Hello Students and Teachers. Are you searching for the Solutions of Bihar Board Class 10 Science Chapter 14? If yes then you have come to the right place. On this page, we have presented you with the Solutions of Chapter 14: उर्जा के स्रोत.
Subject | Science |
Chapter | 14. उर्जा के स्रोत |
Class | Tenth |
Part | Biology |
Category | Bihar Board Class Solutions |
Bihar Board Class 10 Science Chapter 14 Solutions
उर्जा के स्रोत
अनुच्छेद 14.1 पर आधारित
प्रश्न 1) ऊर्जा का उत्तम स्रोत किसे कहते हैं?
उत्तर: ऊर्जा का उत्तम स्रोत, वह स्रोत है जो।
- प्रति इकाई द्रव्यमान या आयतन में अधिक कार्य करता हो।
- आसानी से प्राप्त हो सके।
- आसानी से भंडारित एवं परिवहित हो सके।
- सस्ता और सुरक्षित हो।
प्रश्न 2) उत्तम ईंधन किसे कहते हैं?
उत्तर: उत्तम ईंधन वह ईंधन है –
- जिसका कैलोरी मान अधिक हो।
- जिसका मध्यम ज्वलन ताप हो।
- जिसके दहन के पश्चात् हानिकारक गैसें उत्पन्न न होती हों।
- जो दहन के पश्चात् ठोस अवशेष न छोड़ता हो।
- जो सस्ता हो एवं जिसका रख-रखाव आसान हो।
प्रश्न 3) यदि आप अपने भोजन को गरम करने के लिए किसी भी ऊर्जा-स्रोत का उपयोग कर सकते हैं तो आप किसका उपयोग करेंगे और क्यों?
उत्तर: हम ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत का उपयोग करेंगे जो प्रदूषण उत्पन्न न करता हो; क्योंकि उपर्युक्त विशेषता का ईंधन प्रकृति में असंतुलन उत्पन्न नहीं करेगा और पुनः स्थापित हो जाएगा जिससे बार-बार उपयोग हो सके।
अनुच्छेद 14.2 पर आधारित
प्रश्न 1) जीवाश्मी ईंधन की क्या हानियाँ हैं?
उत्तर: जीवाश्मी ईंधन उपयोग करने की निम्नलिखित हानियाँ हैं –
- जीवाश्मी ईंधन बनने में लाखों वर्ष लगते हैं और इनके भंडार सीमित हैं।
- जीवाश्मी ईधन अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत हैं।
- जीवाश्मी ईंधन जलने से वायु-प्रदूषण होता है।
- कार्बन, सल्फर और नाइट्रोजन के ऑक्साइडों का जलीय विलयन अम्लीय होता है। अत: जीवाश्मी ईंधनों के धुएँ अम्लीय वर्षा
- के कारक हैं जो मनुष्य में श्वसन सम्बन्धी तथा शरीर के खुले अंगों में जलन पैदा करते हैं।
प्रश्न 2) हम ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों की ओर क्यों ध्यान दे रहे हैं?
उत्तर: तकनीकी विकास के साथ-साथ ऊर्जा की खपत भी बढ़ रही है। हमारी बदलती जीवन शैली, अपने आराम के लिए अधिक-से-अधिक मशीनों के उपयोग के कारण भी ऊर्जा की माँग अधिक हो रही है। यह ऊर्जा की माँग की आपूर्ति परंपरागत ऊर्जा स्रोतों से पूरी नहीं हो पा रही है। अतः हम ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
प्रश्न 3) हमारी सुविधा के लिए पवनों तथा जल ऊर्जा के पारंपरिक उपयोग में किस प्रकार के सुधार किए गए हैं?
उत्तर: जल और पवनें ऊर्जा के परंपरागत स्रोत हैं। शुरू में इनकी ऊर्जा का उपयोग बहुत सीमित था, परन्तु तकनीकी विकास के कारण ये एक मुख्य ऊर्जा स्रोत की तरह विकसित हो रहे हैं। इस क्रम में निम्नलिखित सुधार किए गए हैं –
- पवन ऊर्जा एक प्रदूषण-मुक्त ऊर्जा स्रोत है। पवन-चक्की द्वारा पवन की गतिज ऊर्जा का उपयोग यांत्रिक कार्य जैसे कुएँ से जल निकालना और विद्युत जनित्र चलाकर इसे विद्युत ऊर्जा में बदलकर विभिन्न प्रकार से उपयोग किया जा रहा है।
- बहते जल का उपयोग सामान्यत: यातायात के लिए किया जाता था परन्तु अब बाँध बनाकर इस ऊर्जा को जल विद्युत ऊर्जा में बदलकर विभिन्न प्रकार से उपयोग किया जा रहा है। उपर्युक्त सम्बन्ध में नई तकनीक के प्रयोग द्वारा उच्च दक्षता की मशीनें बनाकर अधिक मात्रा में ऊर्जा का दोहन सुलभ हो गया है।
अनुच्छेद 14.3 पर आधारित
प्रश्न 1) सौर कुकर के लिए कौन-सा दर्पण-अवतल, उत्तल अथवा समतल सर्वाधिक उपयुक्त होता है? क्यों?
