र की चुनौती है कैसे? इसके सुधार के उपाय क्या हैं?
उत्तर- न्यायपालिका लोकतंत्र के लिए आवश्यक है, लेकिन कभी-कभी यह चुनौती भी बन जाती है।
- सरकार के फैसलों को रद्द करना: कभी-कभी न्यायपालिका जनता द्वारा चुनी गई सरकार के फैसलों को रद्द कर सकती है। इससे जनता यह सवाल उठा सकती है कि असल में सरकार चला कौन रहा है।
- निर्णय लेने में देरी: न्याय प्रणाली में देरी लोकतंत्र के लिए चुनौती है। इससे नीतियों को लागू करने में अड़चन आती है और लोगों को जल्दी न्याय नहीं मिल पाता।
सुधार के उपाय:
- न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया में सुधार: पारदर्शी तरीके से योग्य न्यायाधीशों की नियुक्ति होनी चाहिए।
- न्याय प्रणाली में तेजी लाना: कम जटिल प्रक्रियाओं और पर्याप्त न्यायाधीशों से मुकदमों का जल्द निपटारा किया जा सकता है।
- न्यायपालिका और कार्यपालिका में सहयोग: दोनों अंगों को संविधान के दायरे में रहते हुए एक-दूसरे के सम्मान के साथ काम करना चाहिए।
इन सुधारों से न्यायपालिका और लोकतंत्र दोनों मजबूत होंगे।
प्रश्न 6. आतंकवाद लोकतंत्र की चुनौती है। स्पष्ट करें।
उत्तर- बिल्कुल।
आतंकवाद लोकतंत्र के लिए एक गंभीर चुनौती है। यहां कुछ कारण बताए गए हैं:
- भय का माहौल: आतंकवादी हिंसा और धमकियों के जरिए लोगों में भय पैदा करते हैं। इससे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं, जैसे चुनाव और सार्वजनिक बहस में लोगों की भागीदारी कम हो जाती है।
- अल्पसंख्यकवाद को बढ़ावा: आतंकी अक्सर किसी धर्म या समुदाय के नाम पर हमले करते हैं। इससे समाज में नफरत फैलती है और अल्पसंख्यकों के लिए खतरा पैदा होता है। लोकतंत्र में सभी को समान अधिकार मिलते हैं, आतंकवाद इसे कमजोर करता है।
- सरकार पर दबाव: आतंक के जरिए सरकार को अपनी मांगें मनवाने के लिए दबाव बनाया जाता है। इससे लोकतांत्रिक तरीके से फैसले लेने की प्रक्रिया बाधित होती है।
- सुरक्षाबलों पर बोझ: आतंकवाद से निपटने के लिए सुरक्षाबलों को तैनात करना पड़ता है, जिससे दूसरे ज़रूरी कामों पर ध्यान नहीं दिया जा पाता है।
लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए आतंकवाद से लड़ना जरूरी है।
Bihar Board Solutions for Class 10 Political Science (राजनीति विज्ञान) is given below to help students prepare for their examinations. All the solutions are updated as per the latest Bihar Board Syllabus and Guidelines. These solutions will help students understand complex concepts in an easy to follow language. The solutions are also available in Hindi and English medium. We hope that these solutions will help students in their studies and help them score good marks in their examinations.
Bihar Board Solutions for Class 10 Political Science (राजनीति विज्ञान) छात्रों को उनकी परीक्षाओं की तैयारी में मदद करने के लिए नीचे दिया गया है। सभी समाधान नवीनतम बिहार बोर्ड पाठ्यक्रम और दिशानिर्देशों के अनुसार अपडेट किए गए हैं। ये समाधान छात्रों को आसान भाषा में जटिल अवधारणाओं को समझने में मदद करेंगे। समाधान हिंदी और अंग्रेजी माध्यम में भी उपलब्ध हैं। हमें उम्मीद है कि ये समाधान छात्रों को उनकी पढ़ाई में मदद करेंगे और उन्हें अपनी परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करने में मदद करेंगे।