उत्तर: सौर कुकर के लिए अवतल दर्पण सर्वाधिक उपयुक्त होता है क्योंकि यह सूर्य से आने वाले विकिरण को ठीक से एक बिन्दु पर फोकस कर सकता है जिससे उच्च ऊष्मा उत्पन्न होती है।
प्रश्न 2) महासागरों से प्राप्त हो सकने वाली ऊर्जाओं की क्या सीमाएँ हैं?
उत्तर: यद्यपि महासागर ऊर्जा के बडे स्रोत हैं, परन्तु औद्योगिक स्तर पर इनका दोहन कठिन है।
प्रश्न 3) भूतापीय ऊर्जा क्या होती है?
उत्तर: भूमि के नीचे स्थित गर्न स्थानों से प्राप्त ऊष्मा अथवा ऊष्मीय ऊर्जा भूतापीय ऊर्जा कहलाती
प्रश्न 4) नाभिकीय ऊर्जा का क्या महत्त्व है?
उत्तर: नाभिकीय ऊर्जा एक गैर परंपरागत ऊर्जा है। आजकल विखंडन से प्राप्त ऊर्जा का सफलतापूर्वक उपयोग हो रहा है। संलयन अभिक्रिया से प्राप्त ऊर्जा के दोहन की संभावना व्यक्त की जा रही है।
अनुच्छेद 14.4 पर आधारित
प्रश्न 1) क्या कोई ऊर्जा स्रोत प्रदूषण मुक्त हो सकता है? क्यों अथवा क्यों नहीं?
उत्तर: किसी भी प्रकार के ऊर्जा स्रोत के समाप्त होने से वातावरण असंतुलित होता है। इसलिए हम कह सकते हैं कि कोई भी ऊर्जा स्रोत प्रदूषण मुक्त नहीं हो सकता है। उदाहरणार्थ, यदि हम लकड़ी को ऊर्जा स्रोत की तरह उपयोग करते हैं तब पर्यावरणीय असंतुलन उत्पन्न होता है। वायु में CO2 और O2 का भी संतुलन प्रभावित होता है। लकड़ी जलने से उत्पन्न CO2 SO2 और NO2 वायु-प्रदूषण करते हैं। यहाँ तक कि सौर ऊर्जा के अधिक उपयोग से भूमंडलीय ऊष्मीय प्रभाव उत्पन्न होगा।
प्रश्न 2) रॉकेट ईंधन के रूप में हाइड्रोजन का उपयोग किया जाता रहा है? क्या आप इसे CNG की तुलना में अधिक स्वच्छ ईंधन मानते हैं? क्यों अथवा क्यों नहीं?
उत्तर: निम्नलिखित कारणों से हाइड्रोजन CNG की अपेक्षा एक स्वच्छ ईंधन माना जाता है –
- हाइड्रोजन का कैलोरी मान CNG की अपेक्षा अधिक है।
- CNG एक परंपरागत ऊर्जा स्रोत है जबकि H2 नहीं है।
- CNG एक ग्रीन हाउस गैस है जबकि H2 नहीं है। H2 प्रदूषण नहीं फैलाती है।
- CNG के दहन से CO तथा CO2 मुक्त होती हैं जबकि H2 के दहन से ऐसी हानिकारक गैसें उत्पन्न नहीं होती हैं।
अनुच्छेद 14.5 पर आधारित
प्रश्न 1) ऐसे दो ऊर्जा स्रोतों के नाम लिखिए जिन्हें आप नवीकरणीय मानते हैं। अपने चयन के लिए तर्क दीजिए।
उत्तर: दो नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत निम्नवत् हैं –
(a) जल ऊर्जा बहते जल में उपस्थित ऊर्जा को जल ऊर्जा कहते हैं। यहाँ ऊँचाई से नीचे बहते जल की ऊर्जा का उपयोग कर लिया जाता है तथा उपयोग के बाद बहता हुआ जल समुद्र में चला जाता है। जल चक्र के कारण जल पुन: ऊँचाई पर पहुँच जाता है। इसलिए जल ऊर्जा को नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत कहते हैं।
(b) पवन ऊर्जा हम पवन ऊर्जा का विभिन्न कार्यों के लिए उपयोग करते हैं। प्रकृति में पवनें चक्रीय प्रक्रमों के कारण उत्पन्न होती हैं। इसलिए यह भी ऊर्जा का नवीकरणीय स्रोत है।
प्रश्न 2) ऐसे दो ऊर्जा स्रोतों के नाम लिखिए जिन्हें आप समाप्य मानते हैं। अपने चयन के लिए तर्क दीजिए।
उत्तर: कोयला और पेट्रोलियम ऊर्जा के समापन योग्य स्रोत हैं क्योंकि यदि वे पुनर्स्थापित भी हों तो इस प्रक्रिया में लाखों वर्ष लग जाएँगे।
Bihar Board Class 10 Science उर्जा के स्रोत Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1) गर्म जल प्राप्त करने के लिए हम सौर जल तापक का उपयोग किस दिन नहीं कर सकते?
(a) धूप वाले दिन
(b) बादलों वाले दिन
(c) गरम दिन
(d) पवनों (वायु) वाले दिन
उत्तर:
(b) बादलों वाले दिन
प्रश्न 2) निम्नलिखित में से कौन जैवमात्रा ऊर्जा स्रोत का उदाहरण नहीं है?
(a) लकड़ी
(b) गोबर गैस
(c) नाभिकीय ऊर्जा
(d) कोयला
उत्तर:
(c) नाभिकीय ऊर्जा
प्रश्न 3) जितने ऊर्जा स्रोत हम उपयोग में लाते हैं उनमें से अधिकांश सौर ऊर्जा को निरूपित करते हैं। निम्नलिखित में से कौन-सा ऊर्जा स्रोत अंततः सौर ऊर्जा से व्युत्पन्न नहीं है?
(a) भूतापीय ऊर्जा
(b) पवन ऊर्जा
(c) नाभिकीय ऊर्जा
(d) जैवमात्रा
उत्तर:
(c) नाभिकीय ऊर्जा
प्रश्न 4) ऊर्जा स्रोत के रूप में जीवाश्मी ईंधनों तथा सूर्य की तुलना कीजिए और उनमें अंतर लिखिए।
उत्तर:
जीवाश्म ईंधन | सूर्य |
यह ऊर्जा का अनवीकरणीय स्रोत है। | यह ऊर्जा का विकीरणीय स्रोत है। |
यह प्रदूषण नहीं फैलाता है। | यह बहुत अधिक प्रदूषण फैलाता है। |
रासायनिक क्रियाओं से ऊष्मा और प्रकाश उत्पन्न करता है। | परमाणु संलयन से बहुत अधिक मात्रा में ऊष्मा और प्रकाश उत्पन्न करता है। |
निरंतर ऊर्जा प्रदान नहीं कर सकता है। | निरंतर ऊर्जा प्रदान करता है। |
मानव मन चाहे ढंग से उस पर नियंत्रण कर सकता है। | मनचाहे ढंग से उसमें ऊर्जा उत्पत्ति पर मानव किसी भी अवस्था में नियंत्रण नहीं कर सकता। |
प्रश्न 5) जैव मात्रा तथा ऊर्जा स्रोत के रूप में जल विद्युत की तुलना कीजिए और उनमें अंतर लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 6) निम्नलिखित से ऊर्जा निष्कर्षित करने की सीमाएँ लिखिए
(a) पवनें
(b) तरंगें
(c) ज्वार-भाटा
उत्तर:
(a) पवनें
प्रश्न 7) ऊर्जा स्रोतों का वर्गीकरण निम्नलिखित वर्गों में किस आधार पर करेंगे?
(a) नवीकरणीय तथा अनवीकरणीय
(b) समाप्य तथा असमाप्य
क्या (a) तथा (b) के विकल्प समान हैं?
उत्तर : (a) नवीकरणीय तथा अनवीकरणीय स्त्रोत–
(i) नवीकरणीय स्त्रोत-ये स्रोत ऊर्जा की उत्पत्ति तब तक करने की योग्यता रखते हैं जब तक हमारा सौर मंडल विद्यमान है। पवन ऊर्जा, जल ऊर्जा, सागर की तरंगें, परमाणु ऊर्जा आदि नवीकरणीय स्रोत हैं।
(ii) अनवीकरणीय स्रोत –ऊर्जा के ये स्रोत लाखों वर्ष पहले विशिष्ट स्थितियों में बने थे। एक बार उपयोग कर लिए जाने के बाद इन्हें बहुत लंबे समय तक पुन: उपयोग में नहीं लाया जा सकता। जीवाश्मी ईंधन कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैसें ऊर्जा के अनवीकरणीय स्रोत हैं।
(b) समाप्य तथा असमाप्य-ऊर्जा के समाप्य स्रोत अनवीकरणीय हैं जबकि असमाप्य स्रोत अनवीकरणीय हैं।
प्रश्न 8) ऊर्जा के आदर्श स्रोत में क्या गुण होते हैं?
उत्तर: ऊर्जा के आदर्श स्रोत में निम्नलिखित गुण होते हैं।
- इकाई द्रव्यमान ऊर्जा स्रोत से अधिक मात्रा में कार्य होना चाहिए।
- यह आसानी से प्राप्त होने वाला होना चाहिए।
- इसका भंडारण और परिवहन भी आसान होना चाहिए।
- यह सस्ता होना चाहिए।
प्रश्न 9) सौर कुकर का उपयोग करने के क्या लाभ तथा हानियाँ हैं? क्या ऐसे भी क्षेत्र हैं जहाँ सौर कुकरों की सीमित उपयोगिता है?
उत्तर: लाभ सौर कुकर उपयोग करने के निम्नलिखित लाभ हैं –
- यह बिना प्रदूषण किए भोजन पकाने में सहायक है।
- सौर कुकर का उपयोग सस्ता है; क्योंकि सौर ऊर्जा के उपयोग का मूल्य नहीं चुकाना पड़ता है।
- सौर कुकर का रख-रखाव आसान होता है। इसमें किसी प्रकार के खतरे की संभावना नहीं होती है।
सौर कुक्कर की हानियां–
- रात में और बादल वाले दिनों में सौर कुकर का उपयोग नहीं किया जा सकता है।
- यह भोजन पकाने में अधिक समय लेता है।
- सौर कुकर के परावर्तक की दिशा लगातार बदलते रहना पड़ता है जिससे सूर्य की रोशनी सौर कुकर में प्रवेश कर सके।
- सभी स्थानों पर हर समय सूर्य की रोशनी उपलब्ध नहीं होती है।
- सौर कुकर के सीमित उपयोगिता वाले क्षेत्र हाँ, कछ ऐसे भी क्षेत्र हैं जहाँ सौर ककर की सीमित उपयोगिता है। ध्रुवों पर जहाँ सूर्य आधे वर्ष तक नहीं दिखाई देता है वहाँ सौर कुकर का उपयोग सीमित है। पहाड़ी क्षेत्रों में जहाँ सूर्य की किरणें कुछ समय के लिए और काफी तिरछी पड़ती हैं वहाँ सौर कुकर का उपयोग बहुत कठिन है।।
प्रश्न 10) ऊर्जा की बढ़ती माँग के पर्यावरणीय परिणाम क्या हैं? ऊर्जा की खपत को कम करने के उपाय लिखिए।
उत्तर:आधुनिकीकरण तथा बढ़ती जनसंख्या की जरूरतों को पूरा करने में जुटे उद्योगों में ऊर्जा की अधिक आवश्यकता है। ऊर्जा की बढ़ती माँग के निम्नलिखित परिणाम हो सकते हैं –
- ऊर्जा की बढ़ती माँग ऊर्जा स्रोत को समाप्त कर सकती है जो पर्यावरणीय असन्तुलन उत्पन्न कर सकती है।
- ऊर्जा की बढ़ती माँग से परंपरागत ऊर्जा स्रोतों का अधिक दोहन होगा। इनके प्राकृतिक भंडार सीमित हैं। अतः भविष्य में ऊर्जा ह्रास की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
ऊर्जा के उपयोग को सीमित करने के लिए निम्नलिखित सुझाव हैं –
- ऊर्जा के दुरुपयोग को रोककर एवं न्यायसंगत उपयोग से ऊर्जा का उपयोग घटाया जा
सकता है। - ऊर्जा के अनवीकरणीय स्त्रोतों पर भार को कम करने के लिए गैर-परंपरागत और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों; जैसे—पवन ऊर्जा, जल ऊर्जा, महासागरीय ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित करना चाहिए।
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